गोरखपुर: बीमारी का इलाज ही एकमात्र उपाय नहीं है. बचाव के तरीकों को भी अपनाकर बीमारियों से बचा जा सकता है. यह बात योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 'स्वस्थ पूर्वांचल, एक पहल' विषय पर गुरुवार की शाम आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार और सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही. उन्होंने इसका सबसे बड़ा उदाहरण पूर्वांचल में महामारी का रूप ले चुकी इंसेफलाइटिस की बीमारी का दिया. उन्होंने कहा कि 1977 से इंसेफेलाइटिस की बीमारी पूर्वांचल के बच्चों को निगल रही थी. लेकिन इस पर कोई न तो राजनीतिक पहल हुई और न ही यह मुद्दा बना था. लेकिन उन्होंने बतौर सांसद इसे मुद्दा बनाया, संसद में उठाया और मुख्यमंत्री होने के बाद तो इसमें कमी लाने का जो संकल्प लिया वह आज पूरी तरह से सफल होता दिखाई दे रहा है. इसमें इलाज से ज्यादा बचाव की प्रमुख भूमिका है.
एम्स में होगी वेबिनार के जरिये बेहतर स्वास्थ्य उपाय पर चर्चा
पूर्वांचल में बेहतर स्वास्थ की संकल्पना को लेकर एम्स में अगले 2 दिनों तक सेमिनार-वेबीनार आयोजित होगा. इसमें आसपास के 9 जिलों के सीएमओ जहां एकत्रित होंगे. वहीं वेबिनार के जरिए अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद समेत कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ बेहतर भविष्य की रूपरेखा तय करेंगे. सीएम योगी ने इस दौरान उन सभी लोगों को बड़ा संदेश देने की कोशिश की, जो यह कहते हैं कि बजट के अभाव में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करना मुश्किल है. जबकि ग्राम विकास, पंचायती राज के बजट से होने वाले तमाम कार्य स्वास्थ्य और स्वच्छता को बड़े पैमाने पर सपोर्ट करते हैं. बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग भी बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और मातृ कल्याण के लिए काम करता है. उन्होंने एम्स की निदेशक डॉ सुरेखा किशोर समेत सभी डॉक्टर से आग्रह किया कि कुछ ऐसा शोध परक कार्य करें, जिससे एम्स की अपनी विशेष पहचान कायम रहे.