गोरखपुर: गुरु गोरक्षनाथ पीठ और सीएम योगी (गोरक्षपीठाधीश्वर) की देखरेख में संचालित होने वाले गोरखनाथ चिकित्सालय में सोमवार से मरीजों का इलाज शुरू हो गया है. इस चिकित्सालय के दो कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद इसे 23 तारीख को बंद कर दिया गया था. अब सैनिटाइजेशन और अन्य प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद अस्पताल को सोमवार 27 जुलाई से खोल दिया गया है.
23 जुलाई को बंद हुआ था चिकित्सालय
गुरु श्री गोरखनाथ चिकित्सालय के अपर निदेशक डॉ. कामेश्वर सिंह ने उक्त जानकारी दी है. डॉ. कामेश्वर सिंह ने बताया कि गोरखनाथ चिकित्सालय में दो कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी. सुरक्षात्मक तौर पर बीते 23 जुलाई से अस्पताल को बंद कर दिया गया था, लेकिन इस दौरान पैथोलॉजी, ब्लड बैंक और डायलिसिस विभाग खुले रहे.
इस बीच समूचे चिकित्सालय परिसर की साफ सफाई और सैनिटाइजेशन का कार्य लगातार जारी रहा. चिकित्सालय अब पूरी तरह से सैनिटाइज हो गया है. सफाई के प्रकरण के बाद अब चिकित्सालय को आम जनता के सेवा हेतु खोल दिया गया है. अब मरीज अपने परिजनों के साथ पूर्व की भांति सोमवार से ओपीडी और अन्य चिकित्सीय सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं.
गोरखनाथ चिकित्सालय के बारे में
गोरखनाथ चिकित्सालय धर्मार्थ चिकित्सालय के रूप में कार्य करता है. यहां आने वाले मरीजों से मात्र 30 रुपये की फीस ली जाती है. इसके अलावा किसी भी प्रकार की जांच में बाहर के अन्य अस्पतालों से यहां सस्ता इलाज मिलता है. यहां पर पूर्वांचल का सबसे बड़ा ब्लड बैंक और प्लेटलेट्स सेंटर भी स्थापित है.
सभी बीमारियों के इलाज के साथ यहां मेजर ऑपरेशन भी किए जाते हैं. यही वजह है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत इस अस्पताल ने किसी भी निजी अस्पताल से अधिक मरीजों को सेवा देने और उनका ऑपरेशन करने में जिले में प्रथम स्थान हासिल किया था.