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सड़कों का जाल मगर जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल

गोरखपुर जिले का वार्ड महुई सुघरपुर जल निकासी की समस्या से जूझ रहा है. यहां के पार्षद ने 2017 में चुनाव जीतने के बाद अब तक अपने प्रयासों से 40 से अधिक छोटी-बड़ी सड़कों को बनवाने में सफलता तो हासिल कर लिया है. लेकिन जल निकासी की समस्या कहीं से दूर होती नजर नहीं आ रही. इतना ही नहीं पीने का पानी भी गंदा और बदबूदार आता है. कभी-कभी तो उसमें कीड़े भी आते हैं.

जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
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Published : Jan 30, 2021, 1:35 PM IST

गोरखपुर : प्रदेश से लेकर नगर निगम तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. यहां के वार्डों में विकास के दावे तो खूब किए जा रहे हैं. लेकिन जब इसकी जमीनी हकीकत की पड़ताल होती है तो विकास के सारे दावे धरे के धरे रह जाते हैं. नगर निगम क्षेत्र का ऐसा ही एक वार्ड है 'महुई सुघरपुर'.

जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.

यह शहर का बाहरी वार्ड है जो बेहद ही लो लैंड एरिया का क्षेत्र है. यहां के पार्षद ने 2017 में चुनाव जीतने के बाद अब तक अपने प्रयासों से 40 से अधिक छोटी- बड़ी सड़कों को बनवाने में सफलता तो हासिल कर लिया है. लेकिन पार्षद के साथ ही स्थानीय जनता जिस बड़ी समस्या से निजात पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं. लेकिन जल निकासी की समस्या है, जो कहीं से दूर होती नजर नहीं आ रही. बरसात के महीने में तो यहां के लोगों का जीवन नारकीय हो जाता है. यही हाल मौजूदा समय में भी है, घरों से निकलने वाले पानी का बहाव नालों से न होने से गंदा पानी और गंदगी सड़कों पर फैल रही है.

जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.

पीने के पानी के लिए भी तरस रहे वार्ड के लोग
इस वार्ड की आबादी 26 हजार के करीब है, जिसमें 16 हजार 400 मतदाता हैं. वार्ड में प्राथमिक स्कूल से लेकर स्वास्थ्य केंद्र सब कुछ स्थित है. लेकिन यहां के लिए जल ही संकट बना हुआ है, चाहे वह जल निकासी का हो या फिर पीने योग्य जल का. मोहल्लेवालों का साफ कहना है कि जल निकासी की समस्या तो बनी ही है, उन्हें लगातार वाटर सप्लाई का पानी भी नहीं मिलता. रुक-रुककर पानी आने की वजह से सप्लाई का पानी गंदा और बदबूदार भी आता है. कभी-कभी कीड़े भी आते हैं. लेकिन इसका स्थाई निदान नहीं हो पा रहा.

जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.

वहीं स्थानीय पार्षद चंद प्रकाश सिंह गोली वार्ड में व्याप्त समस्याओं के जिक्र खुद करते हैं. वह मानते हैं कि सड़कों का जाल बिछाने वह सफल रहे लेकिन जल निकासी की समस्या उनके और उनके मोहल्ले वासियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. उन्हें उम्मीद है कि प्रदेश की योगी सरकार गोरखपुर के लिए जो जल निकासी का प्लान बना रही है, उसके तहत उनके वार्ड को भी समस्या से निजात मिलेगी.

जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.

MLA और MLC फंड से पार्षद ने बिछाया सड़कों का जाल
एक बात और भी यहां स्पष्ट कर देना उचित होगा कि वार्ड में सड़कों का जाल नगर निगम के बजट के अलावा स्थानीय पार्षद ने विधायक और विधान परिषद के सदस्यों से भी मदद लेकर बनवाया है. यही वजह है कि उनके वार्ड के शक्तिनगर, शिवाजी नगर, पार्वती नगर, मिर्जापुर, फुलवरिया, मानसपुरम, साकेत नगर, प्रयागपुरम, विवेकपुरम और महुई सुघरपुर में सड़कें चकाचक दिखती हैं. लेकिन वार्ड की समस्या के लिए खाली प्लाट भी बड़ी वजह बने हुए हैं. जिममें पानी इकट्ठा होता है और कूड़े-कचरे का ढेर लगा होने से गंदगी और आवारा पशु लोगों के लिए समस्या बनते हैं. समस्याओं के निराकरण के लिए ईटीवी ने महापौर से बात किया तो उन्होंने यही कहा कि गोरखपुर सीएम सिटी है जो भी समस्याएं हैं वह इस वर्ष में दूर हो जाएंगी.

