गोरखपुर: सुलतानपुर में 5 जनवरी को यूपी एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारे गए माफिया विनोद उपाध्याय के परिवार से मिलने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष मंगलवार को उसके घर पहुंचे. उन्होंने विनोद की पत्नी और बच्चों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना और अपनी संवेदनाएं व्यक्ति की. इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि विनोद की हत्या हुई है.
सरकार का न्यायालय पर भरोसा नहींः कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेगी. सरकार का न्यायालय पर भरोसा नहीं है. अपराधियों के मामले में कानूनी कार्रवाई के बजाय हत्या की जा रही है. निर्दोष के घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है. विपक्ष के नेताओं के घर सीबीआई और ईडी के छापे मारे जा रहे हैं. जाति धर्म और वर्ग देखकर सरकार बुलडोजर चलाने का काम कर रही है.
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बेटी बोली, बुलडोजर का सताता रहता है डरः इस बीच विनोद उपाध्याय की 5 साल की मासूम बेटी ने अपने पिता की मौत पर कांग्रेस नेताओं से बहुत ही मार्मिक अंदाज में बात की. जिसे देखकर आसपास मौजूद सभी लोग भावुक हो गए. 5 साल की मासूम ने कहा कि उसके पिता की हत्या कर दी गई. उसका पूरा परिवार डरा और सहमा है. उन्हें हर वक्त डर लगा रहता है कि कब बुलडोजर उनके मकान को गिराने पहुंच जाए. प्रदेश प्रभारी ने कहा कि योगी सरकार हत्यारी सरकार हो गई है. एनकाउंटर में भी भेदभाव और जाति आधारित कार्रवाई की जा रही है.
दरअसल, विनोद उपाध्याय शातिर किस्म का अपराधी था. जमीनों पर कब्जा करना, फिरौती की रकम लेना, हत्या के प्रयास और हत्या जैसे कई मामलों में उस पर कुल 34 मुकदमे दर्ज थे. वह प्रदेश के टॉप 61 अपराधियों में शामिल था. बीते दिनों गोरखपुर जिला प्रशासन ने उसके मकान पर बुलडोजर भी चलाया था. विनोद का भाई संजय उपाध्याय भी इन दिनों जेल में बंद है. विनोद बहुत कम उम्र से ही अपराध और जरायम की दुनिया में कूद पड़ा था. पिछले दो दशकों में उसने जरायम से अकूत संपत्ति इकट्ठा की. जरायम से बनाई गई प्रॉपर्टी को पुलिस ने कुर्क कर जब्ती की कार्रवाई भी की थी. वह काफी दिनों से फरार चल रहा था. पुलिस और एसटीएफ को उसकी सरगर्मी से तलाश थी. 5 जनवरी को सुल्तानपुर में एसटीएफ ने जब उसे घेरा तो उसने एसटीएफ पर फायर झोंक दिया. एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में उसे दो गोलियां लगी और वह मौके पर ही ढेर हो गया.
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