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गोरखपुरः तीन महीने के बच्चे ने जीती कोरोना से जंग, डिस्चार्ज - कोविड-19

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 3 माह का कोरोना पॉजिटिव शिशु का इलाज चल रहा था. वहीं रविवार को उसकी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट आई है, जिसके बाद चिकित्सकों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया है. यह शिशु देश के सबसे कम उम्र का कोरोना पॉजिटिव मरीज बताया जा रहा है.

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बीआरडी मेडिकल कॉलेज से बाहर निकलता 3 माह का कोरोना फाइटर
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Published : Apr 27, 2020, 8:58 AM IST

Updated : May 29, 2020, 4:30 PM IST

गोरखपुरः यह वही बीआरडी मेडिकल कॉलेज है, जो 10-11 अगस्‍त 2017 की रात ऑक्‍सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण 36 बच्‍चों की मौत की कब्रगाह बनने के बाद पूरे देश में चर्चा में आ गया था. लेकिन, रविवार को उसी बीआरडी मेडिकल कॉलेज से खुशियों भरी खबर आई ह‍ै. बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती देश के सबसे कम उम्र के तीन माह के मासूम ने कोरोना जैसे खतरनाक और जानलेवा वायरस को हराकर जिंदगी की जंग जीत ली है.

नन्हें शहजादे ने जीती कोरोना से जंग

देश के सबसे कम उम्र के कोरोना मरीज ने कोरोना वायरस को मात दे दी है. बीआरडी मेडिकल कालेज के डाक्‍टरों और अन्‍य स्‍टाफ ने तीन माह के कोरोना फाइटर को खुशी-खुशी बस्‍ती विदा किया. बस्‍ती जिले के रहने वाले हसनैन की 29 मार्च को बीआरडी मेडिकल कालेज में मौत हो गई थी. मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उसके बाद हसनैन के परिवार और मोहल्‍ले के कुल 15 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. उनका बस्‍ती जिला चिकित्‍सालय और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था.

हसनैन की मौत ने बस्‍ती से लेकर गोरखपुर जिला प्रशासन और डॉक्‍टर समेत अन्‍य स्‍टॉफ को सकते में डाल दिया था. हसनैन के मोहल्‍ले के रहने वाले उसके दानिश का तीन माह के बेटे अरहम भी कोराना पॉजिटिव पाया गया था. अरहम अभी तक देश का सबसे कम उम्र का कोराना पॉजिटिव बेबी बताया जा रहा है, जिसने कोरोना को मात दी है. उसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद डाक्‍टरों और मेडिकल कॉलेज के सभी स्‍टॉफ ने उसे हंसी-खुशी बस्‍ती उसके घर के लिए विदा किया.

गोरखपुर के कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने कहा कि यह बहुत ही गर्व का विषय है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज की पूरी टीम ने जो अथक परिश्रम से तीन माह के बच्‍चे को पॉजिटिव से निगेटिव कर पाया है. साथ ही यह आशा है कि तीन माह का शिशु स्‍वस्‍थ रहेगा. शुरुआत में यह चिंता विषय था कि इस तरह का पॉजिटिव केस पहली बार हमारे पास आया था. हमें और ज्‍यादा सचेत रहने की आवश्‍यकता थी. हम यही प्रयास करेंगे कि यहां पर कोविड के केस न निकलें.

गोरखपुरः यह वही बीआरडी मेडिकल कॉलेज है, जो 10-11 अगस्‍त 2017 की रात ऑक्‍सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण 36 बच्‍चों की मौत की कब्रगाह बनने के बाद पूरे देश में चर्चा में आ गया था. लेकिन, रविवार को उसी बीआरडी मेडिकल कॉलेज से खुशियों भरी खबर आई ह‍ै. बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती देश के सबसे कम उम्र के तीन माह के मासूम ने कोरोना जैसे खतरनाक और जानलेवा वायरस को हराकर जिंदगी की जंग जीत ली है.

नन्हें शहजादे ने जीती कोरोना से जंग

देश के सबसे कम उम्र के कोरोना मरीज ने कोरोना वायरस को मात दे दी है. बीआरडी मेडिकल कालेज के डाक्‍टरों और अन्‍य स्‍टाफ ने तीन माह के कोरोना फाइटर को खुशी-खुशी बस्‍ती विदा किया. बस्‍ती जिले के रहने वाले हसनैन की 29 मार्च को बीआरडी मेडिकल कालेज में मौत हो गई थी. मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उसके बाद हसनैन के परिवार और मोहल्‍ले के कुल 15 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. उनका बस्‍ती जिला चिकित्‍सालय और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था.

हसनैन की मौत ने बस्‍ती से लेकर गोरखपुर जिला प्रशासन और डॉक्‍टर समेत अन्‍य स्‍टॉफ को सकते में डाल दिया था. हसनैन के मोहल्‍ले के रहने वाले उसके दानिश का तीन माह के बेटे अरहम भी कोराना पॉजिटिव पाया गया था. अरहम अभी तक देश का सबसे कम उम्र का कोराना पॉजिटिव बेबी बताया जा रहा है, जिसने कोरोना को मात दी है. उसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद डाक्‍टरों और मेडिकल कॉलेज के सभी स्‍टॉफ ने उसे हंसी-खुशी बस्‍ती उसके घर के लिए विदा किया.

गोरखपुर के कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने कहा कि यह बहुत ही गर्व का विषय है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज की पूरी टीम ने जो अथक परिश्रम से तीन माह के बच्‍चे को पॉजिटिव से निगेटिव कर पाया है. साथ ही यह आशा है कि तीन माह का शिशु स्‍वस्‍थ रहेगा. शुरुआत में यह चिंता विषय था कि इस तरह का पॉजिटिव केस पहली बार हमारे पास आया था. हमें और ज्‍यादा सचेत रहने की आवश्‍यकता थी. हम यही प्रयास करेंगे कि यहां पर कोविड के केस न निकलें.

Last Updated : May 29, 2020, 4:30 PM IST
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