गोरखपुरः जनपद में टेराकोटा दस्तकारों का वर्कशॉप सेन्टर सर्वजनिक शौचालय के लिए मोहताज है. यह स्थिति तब है जब औरंगाबाद गांव 2008 में, जनपद 2018 में ओडीएफ घोषित हो चुका है. यहां महिला और पुरुषों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है, जो स्वच्छ भारत मिशन को तगड़ा झटका दे रहा है. जिम्मेदार ग्राम पंचायत खाता बन्द होने की बात कहकर अपने को साफ-सुथरा बताने में लगे हैं.
महिला-पूरुष दर्जनों दस्तकार मजदूर करते हैं काम
सरकारी अनुदान से लाखों रुपयों के खर्च से वर्कशॉप सेन्टर निर्मित हुआ है, लेकिन एक शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है. टेराकोटा औरंगाबाद के कुम्हारों का जीविकोपार्जन का मुख्य श्रोत मिट्टी को आकार देना है. कलाकृतियों को बाजार में बेंच उनके परिवार का खर्च चलता है. लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह वर्कशॉप पर लगभग 80 लोग काम करते हैं, जिसमें अधिकांश बाहरी महिला मजदूर और कारीगर शामिल हैं.
राम कली देवी, गुलाब चन्द्र प्रजापति, जयप्रकाश, तारा देवी, सरस्वती देवी, शान्ति देवी, आदि दस्तकारों ने ईटीवी भारत से बताया कि काम करते समय शौच की आवश्यकता पड़ती है, शौचालय न होने पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शौच के लिए हम लोगों को वर्कशॉप से दूर घर या खुले में शौच जाना पड़ता है. घर आने-जाने में काफी समय लगता है, जिसके कारण काम में रुकावट पैदा होती है.
देश-विदेश से आते हैं खरीदार
ईटीवी भारत से खास बातचीत में लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष लक्ष्मी चन्द्र प्रजापति बताते हैं कि हमारा गांव 2007-2008 में पूर्ण रूप से ओडीएफ घोषित हो चुका है. तत्कालीन प्रधान गुलाब चन्द्र प्रजापति को तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा सम्मानित किया जा चुका है, लेकिन हमारे वर्कशॉप पर एक भी शौचालय नहीं बना है. यहां पर देश-विदेश और बाहर से खरीदार आते-जाते रहे हैं, जो 15-15 दिन तक ठहरते हैं.
प्रधानपति ने कहा- बनवा दिया जाएगा शौचालय
खरीदारों के लिए भी शौचालय की कोई व्यस्था नहीं है. यहां पर महिलाएं और पूरुष मजदूर भी काम करते है, उनके सामने भी शौचालय का संकट बना रहता है. इसके संदर्भ में जब ग्राम प्रधानपति से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारा गांव 15 अगस्त 2016 में ओडीएफ घोषित हो चुका है. टेराकोटा वर्कशॉप पर शौचालय बनाने के लिए बात किए थे, लेकिन 2017 से हमारे वहां 14वें वित्त पर रोक लगा है, जिसकी वजह से शौचालय बनाने में दिक्कत आई है. खाता जैसे ही चालू होगा, शौचालय बनवा दिया जाएगा.
डीपीआरओ ने कहा- एडीओ बनवा देंगे शौचालय
इस संबंध में डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसे जगहों पर शौचालय बनवाने के लिए अलग से प्रावधान नहीं है. जो ग्राम प्राधान है उसी को 14वें वित्त से शौचालय बनवाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि खाता तो सबका खुला हुआ है. अब जो भी पेमेंट होगा डोंगर से होगा. हो सकता है उनका डोंगर न बना हो, उसे पता करा लेते हैं. डोंगर नहीं बना होगा तो दो तीन दिन में बन जायेगा. मेरे पास एडीओ पंचायत भटहट बैठे हुए हैं, उनसे कह देता हूं शौचालय बनवा देंगे.