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गोरखपुर: दशकों से सड़क बनने का इंतजार कर रहे पकड़पुरा गांव के लोग

यूपी के गोरखपुर जिले में ब्रह्मपुर तहसील के पकड़पुरा गांव में लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव झेल रहे हैं. सैकड़ों की आबादी वाले इस गांव में अब तक सड़क की सुविधा भी नहीं है.

बदहाल सड़क से गुजरने पर मजबूर पकड़पुरा के लोग.
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Published : Jul 30, 2019, 9:18 AM IST

गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि रहे गोरखपुर में विकास की तमाम परियोजनाएं लागू की गईं. साल दर साल जिले ने विकास के कई आयामों को हासिल किया. दशकों तक यहां से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया बन गए. इस हवाले से जनपदवासियों को उम्मीद थी कि अब विकास के मामले में कोई कमी नहीं रहेगी, लेकिन जल्द ही ये उम्मीदें धूमिल हो गईं. इसका एक जीती-जागती मिसाल है ब्रह्मपुर ब्लॉक स्थित पकड़पुरा गांव. यहां ग्रामीणों को अब तक सड़क मयस्सर नहीं हो पाई है. सालों के इंतजार के बावजूद सड़क कच्ची ही रह गई.

बदहाल सड़क से गुजरने पर मजबूर पकड़पुरा के लोग.

'इंतजार-ए-सड़क'

पकड़पुरा गांव में ढाई सौ से ज्यादा लोग रहते हैं. इस गांव को शहर से जोड़ने के लिए सड़क तो है, लेकिन कई दशकों से कच्ची है. बरसात का मौसम आते ही ग्रामीणों के लिए यह सड़क बड़ी मुसीबत बन जाती है. इन दिनों में सड़क बड़े गड्डों की शक्ल अख्तियार कर लेती है. सारा रास्ता कीचड़ से पट जाता है. सबसे ज्यादा मुश्किल स्कूल जाने वाले छात्रों की है. कीचड़ और जलभराव वाले रास्ते से गुजरना उनके लिए मुश्किल हो जाता है. सड़क न होने के चलते गांव में स्वास्थय सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं. किसी आकस्मिक स्थिति के दौरान यहां एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में मरीज की जान तक जाने का खतरा रहता है. कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन किसी ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया.

हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. अगर इस संबंध में कोई मामला प्रकाश में आता है तो उस पर ध्यान दिया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी.
-पीके पांडे, ग्राम विकास अधिकारी

गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि रहे गोरखपुर में विकास की तमाम परियोजनाएं लागू की गईं. साल दर साल जिले ने विकास के कई आयामों को हासिल किया. दशकों तक यहां से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया बन गए. इस हवाले से जनपदवासियों को उम्मीद थी कि अब विकास के मामले में कोई कमी नहीं रहेगी, लेकिन जल्द ही ये उम्मीदें धूमिल हो गईं. इसका एक जीती-जागती मिसाल है ब्रह्मपुर ब्लॉक स्थित पकड़पुरा गांव. यहां ग्रामीणों को अब तक सड़क मयस्सर नहीं हो पाई है. सालों के इंतजार के बावजूद सड़क कच्ची ही रह गई.

बदहाल सड़क से गुजरने पर मजबूर पकड़पुरा के लोग.

'इंतजार-ए-सड़क'

पकड़पुरा गांव में ढाई सौ से ज्यादा लोग रहते हैं. इस गांव को शहर से जोड़ने के लिए सड़क तो है, लेकिन कई दशकों से कच्ची है. बरसात का मौसम आते ही ग्रामीणों के लिए यह सड़क बड़ी मुसीबत बन जाती है. इन दिनों में सड़क बड़े गड्डों की शक्ल अख्तियार कर लेती है. सारा रास्ता कीचड़ से पट जाता है. सबसे ज्यादा मुश्किल स्कूल जाने वाले छात्रों की है. कीचड़ और जलभराव वाले रास्ते से गुजरना उनके लिए मुश्किल हो जाता है. सड़क न होने के चलते गांव में स्वास्थय सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं. किसी आकस्मिक स्थिति के दौरान यहां एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में मरीज की जान तक जाने का खतरा रहता है. कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन किसी ने इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया.

हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. अगर इस संबंध में कोई मामला प्रकाश में आता है तो उस पर ध्यान दिया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी.
-पीके पांडे, ग्राम विकास अधिकारी

Intro:चौरी चौरा।ब्रह्मपुर ब्लाक के पकड़पुरा गाव के बैरवा मोहल्ले में स्थित सड़क पर कीचड़ और जलजमाव से स्थानीय लोग परेशान है।
Body:वहाँ के लोगो का आरोप है कि हमारे मोहल्ले में सड़क तो है लेकिन कई दसको से कच्ची है।हमारे मोहल्ले की आबादी ढाई सौ लोगो की है।बरसात में हम लोगो को काफी दिक्कत हो रही है।
Conclusion:सबसे अधिक दिक्कत स्कूल जाने वाले छात्रों को हो रही है।हमारे मोहल्ले में स्वास्थ्य सेवा भी प्रभावित है।इस मामले पर ग्राम विकास अधिकारी ने बताया कि ब्रह्मपुर ने कहा कि कम इस बारे में कोई जानकारी नही है।यदि ऐसा मामला प्रकाश में आया तो कार्यवाही की जाएगी।

बाइट--सत्यनारायण यादव (ग्रामीण)
बाइट-पी .के.पांडेय(ग्राम विकास अधिकारी)

अरुण यादव (ईटीवी भारत चौरी चौरा)
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