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बुजुर्ग दंपति की मौत ने गढ़ी प्रेम की रवायत, पति की मौत के लम्हों संग अलविदा हुई पत्नी - गोरखपुर हिन्दी न्यूज

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गुलरिहा इलाके में एक दंपति की अनोखी प्रेम कहानी प्रकाश में आई है. दोनों में इतनी मोहब्बत थी कि जीते जी उन्होंने शादी के बंधन और वचन को निभाने के साथ राह-ए-मौत पर भी एक दूजे का साथ निभाया. पति की मौत के ठीक चार घंटे बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया, जिसके बाद दंपति का एक ही चिता पर दाह संस्कार किया गया.

बुजुर्ग दंपति की अनोखी प्रेम कहानी.
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Published : Oct 12, 2019, 9:25 PM IST

गोरखपुरः जिले के गुलरिहा इलाके के तेतरिया टोला में एक परिवार में उस वक्त कोहराम मच गया, जब पति के मरने के ठीक चार घंटे बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया. दंपति की इस तरह मौत को लोग प्रेम की अनोखी कहानी बता रहे हैं. इस बुजुर्ग दंपति की एक साथ हुई मौत अमर प्रेम की कहानी को चरितार्थ कर रही है.

बुजुर्ग दंपति की अनोखी प्रेम कहानी.

पति की मौत के 4 घंटे बाद पत्नी ने भी छोड़ी दुनिया

  • जिले के गुलरिहा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत जंगल डुमरी नंबर एक के तेतरिया टोला का है.
  • जहां के रहने वाले 80 वर्षीय पाखंडी की मौत शुक्रवार की रात को हुई और चार घण्टे के अंतराल में उनकी पत्नी 75 वर्षीय तेतरा देवी ने भी दम तोड़ दिया.
  • पहले पति ने फिर पत्नी, एक ही दिन दोनों ने दम तोड़कर अमर प्रेम की कहानी को चरितार्थ कर गए.
  • बताया जाता है कि मृतक पाखंडी की दो वर्ष से तबीयत खराब चल रही थी और पत्नी तेतरा देवी पति की मृत्यु के वियोग में अपना दम तोड़ दिया.
  • लोगों का कहना है कि मृतक दंपति जीते जी तो अपना वादा निभाया ही. साथ ही उन्होंने मरने में भी एक दूसरे का साथ निभाया.

गरीबी का दंश झेल रहे थे मृतक दंपति
मृतक दंपति की आर्थिक स्थिति खराब थी. दंपति का एक ही लड़का और चार लड़कियां है, जिसमें सभी की शादी हो चुकी है. मृतक दंपति का परिवार गरीबी का दंश शुरु से ही झेलता रहा.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर: किसान के बेटे ने पीसीएस परीक्षा में हासिल की 17वीं रैंक

एक ही चिता पर जली दंपति की लाश
दंपति की एक साथ मौत की खबर गांव में आग की तरह फैल गई. रिश्तेदारों और आस पड़ोस के लोगों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. दोनों की अर्थी अलग-अलग सजाई गई. दम्पति को एक ही साथ बांस स्थान स्थित श्मशान घाट ले जाया गया. दोनों की अर्थी एक ही चिता पर सजाई गई. पुत्र राजेंद्र राजभर ने मुखाग्नि देकर माता-पिता का दाह संस्कार किया.

गोरखपुरः जिले के गुलरिहा इलाके के तेतरिया टोला में एक परिवार में उस वक्त कोहराम मच गया, जब पति के मरने के ठीक चार घंटे बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया. दंपति की इस तरह मौत को लोग प्रेम की अनोखी कहानी बता रहे हैं. इस बुजुर्ग दंपति की एक साथ हुई मौत अमर प्रेम की कहानी को चरितार्थ कर रही है.

बुजुर्ग दंपति की अनोखी प्रेम कहानी.

पति की मौत के 4 घंटे बाद पत्नी ने भी छोड़ी दुनिया

  • जिले के गुलरिहा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत जंगल डुमरी नंबर एक के तेतरिया टोला का है.
  • जहां के रहने वाले 80 वर्षीय पाखंडी की मौत शुक्रवार की रात को हुई और चार घण्टे के अंतराल में उनकी पत्नी 75 वर्षीय तेतरा देवी ने भी दम तोड़ दिया.
  • पहले पति ने फिर पत्नी, एक ही दिन दोनों ने दम तोड़कर अमर प्रेम की कहानी को चरितार्थ कर गए.
  • बताया जाता है कि मृतक पाखंडी की दो वर्ष से तबीयत खराब चल रही थी और पत्नी तेतरा देवी पति की मृत्यु के वियोग में अपना दम तोड़ दिया.
  • लोगों का कहना है कि मृतक दंपति जीते जी तो अपना वादा निभाया ही. साथ ही उन्होंने मरने में भी एक दूसरे का साथ निभाया.

गरीबी का दंश झेल रहे थे मृतक दंपति
मृतक दंपति की आर्थिक स्थिति खराब थी. दंपति का एक ही लड़का और चार लड़कियां है, जिसमें सभी की शादी हो चुकी है. मृतक दंपति का परिवार गरीबी का दंश शुरु से ही झेलता रहा.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर: किसान के बेटे ने पीसीएस परीक्षा में हासिल की 17वीं रैंक

एक ही चिता पर जली दंपति की लाश
दंपति की एक साथ मौत की खबर गांव में आग की तरह फैल गई. रिश्तेदारों और आस पड़ोस के लोगों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. दोनों की अर्थी अलग-अलग सजाई गई. दम्पति को एक ही साथ बांस स्थान स्थित श्मशान घाट ले जाया गया. दोनों की अर्थी एक ही चिता पर सजाई गई. पुत्र राजेंद्र राजभर ने मुखाग्नि देकर माता-पिता का दाह संस्कार किया.