गोरखपुर : प्रदेश से लेकर नगर निगम तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. यहां के वार्डों में विकास के दावे तो खूब किए जा रहे हैं. लेकिन जब इसकी जमीनी हकीकत की पड़ताल होती है तो विकास के सारे दावे धरे के धरे रह जाते हैं. नगर निगम क्षेत्र का ऐसा ही एक वार्ड है 'महुई सुघरपुर'.

जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.

यह शहर का बाहरी वार्ड है जो बेहद ही लो लैंड एरिया का क्षेत्र है. यहां के पार्षद ने 2017 में चुनाव जीतने के बाद अब तक अपने प्रयासों से 40 से अधिक छोटी- बड़ी सड़कों को बनवाने में सफलता तो हासिल कर लिया है. लेकिन पार्षद के साथ ही स्थानीय जनता जिस बड़ी समस्या से निजात पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं. लेकिन जल निकासी की समस्या है, जो कहीं से दूर होती नजर नहीं आ रही. बरसात के महीने में तो यहां के लोगों का जीवन नारकीय हो जाता है. यही हाल मौजूदा समय में भी है, घरों से निकलने वाले पानी का बहाव नालों से न होने से गंदा पानी और गंदगी सड़कों पर फैल रही है.

जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.

पीने के पानी के लिए भी तरस रहे वार्ड के लोग
इस वार्ड की आबादी 26 हजार के करीब है, जिसमें 16 हजार 400 मतदाता हैं. वार्ड में प्राथमिक स्कूल से लेकर स्वास्थ्य केंद्र सब कुछ स्थित है. लेकिन यहां के लिए जल ही संकट बना हुआ है, चाहे वह जल निकासी का हो या फिर पीने योग्य जल का. मोहल्लेवालों का साफ कहना है कि जल निकासी की समस्या तो बनी ही है, उन्हें लगातार वाटर सप्लाई का पानी भी नहीं मिलता. रुक-रुककर पानी आने की वजह से सप्लाई का पानी गंदा और बदबूदार भी आता है. कभी-कभी कीड़े भी आते हैं. लेकिन इसका स्थाई निदान नहीं हो पा रहा.

जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.

वहीं स्थानीय पार्षद चंद प्रकाश सिंह गोली वार्ड में व्याप्त समस्याओं के जिक्र खुद करते हैं. वह मानते हैं कि सड़कों का जाल बिछाने वह सफल रहे लेकिन जल निकासी की समस्या उनके और उनके मोहल्ले वासियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. उन्हें उम्मीद है कि प्रदेश की योगी सरकार गोरखपुर के लिए जो जल निकासी का प्लान बना रही है, उसके तहत उनके वार्ड को भी समस्या से निजात मिलेगी.

जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.
जल निकासी की समस्या ने किया जीना मुहाल.

MLA और MLC फंड से पार्षद ने बिछाया सड़कों का जाल
एक बात और भी यहां स्पष्ट कर देना उचित होगा कि वार्ड में सड़कों का जाल नगर निगम के बजट के अलावा स्थानीय पार्षद ने विधायक और विधान परिषद के सदस्यों से भी मदद लेकर बनवाया है. यही वजह है कि उनके वार्ड के शक्तिनगर, शिवाजी नगर, पार्वती नगर, मिर्जापुर, फुलवरिया, मानसपुरम, साकेत नगर, प्रयागपुरम, विवेकपुरम और महुई सुघरपुर में सड़कें चकाचक दिखती हैं. लेकिन वार्ड की समस्या के लिए खाली प्लाट भी बड़ी वजह बने हुए हैं. जिममें पानी इकट्ठा होता है और कूड़े-कचरे का ढेर लगा होने से गंदगी और आवारा पशु लोगों के लिए समस्या बनते हैं. समस्याओं के निराकरण के लिए ईटीवी ने महापौर से बात किया तो उन्होंने यही कहा कि गोरखपुर सीएम सिटी है जो भी समस्याएं हैं वह इस वर्ष में दूर हो जाएंगी.

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