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हमीरपुर में ठंड के कहर से गोशालाओं में बंद बेजुबानों का बुरा हाल

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Published : Jan 18, 2022, 1:23 PM IST

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के कई गांव के गोशालाओं में चारे-भूसे के इन्तजाम नाकाफी है, यहां की व्यवस्थाएं सब कागजी हैं. कड़ाके की इस सर्दी में गोवंश के बचाव के लिए कोई इंतजाम धरातल पर नहीं दिखाई दे रहे हैं. कुछ जगहों पर टीन शेड है, लेकिन वहां सर्द हवाओं से बचाव के इंतजाम नहीं हैं. इसके अलावा गोशालाओं में गोवंश की तादात अधिक है और टीन सेट के नीचे पर्याप्त जगह नहीं है. इससे गोवंश खुले आसमान के नीचे कांपते हैं.

ठंड के कहर से गौशालाओं में बंद बेजुबानों का बुरा हाल
ठंड के कहर से गौशालाओं में बंद बेजुबानों का बुरा हाल

हमीरपुरः ठंड के इस मौसम में बेजुबानों का बुरा हाल है. गोशाला में सर्द हवाएं व कोहरे की धुंध गोवंश को दर्द देने लगी हैं. इसका कारण है कि गोशालाओं में सर्दी से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं. मवेशी कहीं खुले आसमान के नीचे ठिठुर रहे हैं तो कहीं टीन सेट के नीचे सर्द हवाओं से कांप रहे हैं. यही नहीं अफसरों की अनदेखी से गोशाला में लगातार गोवंश दम तोड़ रहे हैं. यह अलग बात है कि शासन गोवंश की रक्षा व उनके भरण-पोषण को खासा ध्यान दे रही. लेकिन, संबंधित अधिकारी उदासीनता बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. जिले की सरीला क्षेत्र में बनी गौशाला धरातल में कम और कागजों में ज्यादा चल रही है.


जनपद के गोहांड व सरीला नगर पंचायत में दो गोशाला संचालित है. वहीं विकास खंड गोहांड 49 व सरीला 45 में गांव हैं, जिसमें से सरीला में 5354 व गोहांड में 4445 गोवंश बंद हैं. इन गोशालाओं में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 16 गोवंश की मौत हुई है. ग्रामीणों के अनुसार, क्षेत्र में बंद गौशालाओं में आये दिन मवेशियों की मौत हो रही है.

खुले आसमान के नीचे गोवंश
खुले आसमान के नीचे गोवंश

गोशालाओं में चारे-भूसे के इन्तजाम नाकाफी है, व्यवस्थाएं सब कागजी हैं. कड़ाके की इस सर्दी में गोवंश के बचाव के लिए कोई इंतजाम धरातल पर नहीं दिखाई दे रहे हैं. कुछ जगहों पर टीन शेड है, लेकिन वहां सर्द हवाओं से बचाव के इंतजाम नहीं हैं. इसके अलावा गोशालाओं में गोवंश की तादात अधिक है और टीन शेड के नीचे पर्याप्त जगह नहीं है. इससे गोवंश खुले आसमान के नीचे कांपते हैं.


गोहांड ब्लाक के रिगवारा व सरीला बालक के भैंसाय गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बनी गौशाला में ठंड से बचाव के कोई इंजमाम नहीं है. ग्रामीणों ने टीन शेड को चारों तरफ टाट, फट्टी, तिरपाल लगाने की मांग की है, जिससे पशु को कड़ाके की सर्दी से बचाया जा सके. गांव के रहने वाले जगत सिंह पाल, भोला द्विवेदी, महेंद्र बाबा, माधव प्रसाद राजपूत, सतीश चन्द्र राजपूत योगी महाराज ने जिम्मेदार पदाधिकारियों प्रधान सचिव को कई बार समस्याओं से अवगत करवाया, लेकिन आज तक कोई समुचित कार्रवाई नहीं हुई.

वही भैंसाय गांव के प्रधान दयाशंकर ने बचाव करते हुए बताया कि गांव की गौशाला में बंद मवेशियों को पास की नदी में विचरण को ले जाया जाता है. वहीं पर पीने के पानी की सुविधा है. मवेशियों को खाने को भूसा दिया जा रहा है. ठंड में बचाव के लिए बरसाती (तिरपाल) लगाई गई, लेकिन मवेशियों ने खींच कर फाड़ दी है फिर से बरसाती लगाई जाएगी.

