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हमीरपुर: नीलगायों के आतंक से परेशान प्रधानों ने डीएम ने लगाई गुहार

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में अन्ना जानवरों से परेशान किसानों के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गई. अब किसानों के लिए नीलगाय मुसीबत बनती जा रही हैं. नीलगायों को वन विभाग के कर्मचारी भी नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं, जिसके बाद ग्रामीणों के साथ मिलकर ग्राम प्रधानों ने इन नीलगायों को मशक्कत के बाद अस्थाई गोशालाओं में बंद कर दिया है.

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नीलगायों से परेशान किसानों ने जिलाधिकारी से लगाई गुहार.
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Published : Dec 18, 2019, 5:16 PM IST

हमीरपुर: नीलगायों से परेशान किसानों ने डीएम से गुहार लगाई है. वन विभाग से शिकायत के बाद भी कर्मचारी इन्हें नियंत्रित में नहीं कर पा रहे हैं, जिसके बाद ग्राम प्रधानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर नीलगायों को पकड़ा, लेकिन अभी तक इनके खाने-पीने का बंदोबस्त नहीं हो सका, जिसके चलते प्रधानों के सामने नई समस्या खड़ी हो गई. बुधवार को ग्राम प्रधानों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाकर नीलगायों के खाने-पीने के बंदोबस्त की मांग की.

नीलगायों से परेशान प्रधानों ने जिलाधिकारी से लगाई गुहार.

जानें क्या है पूरा मामला

  • अन्ना जानवरों से परेशान किसानों के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गई है.
  • पहले अन्ना जानवर और अब नीलगाय किसानों के लिए मुसीबत बनती जा रही हैं.
  • वन विभाग के कर्मचारियों से शिकायत के बाद भी नीलगायों को नियंत्रित नहीं किया गया.
  • कई ग्राम प्रधानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर नीलगायों को पकड़ कर गोशाला में बंद कर दिया.
  • अभी तक इनके खाने-पीने का बंदोबस्त नहीं सका, जिसके चलते प्रधानों ने डीएम से गुहार लगाई.
  • जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए प्रधानों ने नीलगायों के खाने-पीने के बंदोबस्त की मांग की.

नीलगायों ने किसानों को किया घायल
वन क्षेत्र में रहने वाली यह नीलगाय स्वभाव से बेहद हिंसक होती हैं. आए दिन खेतों में काम करने वाले किसानों को यह नीलगाय घायल भी कर देती हैं. ग्रामीणों ने एक-दूसरे की मदद से इन गायों को पकड़ लिया, लेकिन अब इनके खाने पीने का कोई बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते जिलाधिकारी से ग्रामीणों ने गुहार लगाई है.

वन क्षेत्र में रहने वाली नीलगायें हिंसक होने के कारण किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी थीं. जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बाद वन विभाग कर्मियों ने इन नीलगायों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हिंसक होने के चलते हर बार असफल ही रहे. इन हिंसक नीलगायों को किसानों की मदद से किसी प्रकार अस्थाई गोशालाओं में बंद करा दिया गया है.
-अशोक आनंद, जिलाध्यक्ष प्रधान संघ

हमीरपुर: नीलगायों से परेशान किसानों ने डीएम से गुहार लगाई है. वन विभाग से शिकायत के बाद भी कर्मचारी इन्हें नियंत्रित में नहीं कर पा रहे हैं, जिसके बाद ग्राम प्रधानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर नीलगायों को पकड़ा, लेकिन अभी तक इनके खाने-पीने का बंदोबस्त नहीं हो सका, जिसके चलते प्रधानों के सामने नई समस्या खड़ी हो गई. बुधवार को ग्राम प्रधानों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाकर नीलगायों के खाने-पीने के बंदोबस्त की मांग की.

नीलगायों से परेशान प्रधानों ने जिलाधिकारी से लगाई गुहार.

जानें क्या है पूरा मामला

  • अन्ना जानवरों से परेशान किसानों के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गई है.
  • पहले अन्ना जानवर और अब नीलगाय किसानों के लिए मुसीबत बनती जा रही हैं.
  • वन विभाग के कर्मचारियों से शिकायत के बाद भी नीलगायों को नियंत्रित नहीं किया गया.
  • कई ग्राम प्रधानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर नीलगायों को पकड़ कर गोशाला में बंद कर दिया.
  • अभी तक इनके खाने-पीने का बंदोबस्त नहीं सका, जिसके चलते प्रधानों ने डीएम से गुहार लगाई.
  • जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए प्रधानों ने नीलगायों के खाने-पीने के बंदोबस्त की मांग की.

नीलगायों ने किसानों को किया घायल
वन क्षेत्र में रहने वाली यह नीलगाय स्वभाव से बेहद हिंसक होती हैं. आए दिन खेतों में काम करने वाले किसानों को यह नीलगाय घायल भी कर देती हैं. ग्रामीणों ने एक-दूसरे की मदद से इन गायों को पकड़ लिया, लेकिन अब इनके खाने पीने का कोई बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते जिलाधिकारी से ग्रामीणों ने गुहार लगाई है.

वन क्षेत्र में रहने वाली नीलगायें हिंसक होने के कारण किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी थीं. जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बाद वन विभाग कर्मियों ने इन नीलगायों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हिंसक होने के चलते हर बार असफल ही रहे. इन हिंसक नीलगायों को किसानों की मदद से किसी प्रकार अस्थाई गोशालाओं में बंद करा दिया गया है.
-अशोक आनंद, जिलाध्यक्ष प्रधान संघ

Intro:वन गायों के चारे-पानी के बंदोबस्त के लिए प्रधानों ने लगाई डीएम से गुहार

हमीरपुर। अन्ना गायों के अलावा किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी वन गायों को यूं तो वन विभाग के कर्मचारी भी नियंत्रित नहीं कर पाए। जिसके बाद भारी मशक्कत कर ग्राम प्रधानों ने इन वन गायों को अस्थाई गौशालाओं में बंद तो करवा दिया लेकिन अभी तक इनके खाने-पीने का बंदोबस्त न हो पाने के चलते प्रधानों के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है। जिसके चलते बुधवार को एक दर्जन से अधिक प्रधानों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाकर इन वन गायों के खाने-पीने का बंदोबस्त कराने की मांग की।


Body:प्रधान संघ के जिला अध्यक्ष अशोक आनंद ने बताया कि वन क्षेत्र में रहने वाली वन गायें हिंसक होने के कारण किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी थी। जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बाद वन विभाग कर्मियों ने इन वन गायों को पकड़ने की कोशिश की लेकिन हिंसक होने के चलते वे हर बार असफल ही रहे। उन्होंने बताया कि इन हिंसक वन गायों को किसानों की मदद से किसी प्रकार अस्थाई गौशालाओं में बंद करा दिया गया लेकिन अब इनके खाने पीने का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि वन गायों के चारे पानी का बंदोबस्त करने के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई गई है। जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल चारे पानी का बंदोबस्त करने के निर्देश दिए हैं।


Conclusion:बताते चलें कि वन क्षेत्र में रहने वाली यह वन गाय स्वभाव से बेहद हिंसक होती हैं। आए दिन खेतों में काम करने वाले किसान वन गायों की चपेट में आकर घायल भी होते रहते हैं।

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नोट : बाइट प्रधान संघ के जिला अध्यक्ष अशोक आनंद की है।
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