ETV Bharat / state

डीडीयू कुलपति के खिलाफ शिक्षकों ने खोला मोर्चा, नारेबाजी

पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय(डीडीयू) से संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों ने कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने अपनी कई मांगें उठाईं.

Etv bharat
डीडीयू कुलपति के खिलाफ शिक्षकों ने खोला मोर्चा, नारेबाजी
author img

By

Published : Jun 1, 2022, 3:23 PM IST

गोरखपुर: पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) से संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक पिछले दो माह से कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं. शिक्षकों ने कुलपति पर पद और अधिकार के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. उनका साफ कहना है कि जो व्यवस्था प्रदेश के अन्य किसी भी विश्वविद्यालय में लागू नहीं है उसको गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति मनमाने ढंग से महाविद्यालयों और उसके शिक्षकों पर लागू करने पर उतारू हैं, जिससे न सिर्फ शिक्षकों का बल्कि विद्यार्थी और शोधार्थियों का भी बड़ा नुकसान हो रहा है. शिक्षकों का यह आंदोलन (गुआक्टा) संगठन के बैनर तले हो रहा है.


इस गुट के शिक्षक अपनी मांग को लेकर जब भी कुलपति से मिलने उनके कार्यालय और प्रशासनिक भवन पर पहुंचते हैं तो सुरक्षाकर्मी उन्हें पहले ही गेट पर रोक देते हैं. इनकी मुलाकात भी कुलपति से नहीं हो पा रही और न ही मांगों पर कोई सुनवाई. संगठन के महामंत्री डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह ने इस मामले पर कहा है कि कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह लगातार शिक्षकों को अपमानित कर रहे हैं.

गोरखपुर में डीडीयू कुलपति के खिलाफ शिक्षकों ने किया आंदोलन.

शोध छात्रों का कैरियर बर्बाद कर रहे हैं. अब तक कॉलेज के स्नातक शिक्षकों को शोध निर्देशक नहीं बनाया गया और न ही शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए विशेषज्ञ दिए गए. प्रदेश के अन्य किसी भी महाविद्यालयों के शिक्षकों को उनके विश्वविद्यालयों ने अधिकार बहुत पहले से दे रखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो उनसे योग्यता और वरीयता दोनों में कनिष्ठ हैं कुलपति ऐसे लोगों की टीम बनाकर उनकी दक्षता जांचने का प्रयास कर रहे हैं जो कतई बर्दाश्त नहीं है.

शिक्षक नेताओं का साफ कहना है कि कुलपति एक्ट, नियम को नहीं मानते. वह महाविद्यालय शिक्षकों के शोध निर्देशक बनने और उनके प्रोन्नति का रास्ता रोक रखे हैं. इस संबंध में जब कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह से ईटीवी भारत ने भी संपर्क करने की कोशिश किया तो उन्होंने इस विषय पर सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से मना किया. उन्होंने कहा कि कार्य परिषद, विश्वविद्यालय प्रबंधन इसकी समीक्षा और निर्णय लेने की स्थिति में जब आएगा तो उससे सभी को अवगत करा दिया जाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

गोरखपुर: पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) से संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक पिछले दो माह से कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं. शिक्षकों ने कुलपति पर पद और अधिकार के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. उनका साफ कहना है कि जो व्यवस्था प्रदेश के अन्य किसी भी विश्वविद्यालय में लागू नहीं है उसको गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति मनमाने ढंग से महाविद्यालयों और उसके शिक्षकों पर लागू करने पर उतारू हैं, जिससे न सिर्फ शिक्षकों का बल्कि विद्यार्थी और शोधार्थियों का भी बड़ा नुकसान हो रहा है. शिक्षकों का यह आंदोलन (गुआक्टा) संगठन के बैनर तले हो रहा है.


इस गुट के शिक्षक अपनी मांग को लेकर जब भी कुलपति से मिलने उनके कार्यालय और प्रशासनिक भवन पर पहुंचते हैं तो सुरक्षाकर्मी उन्हें पहले ही गेट पर रोक देते हैं. इनकी मुलाकात भी कुलपति से नहीं हो पा रही और न ही मांगों पर कोई सुनवाई. संगठन के महामंत्री डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह ने इस मामले पर कहा है कि कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह लगातार शिक्षकों को अपमानित कर रहे हैं.

गोरखपुर में डीडीयू कुलपति के खिलाफ शिक्षकों ने किया आंदोलन.

शोध छात्रों का कैरियर बर्बाद कर रहे हैं. अब तक कॉलेज के स्नातक शिक्षकों को शोध निर्देशक नहीं बनाया गया और न ही शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए विशेषज्ञ दिए गए. प्रदेश के अन्य किसी भी महाविद्यालयों के शिक्षकों को उनके विश्वविद्यालयों ने अधिकार बहुत पहले से दे रखा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो उनसे योग्यता और वरीयता दोनों में कनिष्ठ हैं कुलपति ऐसे लोगों की टीम बनाकर उनकी दक्षता जांचने का प्रयास कर रहे हैं जो कतई बर्दाश्त नहीं है.

शिक्षक नेताओं का साफ कहना है कि कुलपति एक्ट, नियम को नहीं मानते. वह महाविद्यालय शिक्षकों के शोध निर्देशक बनने और उनके प्रोन्नति का रास्ता रोक रखे हैं. इस संबंध में जब कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह से ईटीवी भारत ने भी संपर्क करने की कोशिश किया तो उन्होंने इस विषय पर सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से मना किया. उन्होंने कहा कि कार्य परिषद, विश्वविद्यालय प्रबंधन इसकी समीक्षा और निर्णय लेने की स्थिति में जब आएगा तो उससे सभी को अवगत करा दिया जाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.