टीन शेड के नीचे खड़े गोवंश
टीन शेड के नीचे खड़े गोवंश


पूरे मामले पर गोहांड के पशु चिकित्साधिकारी व ई खंड विकास अधिकारी पीडी राजपूत ने बताया कि क्षेत्र की सभी गौशालाओं में ठंड से बचाव के पर्याप्त इंतजाम है. जहां भी बरसाती व पन्नी क्षतिग्रस्त है उसे ठीक कराया जाएगा. भूसे के लिए पैसा भेजा दिया गया है, और पीने के पानी के लिए गौशालाओं में हैंडपंप व समरसेबल की व्यवस्था है.

पढ़ें- गोशाला में जिंदा गोवंशों को आवारा कुत्ते बना रहे निवाला, हिन्दू संगठनों में आक्रोश

हमीरपुरः ठंड के इस मौसम में बेजुबानों का बुरा हाल है. गोशाला में सर्द हवाएं व कोहरे की धुंध गोवंश को दर्द देने लगी हैं. इसका कारण है कि गोशालाओं में सर्दी से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं. मवेशी कहीं खुले आसमान के नीचे ठिठुर रहे हैं तो कहीं टीन सेट के नीचे सर्द हवाओं से कांप रहे हैं. यही नहीं अफसरों की अनदेखी से गोशाला में लगातार गोवंश दम तोड़ रहे हैं. यह अलग बात है कि शासन गोवंश की रक्षा व उनके भरण-पोषण को खासा ध्यान दे रही. लेकिन, संबंधित अधिकारी उदासीनता बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. जिले की सरीला क्षेत्र में बनी गौशाला धरातल में कम और कागजों में ज्यादा चल रही है.


जनपद के गोहांड व सरीला नगर पंचायत में दो गोशाला संचालित है. वहीं विकास खंड गोहांड 49 व सरीला 45 में गांव हैं, जिसमें से सरीला में 5354 व गोहांड में 4445 गोवंश बंद हैं. इन गोशालाओं में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 16 गोवंश की मौत हुई है. ग्रामीणों के अनुसार, क्षेत्र में बंद गौशालाओं में आये दिन मवेशियों की मौत हो रही है.

खुले आसमान के नीचे गोवंश
खुले आसमान के नीचे गोवंश

गोशालाओं में चारे-भूसे के इन्तजाम नाकाफी है, व्यवस्थाएं सब कागजी हैं. कड़ाके की इस सर्दी में गोवंश के बचाव के लिए कोई इंतजाम धरातल पर नहीं दिखाई दे रहे हैं. कुछ जगहों पर टीन शेड है, लेकिन वहां सर्द हवाओं से बचाव के इंतजाम नहीं हैं. इसके अलावा गोशालाओं में गोवंश की तादात अधिक है और टीन शेड के नीचे पर्याप्त जगह नहीं है. इससे गोवंश खुले आसमान के नीचे कांपते हैं.


गोहांड ब्लाक के रिगवारा व सरीला बालक के भैंसाय गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बनी गौशाला में ठंड से बचाव के कोई इंजमाम नहीं है. ग्रामीणों ने टीन शेड को चारों तरफ टाट, फट्टी, तिरपाल लगाने की मांग की है, जिससे पशु को कड़ाके की सर्दी से बचाया जा सके. गांव के रहने वाले जगत सिंह पाल, भोला द्विवेदी, महेंद्र बाबा, माधव प्रसाद राजपूत, सतीश चन्द्र राजपूत योगी महाराज ने जिम्मेदार पदाधिकारियों प्रधान सचिव को कई बार समस्याओं से अवगत करवाया, लेकिन आज तक कोई समुचित कार्रवाई नहीं हुई.

वही भैंसाय गांव के प्रधान दयाशंकर ने बचाव करते हुए बताया कि गांव की गौशाला में बंद मवेशियों को पास की नदी में विचरण को ले जाया जाता है. वहीं पर पीने के पानी की सुविधा है. मवेशियों को खाने को भूसा दिया जा रहा है. ठंड में बचाव के लिए बरसाती (तिरपाल) लगाई गई, लेकिन मवेशियों ने खींच कर फाड़ दी है फिर से बरसाती लगाई जाएगी.

टीन शेड के नीचे खड़े गोवंश
टीन शेड के नीचे खड़े गोवंश


पूरे मामले पर गोहांड के पशु चिकित्साधिकारी व ई खंड विकास अधिकारी पीडी राजपूत ने बताया कि क्षेत्र की सभी गौशालाओं में ठंड से बचाव के पर्याप्त इंतजाम है. जहां भी बरसाती व पन्नी क्षतिग्रस्त है उसे ठीक कराया जाएगा. भूसे के लिए पैसा भेजा दिया गया है, और पीने के पानी के लिए गौशालाओं में हैंडपंप व समरसेबल की व्यवस्था है.

पढ़ें- गोशाला में जिंदा गोवंशों को आवारा कुत्ते बना रहे निवाला, हिन्दू संगठनों में आक्रोश

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