गोरखपुर: इन दिनों जनपद के 12 वार्डों में डेंगू की बीमारी फैलने का खतरा बढ़ा हुआ है. इन वार्डों में बुखार के ज्यादा मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमा और विश फाउंडेशन साथ मिलकर इसका हल ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं अर्बन एरिया को इससे मुक्त करने के लिए मीडिया और अन्य सामाजिक संगठनों की मदद लेकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश भी शुरू कर दी गई है. गुरुवार को इन दोनों के सम्मिलित प्रयास से कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला में डेंगू की रोकथाम और बचाव के तौर-तरीकों पर की गई चर्चा
- गोरखपुर शहर के अंदर कुल 70 वार्ड हैं.
- इसमें 12 वार्डों में बुखार के ज्यादा मरीज मिले हैं.
- करीब 1 लाख 65 हजार 430 लोगों से संपर्क करके और 11500 घरों तक पहुंचकर इस तरह के आंकड़ों को जुटाया गया है.
- यही वजह है कि सरकारी तंत्र और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग कर रहे कुछ एनजीओ इस बीमारी के रोकथाम को लेकर सक्रिय हुए हैं.
- इन दोनों समूहों का मानना है कि इससे बचाव का एकमात्र उपाय लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करना और बचाव के तरीकों का ज्ञान कराना है.
- इस कार्यशाला में एक बात और भी चौंकाने वाली रही कि डेंगू के अधिकांश मरीज अर्बन एरिया से निकलते हैं.
- गांवों में इसके केस कम ही हैं. वहीं 93 परसेंट लोग ऐसे हैं जिनको मालूम ही नहीं कि डेंगू किस मच्छर के काटने से और कब काटने से होता है.
डेंगू के लक्षण
- अचानक से तेज सिर दर्द और बुखार का होना.
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना.
- आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है.
- जी मिचलाना, उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना और त्वचा पर चकत्ते का उभरना हैं.
कैसे और कब होता है डेंगू
- डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता.
- इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं, ये मच्छर दिन में खासकर सुबह काटते हैं.
- डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं.
डेंगू से बचाव के तरीके
- डेंगू फैलाने वाले मच्छर ठहरे हुए या साफ पानी में पनपते हैं. जैसे कूलर का पानी, पानी की टंकी, फ्रिज की ट्रे आदि.
- पानी से भरे हुए बर्तनों और टंकियों को ढक कर रखें. कूलर को खाली करके सुखा दें.
- यह मच्छर दिन के समय काटता है, इसलिए ऐसे कपड़े पहने जो पूरे बदन को ढक सके.
- बुखार होते ही डॉक्टर की सलाह लें.
एक्सपर्ट की टीम ने इस दौरान इस बात की ओर साफ इशारा किया कि डेंगू के हर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाना जरूरी नहीं होता. यही वजह है कि इसका दुष्प्रचार कर तमाम पैथोलॉजी सेंटर और डॉक्टर मरीजों का आर्थिक दोहन करने में कामयाब हो जाते हैं. एक्सपर्टस् ने लोगों को सलाह दी कि बुखार होते ही अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ही जाएं और चिकित्सक के परामर्श पर सरकारी अस्पताल में खून की जांच कराएं. इससे डेंगू की वास्तविकता से अवगत होंगे और आर्थिक बोझ से भी बचेंगे.