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हमीरपुर : बे-मौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, पानी से दलहनी फसलों को नुकसान

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश के कारण किसानों के खेतों में पानी भर गया, जिससे उनकी फसलों को नुकसान हो रहा है. वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक एसपी सोनकर बताते हैं कि लगातार हो रही बारिश दलहनी फसलों के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है.

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बारिश से किसानों की फसल बर्बाद.
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Published : Jan 16, 2020, 3:19 PM IST

हमीरपुर: बीते दो दिनों से हो रही बारिश के कारण किसानों के खेतों में पानी भर गया है, जिससे खेतों में खड़ी सरसों, चना, मसूर सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों के लिए यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं है. अबकी बार जिले के ज्यादातर किसानों ने दलहनी फसलों की बुवाई की थी, लेकिन बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

बारिश से किसानों की फसल बर्बाद.
झलोखर गांव निवासी किसान मैकूलाल ने बताया कि अबकी बार खेतों में अच्छी फसल देखकर वह काफी खुश थे, लेकिन अचानक मौसम की बेरुखी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. खेतों में खड़ी मटर, सरसों और मसूर की फसल के फूल झड़ गए हैं. इससे उनमें दाना पड़ने की उम्मीद खत्म हो गई है. उन्होंने बताया कि बारिश के कारण उनके खेतों में पानी भर गया है, जिसकी चपेट में आकर उनकी सारी फसल प्रभावित हो रही है.

कृषि वैज्ञानिक ने दी जानकारी
कुरारा कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक एसपी सोनकर बताते हैं कि लगातार हो रही बारिश दलहनी फसलों के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है. उन्होंने बताया कि बारिश से मटर की खेतों में पानी भर गया है, जिससे मटर की खेती प्रभावित हुई है. सरसों की फसल के फूल भी इस बारिश की चपेट में आकर नष्ट हुए हैं, जिसका असर उत्पादन पर पड़ना तय है.

इसे भी पढ़ें- वाराणसीः नगर निगम उपचुनाव में सपा ने मारी बाजी

उन्होंने बताया कि बारिश के कारण चने की फसल भी प्रभावित होगी. इस बारिश से चने की फसल में वनस्पतिक वृद्धि अत्यधिक होगी, जिसका उत्पादन पर असर पड़ेगा. यह बारिश गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए यह पानी गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित होगा.

हमीरपुर: बीते दो दिनों से हो रही बारिश के कारण किसानों के खेतों में पानी भर गया है, जिससे खेतों में खड़ी सरसों, चना, मसूर सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों के लिए यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं है. अबकी बार जिले के ज्यादातर किसानों ने दलहनी फसलों की बुवाई की थी, लेकिन बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

बारिश से किसानों की फसल बर्बाद.
झलोखर गांव निवासी किसान मैकूलाल ने बताया कि अबकी बार खेतों में अच्छी फसल देखकर वह काफी खुश थे, लेकिन अचानक मौसम की बेरुखी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. खेतों में खड़ी मटर, सरसों और मसूर की फसल के फूल झड़ गए हैं. इससे उनमें दाना पड़ने की उम्मीद खत्म हो गई है. उन्होंने बताया कि बारिश के कारण उनके खेतों में पानी भर गया है, जिसकी चपेट में आकर उनकी सारी फसल प्रभावित हो रही है.

कृषि वैज्ञानिक ने दी जानकारी
कुरारा कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक एसपी सोनकर बताते हैं कि लगातार हो रही बारिश दलहनी फसलों के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है. उन्होंने बताया कि बारिश से मटर की खेतों में पानी भर गया है, जिससे मटर की खेती प्रभावित हुई है. सरसों की फसल के फूल भी इस बारिश की चपेट में आकर नष्ट हुए हैं, जिसका असर उत्पादन पर पड़ना तय है.

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उन्होंने बताया कि बारिश के कारण चने की फसल भी प्रभावित होगी. इस बारिश से चने की फसल में वनस्पतिक वृद्धि अत्यधिक होगी, जिसका उत्पादन पर असर पड़ेगा. यह बारिश गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए यह पानी गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित होगा.

Intro:बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, मटर, सरसों व चना की फसल पर मंडरा रहे संकट के बादल

हमीरपुर। दशकों से दैवीय आपदा की मार झेल रहे बुंदेलखंड के जिले हमीरपुर के किसानों के माथे पर एक बार फिर से चिंता की लकीरें उभर आई हैं। बीते दो दिनों से हो रही बारिश के चलते किसानों के खेतों में पानी भर गया है, जिससे खेतों में खड़ी सरसों, चना, मसूर सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों के लिए हो रही ये बारिश किसी वरदान से कम नहीं है। अबकी बार जिले के ज्यादातर किसानों ने दलहनी फसलों की बुवाई की थी, लेकिन बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।


Body:झलोखर गांव निवासी किसान मैकूलाल बताते हैं कि अबकी बार खेतों में अच्छी फसल देखकर वे काफी खुश थे लेकिन अचानक मौसम की बेरुखी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। खेतों में खड़ी मटर, सरसों, व मसूर की फसल के फूल झड़ गए हैं जिससे उनमें दाना पड़ने की उम्मीद खत्म हो गई है। वे बताते हैं कि बारिश के चलते उनके खेतों में पानी भर गया है जिसकी चपेट में आकर उनकी सारी फसल प्रभावित हो रही है। वहीं कुरारा कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक एसपी सोनकर बताते हैं कि लगातार हो रही बारिश दलहनी फसलों के लिए नुकसान का कारक साबित हो सकती है।


Conclusion:उन्होंने बताया कि बारिश से मटर की खेतों में पानी भर गया है जिससे मटर की खेती प्रभावित हुई है। वहीं सरसों की फसल के फूल भी इस बारिश की चपेट में आकर नष्ट हुए हैं जिसका असर उत्पादन पर पड़ना तय है। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण चने की फसल भी प्रभावित होगी। इस बारिश से चने की फसल में वनस्पतिक वृद्धि अत्यधिक होगी जिसका उत्पादन पर असर पड़ेगा। लेकिन यह बारिश गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल अभी शुरुआती दौर में है इसलिए यह पानी खेतों के लिए वरदान है।

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नोट : पहली बाइट किसान मैकूलाल की है एवं दूसरी बाइट कृषि वैज्ञानिक एसपी सोनकर की है।
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