गोरखपुर: शहर के लगभग अट्ठारह सौ एकड़ क्षेत्रफल में फैले रामगढ़ ताल का जीडीए ने सुंदरीकरण कराया था. ताल के सुंदरीकरण के बाद इसको पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया गया. जीडीए का यह प्रयास सफल रहा. इसी के देखते हुए गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने अब दो और प्रमुख तालों के सुंदरीकरण की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. सुंदरीकरण के बाद यह दोनों ताल शहर के बीचों-बीच और उत्तरी छोर पर बसने वाले लोगों को पर्यटन और मनोरंजन के साथ रोजगार का भी बड़ा अवसर उपलब्ध कराएंगे.
रामगढ़ ताल मौजूदा समय में हजारों पर्यटकों के प्रतिदिन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यहां पर पटरी व्यवसायियों की भरमार लगी है. यह ताल विभिन्न भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग और वेब सीरीज के निर्माण का भी केंद्र बन रहा है. यही वजह है कि शहर के दूसरे हिस्सों के तालों के सुंदरीकरण का प्रस्ताव जीडीए ने अपने बोर्ड में पारित कर शासन को भेज दिया है. नए वित्तीय वर्ष 2023 में इन दोनों ताल के विकास को गति मिल जाएगी.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर कहते हैं कि रामगढ़ताल और राप्ती नदी के सुन्दरीकृत घाट पर्यटन के नक्शे पर चमक रहे हैं. महानगर को एक और पिकनिक स्पॉट की सौगात मिलने जा रही है. सैर सपाटे और मनोरंजन का नया केंद्र शहर की आबादी के बीच होगा. नए पिकनिक स्पॉट के रूप में सुमेरसागर ताल का 27 करोड़ रुपये से कायाकल्प किया जाएगा. यहां का रामगढ़ताल पहले ही पर्यटन का नया केंद्र बन चुका है. इसके साथ ही अन्य नैसर्गिक जलाशयों को भी निखारा जायेगा. 18.5 एकड़ में फैले सुमेरसागर ताल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की पहल शुरू हो गई है. पूर्व में यह ताल अतिक्रमण की चपेट में था. जीडीए ने जिला प्रशासन के सहयोग से इसे अतिक्रमण मुक्त कराया है.
जीडीए की तरफ से बनाए गए प्रस्ताव के मुताबिक सुमेरसागर ताल को प्राकृतिक स्वरूप देने के साथ इसके किनारे जॉगिंग ट्रैक, पार्किंग, फूड कोर्ट, म्यूजिकल फाउंटेन, स्मार्ट लिंक रोड, खूबसूरत लाइटिंग और लोगों के बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था की जाएगी. ताल के मुख्य स्वरूप को दोबारा बहाल करते हुए गहरा भी किया जाएगा. ताल के किनारों को कटान से सुरक्षित करने के लिए पक्का नाला बनाया जाएगा, ताकि गंदा पानी ताल के अंदर न जाने पाए. आसपास के करीब आधा दर्जन मोहल्लों में जलभराव न हो इसके लिए विजय चौराहा और धर्मशाला बाजार की तरफ से आने वाले नालों के गंदे पानी को रोककर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा.
दोनों ताल को इस प्रकार विकसित किया जाएगा कि उसकी जल संचयन क्षमता बढ़ाते हुए भूगर्भ जल स्तर को बरकरार रखने में मदद मिले. इसके आसपास का क्षेत्र हरा-भरा और सुंदर दिखे, इसके लिए सुमेरसागर ताल के किनारे पार्क भी विकसित किया जाएगा. यही नहीं, चौपाटी की तर्ज पर फूड कोर्ट विकसित करने के लिए हाट भी बनाया जाएगा. यहां शहर की मशहूर खाद्य सामग्रियों का जायका उपलब्ध होगा. सुमेर सागर ताल के सुंदरीकरण के संबंध में स्थानीय पार्षद छठ्ठी लाल कहते हैं कि, अतिक्रमण की वजह से अपना स्वरूप को खो चुका सुमेरसागर ताल, अगर सुंदरीकरण से नए स्वरूप को प्राप्त करता है तो निश्चित रूप से इससे शहरवासियों को बड़ी सुविधा होगी. क्योंकि इतना बड़ा खुला क्षेत्रफल शहर के बीचों-बीच मिलना आज के दौर में मुश्किल है.
इसी तरह शहर के उत्तरी छोर पर स्थित चिलुआताल को आने वाले समय में रामगढ़ ताल की तर्ज पर ही विकसित किया जाएगा. जिससे गोरखपुर- नेपाल रोड के इस महत्वपूर्ण ताल से शहर में प्रवेश करते हुए लोगों को एक नए गोरखपुर का एहसास होगा. करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से इसके सुंदरीकरण का काम होगा. ड्रेजिंग के जरिए ताल को गहरा किया जाएगा और दो नौकायन जेटी भी बनाई जाएगी. लोगों को बैठने के लिए पत्थर की सीढ़ियां और 500 मीटर लंबी सीसी रोड, सोलर लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी. करीब पांच हजार एकड़ का चिलुआताल पर्यटन के लिए असीम संभावना से भरपूर है.
जिसका विकास रोजगार का भी बड़ा केंद्र बनेगा. इसके 29 हेक्टेयर क्षेत्रफल कोई सुंदरीकरण करने का प्रस्ताव तैयार है. ताल के किनारे टहलने के लिए पाथ वे भी बनाया जाएगा. आने वाले लोगों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए वाहनों की पार्किंग की सुविधा भी होगी. सुमेरसागर ताल के सौंदर्यीकरण से शहरवासियों को रामगढ़ताल नौकायन के बाद एक और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल देने का प्रयास किया जा रहा है. तो शहर के बाहरी हिस्से में उत्तरी छोर पर चिलुआताल अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा.
यह भी पढ़ें:Gorakhpur में धड़ल्ले से चल रहा अवैध टैक्सी स्टैंड और वसूली का खेल