गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि रहे गोरखपुर में विकास की तमाम परियोजनाएं लागू की गईं. साल दर साल जिले ने विकास के कई आयामों को हासिल किया. दशकों तक यहां से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया बन गए. इस हवाले से जनपदवासियों को उम्मीद थी कि अब विकास के मामले में कोई कमी नहीं रहेगी, लेकिन जल्द ही ये उम्मीदें धूमिल हो गईं. इसका एक जीती-जागती मिसाल है ब्रह्मपुर ब्लॉक स्थित पकड़पुरा गांव. यहां ग्रामीणों को अब तक सड़क मयस्सर नहीं हो पाई है. सालों के इंतजार के बावजूद सड़क कच्ची ही रह गई.
'इंतजार-ए-सड़क'
पकड़पुरा गांव में ढाई सौ से ज्यादा लोग रहते हैं. इस गांव को शहर से जोड़ने के लिए सड़क तो है, लेकिन कई दशकों से कच्ची है. बरसात का मौसम आते ही ग्रामीणों के लिए यह सड़क बड़ी मुसीबत बन जाती है. इन दिनों में सड़क बड़े गड्डों की शक्ल अख्तियार कर लेती है. सारा रास्ता कीचड़ से पट जाता है. सबसे ज्यादा मुश्किल स्कूल जाने वाले छात्रों की है. कीचड़ और जलभराव वाले रास्ते से गुजरना उनके लिए मुश्किल हो जाता है. सड़क न होने के चलते गांव में स्वास्थय सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं. किसी आकस्मिक स्थिति के दौरान यहां एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में मरीज की जान तक जाने का खतरा रहता है. कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन किसी ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया.
हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. अगर इस संबंध में कोई मामला प्रकाश में आता है तो उस पर ध्यान दिया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी.
-पीके पांडे, ग्राम विकास अधिकारी