हमीरपुर: सरीला क्षेत्र के उप गल्ला मंडी जंगल में तब्दील होने की खबर ईटीवी भारत में चलने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया. मौके पर पहुंचे एसडीएम खालिद अंजुम ने ममना गांव की गल्ला मंडी का निरीक्षण किया. इस दौरान कई खामियों को दूर करने के निर्देश दिए गए. वहीं, एसडीएम के अचानक मंडी परिसर पहुंचने से इलाके में हड़कंप मच गया.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड पैकेज के नाम पर करोड़ों रुपये दिए थे. इस पैकेज से राज्य सरकार ने किसानों के लिए करोड़ों की लागत से उपमंडी बनाई थी, लेकिन रख रखाव के अभाव में मंडी परिसर में पेड़ उग जाने के चलते पूरा मंडी परिसर जंगल में तब्दील हो गया. मामले की खबर प्रकाशित होने के कुछ ही घंटों बाद ही मंडी सचिव में हरकत में आए और परिसर में फैले बबूल के पेड़ काटने के साथ सफाई शुरू कर दी.
एसडीएम सरीला खालिद अंजुम ने मंगलवार को क्षेत्र के ममना गल्ला मंडी का निरीक्षण किया. इस दौरान एसडीएम ने मंडी में फैले अतिक्रमण को लेकर नाराजगी जाहिर की और परिसर में लगे जनरेटर धर्मकांटा को चेक किया. परिसर में गायब सोलर की जानकारी ली. मंडी की सुरक्षा में तैनात पीआरडी गार्ड को सरकारी संपत्ति की सुरक्षा में लापरवाही न करने को कहा गया. साथ ही सचिव को मंडी परिसर में खामियों को शीघ्र दुरस्त करने के निर्देश दिए.
इस खबर का हुआ था असर- जंगल में तब्दील बुंदेलखंड पैकेज में बनाई गई गल्ला मंडी, कीमती उपकरण गायब
मंडी सचिव राघवेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि उनके अंतर्गत 12 मंडी आती है. जिसमें अधिकांश दुकानें आवंटित हो गई है. वर्तमान में किसी भी दुकान में व्यापार संचालित नहीं है. कृषि कानून की वजह से व्यापारी अब बाहर से माल खरीदने लगे हैं. व्यापारी मंडी के अंदर काम करने को तैयार नहीं है. जिसकी वजह से यह मंडियां वीरान होने की कगार पर पहुंच गई हैं. ममना मंडी में अतिक्रमण हटाया जा रहा है. परिसर में किसका सामान है इसकी कोई जानकारी नहीं है.
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