गोरखपुर: कोरोना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में भी पांव पसार दिए हैं. यहां के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सक और उनके परिवार के दो सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. एम्स प्रशासन ने सोमवार देर शाम अपने पोर्टल पर इसे अपडेट भी कर दिया है. हालांकि उनकी कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं है, फिर भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए उनके नमूने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ भेजे जाएंगे, जिससे पता चल सके कि कोरोना के किस वेरिएंट से वह संक्रमित हुए हैं.
देश और प्रदेश में कोरोना को लेकर हुए अलर्ट के बीच गोरखपुर के सीएचसी-पीएचसी पर कोविड जांच शुरू हो गई है, जिसमें 18 आरआरटी गठित कर सांस और बुखार के रोगियों के नमूने लिए जा रहे हैं. इसी क्रम में एम्स में भी जांच की प्रक्रिया चल रही है, जिनमें सांस लेने में तकलीफ या बुखार है, उनका परीक्षण किया जा रहा है. जांच में एम्स के डॉक्टर, उनकी पत्नी और बच्चा संक्रमित पाए गए हैं.
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि कोविड की जांच शुरू कर दी गई है. बहुत जल्द आशा कार्यकर्ताओं को 10-10 मेडिकल किट भी दे दी जाएंगी. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह कोविड से बचाव के नियमों का पालन करें, जिससे इसके संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. ऑक्सीजन प्लांट की भी देखरेख की जा रही है, जिसमें भी गड़बड़ी होगी उसे ठीक कराया जाएगा.
सीएमओ ने बताया कि देश और प्रदेश में कोविड के नए वेरिएंट जेएन 1 के मामले मिलने से स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी में है. एम्स, जिला अस्पताल की इमरजेंसी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच शुरू कर दी गई है. रोगियों के रियल टाइम पॉलीमरेज चेन रिएक्शन यानी कि आरटीपीसीआर जांच के लिए भी नमूने लिए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि कोविड के लिए दवाओं की किट तैयार करने का भी निर्देश दे दिया गया है. इसके तैयार होते ही यह आशा कार्यकर्ताओं में वितरित कर दी जाएंगी. सीएमओ ने दावा किया कि जिले के सभी राजकीय अस्पताल में 1400 बेड तैयार हैं. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग चिकित्सा संस्थान को पहले और दूसरी लहर में कोविड अस्पताल बनाया गया था. जरूरत पड़ेगी तो इस संस्थान को एक बार फिर लेवल थ्री का कॉविड अस्पताल बना दिया जाएगा.