नई दिल्ली: गोरखपुर में पुलिस द्वारा कथित रूप से कानपुर के एक कारोबारी मनीष गुप्ता की पीटकर हत्या करने के मामले में तीन आरोपियों ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपने को बरी करने की मांग की. स्पेशल जज चंद्रशेखर ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर छह मई को सुनवाई करने का आदेश दिया.
शुक्रवार काे सुनवाई के दौरान सभी छह आरोपी कोर्ट में पेश हुए. वकील राजीव मोहन ने आरोपियों विजय यादव, राहुल दुबे और कमलेश सिंह यादव को आरोपों से बरी करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल किया. सीबीआई ने इस मामले के एक गवाह आदर्श पांडेय की मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की प्रति कोर्ट को सौंपा. इसके अलावा सीबीआई ने स्थानीय पुलिस और एसआईटी की जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल की. सुनवाई के दौरान मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता भी अपने वकीलों कार्तिकेय माथुर और शंकर कश्यप के साथ कोर्ट में मौजूद थीं.
चार अप्रैल को कोर्ट ने सीबीआई से अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने को कहा था. 14 मार्च को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अंबिका सिंह की कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामले पर सुनवाई करने के लिए इस मामले को सेशंस कोर्ट में भेजने का आदेश दिया था. इससे पहले 11 मार्च को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई द्वारा पेश आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था.
इसे भी पढ़ेंः इलाहाबाद हाईकोर्ट में आजम खां की याचिका पर सुनवाई 23 मई को
बता दें कि कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के एक होटल में आधी रात को घुसे पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से पीटकर हत्या कर दी थी. मनीष अपने कुछ दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने गए थे. वो गोरखपुर के रामगढ़ताल के एक होटल में ठहरे थे. आरोप है कि चेकिंग के नाम पर घुसी पुलिस ने विवाद के बाद मनीष को इतनी बुरी पीटा कि उनकी मौत हो गई. इस मामले में रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए थे.