गोरखपुर: "जाको राखे साइयां मार सके ना कोय" प्रचलित कहावत की यह लाइन, पीपीगंज में घटी एक घटना से पूरी तरह सच साबित हुई है. शारीरिक रूप से कमजोर एक वृद्ध महिला राप्ती नदी में मछुआरे का जाल पकड़कर 24 घंटे तक पानी में पड़ी रही और जिंदा बच गई. यह जाल भी ऐसा था जिसे मछुआरा ने मछली पकड़ने के लिए नदी में डाला था. मछुआरा जाल डालकर अपने घर चला गया था. मंगलवार सुबह जब वह अपना जाल निकालने के लिए आया तो उसके जाल का वजन इतना ज्यादा था कि वह हैरान हो गया.
उसे लगा कि कोई बड़ी मछली जाल में फंस गई है. लेकिन जैसे वह जाल को अपनी ओर खींचा और नदी के किनारे लाया जाल में फंसी वृद्ध महिला नजर आई. यह महिला किसी कार्य के लिए नदी के तट पर गई थी और उसका सहारा बना डंडा हाथ से छूट कर नदी में जा गिरी. गनीमत यही रही वह अभी गहरे पानी में जाती कि मछुआरे के जाल में वह फंस गई. वहीं, जाल पकड़कर पूरी रात नदी के पानी में काट दी. जहां भगवान ही उसके जीवन को बचाने में मददगार बने. फिलहाल, यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है.
पीपीगंज थाना क्षेत्र के जंगल कौड़िया पुलिस चौकी अंतर्गत गायघाट के पास वृद्ध महिला मछुआरे के जाल में मिली. यह पूरा मामला रविवार का बताया जा रहा है, जिसका वीडियो मंगलवार को वायरल हुआ है. जंगल कौड़िया टोला गायघाट की निवासी भानमती जो मानसिक रूप से कुछ कमजोर हैं. वह एक पतले डंडे के सहारे नदी की तरफ चली गई थी. वह बताती हैं कि नदी में पैर फिसलने की वजह से गिर गई थीं. जहां पर मछुआरों ने जाल लगाया हुआ था और इस जाल में वह फंस गईं और जाल पकड़कर रात भर पानी में बैठी रहीं.
अगले दिन जब मछुआरे गए तो उन्होंने जाल को नदी से बाहर निकालना शुरू किया तो पता चला कि जाल में एक महिला है. बाहर निकालने पर पता चला की महिला जिंदा है. इस पर महिला को सही सलामत घर पहुंचा दिया. जानकारी के बाद पुलिस भी महिला के घर छानबीन के घर गई थी. जिस पर महिला ने कहा कि उसे कोई मारता पीटता नहीं है और न ही किसी ने उसे जबरन नदी में भेजा था. वह अपनी मर्जी से नदी पर गई थी. नदी के किनारे बैठी थी तो पैर फिसलने से पानी के अंदर चली गई. वीडियो में महिला के घर वाले भी उसको लेकर परेशान दिखाई दे रहे हैं. उनका भी कहना है कि महिला को कोई परेशान नहीं करता, वह अपने मन से इधर-उधर जाती रहती है.
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