गोरखपुरः कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में शामिल दो और पुलिस आरोपियों को कैंट थाने की पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है. रामगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार चल रहे राहुल दुबे निवासी मिर्जापुर और प्रशांत कुमार निवासी गाजीपुर को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आजाद चौक से गिरफ्तार किया है. रामगढ़ ताल थाने के उप निरीक्षक रहे राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत कुमार कोर्ट में आत्मसमर्पण के फिराक में थे, तभी पुलिस ने दबोच लिया. इससे पहले मनीष गुप्ता हत्याकांड में रामगढ़ताल के पूर्व थाना प्रभारी जगत नारायण और फल मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया जा चुका है. गिरफ्तार आरोपी राहुल दुबे और प्रशांत कुमार पर पुलिस की ओर से 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. वहीं, इस मामले में और आरोपियों को पुलिस लगातार गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है.
बता दें कि 28 सितंबर को गोरखपुर के रामगढ़ थाना क्षेत्र के कृष्णा होटल में ठहरे मनीष गुप्ता जो कि कानपुर से घूमने के लिए आए थे. रात में चेकिंग के दौरान 6 पुलिसकर्मी होटल में पहुंचे थे. मनीष के दोस्तों का कहना था कि पुलिस हम लोगों के साथ अभद्रता करने लगी. जिसका विरोध मनीष ने किया. जिसके बाद पुलिस वाले मनीष को मारने-पीटने लगे. जिसकी वजह से उसे ज्यादा चोटें आईं. बुरी तरह से घायल मनीष के इलाज के लिए पुलिसकर्मी एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गए. जहां प्राइवेट हॉस्पिटल ने उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया. लेकिन चोट गंभीर होने की वजह से उसकी मौत हो गई.
वहीं, मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता का कहना था कि पुलिस ने हमारे पति को पीटा था. मीनाक्षी ने कहा था कि जब तक मुझे न्याय नहीं मिलेगा तब तक मैं लाश को ले नहीं जाऊंगी. जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनीष की पत्नी से बात किया था. जिसके बाद पत्नी मनीष के शव को लेकर गई थीं. इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों पर हत्या मुकदमा दर्ज किया गया था. घटना के बाद सभी पुलिसकर्मी फरार हो गए थे.