Intro:गोरखपुर के गुलरिहा इलाके में एक दम्पति की अनोखी प्रेम कहानी प्रकाश में आया है. दोनो में इतनी मुहब्बत थी कि जीते जी उन्होंने ने शादि के बंधन और वचन को निभाने के साथ राह ए मौत पर भी एक दूजे का साथ निभाया. पति के मौत के ठीक चार घंटा बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया. दोनो का एक ही चिता पर दाह संस्कार किया गया.

पिपराइच गोरखपुरः जनपद के गुलरिहा इलाके के जंगल डुमरी नंबर एक के तेतरिया टोला में एक परिवार में उस वक्त कोहराम मच गया जब पति के मरने के ठीक चार घंटा बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया. दम्पति की इस तरह मौत को लोग प्रेम की अनोखी कहानी बता रहे है तो दूसरी तरफ विवाह के बंधन में बंधते समय लिए गए सात फेरे के साथ खाई जाने वाली कसमों को जीतेजी निभाने के साथ मर कर भी निभाने की चर्चा है। इस बुजुर्ग दम्पती की हुई एक साथ मौत ने अमर प्रेम की कहानी को चरितार्थ कर रहा है. फिलहाल जो भी है लेकिन उनके बच्चों के सिर से एक साथ मां बाप का साया उठना गजब ढा गया.Body:जनपद के गुलरिहा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत जंगल डुमरी नंबर एक के तेतरिया टोला निवासी 80 वर्षीय पाखंडी की मौत शुक्रवार की रात करीब 8 बजे, और चार घण्टे के अंतराल में उनकी पत्नी 75 वर्षीय तेतरा देबी ने भी दम तोड़ दिया. पहले पति ने फिर पत्नी, एक ही दिन दोनो ने दम तोड़ कर अमर प्रेम की कहानी को चरितार्थ कर गए. बताया जाता है कि मृतक पाखंडी की दो वर्ष से तबीयत खराब चल रही थी और पत्नी तेतरा देवी पति के मृत्यु के वियोग में अपना भी दम तोड़ दिया।
हिन्दू रीतिरिवाज के मुताबिक पति-पत्नी शादी के सात फेरों के साथ वचनबद्ध होते है कि हर सुखदुख में हम एक दूजे के साथ रहेंगे। लोगों कहना है कि मृत दम्पति जीते जी तो अपना वादा निभाया है उन्होंने मरने में भी एक दूसरे का साथ निभाया। दोनों ने जिंदगी की अंतिम साथ ली। शादियों में एक साथ जीने मरने की कसमें और एक दूसरे से किये वादे को निभा गए जो इस युग में भी अमर प्रेम की कहानी को चरितार्थ कर गए।Conclusion:
$विवाह के अटूट बंधन में बंधते ही दोनो में गहराई मोहब्बत$
स्थानीय लोगों का कहना है कि दोनो का छह सदशक पहले साधारण विवाह हुआ था. शादी के पवित्र बंधन में बंधते ही दम्पति के बीच मुहब्बत का रंग गहराता गया. हर सुखदुःख में साथ रह कर कदम से कदम मिला कर चलते गए. चाहे खुशी हो या फिर गम जिन्दगी के हर मोड़ पर दोनो की सहभागिता बाराबर की रही. स्थानीय लोग बताते है कि कहीं जाना आना भी होता था तो दोनो एक साथ ही आते जाते देखे जाते थे. दम्पति के बीच कभी भी किसी बात को लेकर मनमुटाव नही रहता था दम्पति हमेशा अपनी घर गृहस्थी में खुश रहते थे.

$गरीबी का दंश झेल रहे थे मृत दम्पति$
मृत दम्पति की आर्थिक स्थिति खराब थी. दम्पति का एक ही लड़का और चार लड़कियां है सबके हाथ पीले हो चुके है. मृत दम्पति का परिवार गरीबी का दंश शुरु से ही झेलता रहा खेती बारी करके अपने जीवन का गुजार बसरा करते रहे. पति पाखंडी को दस वर्ष पहले फालिज मार दिया था तब से वह बिस्तर पर ही रहते थे. आर्थिक तंगी के चलते इलाज में भी कोताही हुई. मृत दम्पति को देखने के लिए दूर दराज से लोगो की भीड़ जुट गई.

$एक ही चिता पर जली दम्पति की लाश$
दम्पति की एक साथ मृत की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई. नात रिस्तेदारों तथा आसपढोस के लोगों की काफि भीड़ इकट्ठा हो गई थी. बच्चों में माता पिता की मौत पर चीखते चिल्लाते देख लोगों के आखें भर जाती थी. दोनो की अर्थी अलग अलग सजाई गई. दम्पति को एक ही साथ बांसस्थान स्थित शमशान घाट ले जाया गया. दोनो की अर्थी एक ही चिता पर सजाई गई पुत्र राजेंद्र राजभर ने मुख्यअग्नि देकर उनका दाहसंस्कार किया.
बाइट-- राजेन्द्र राजभर(मृत दम्पति का पुत्र)

रफिउल्लाह अन्सारी 8318103822
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