ETV Bharat / state

वैलेंटाइन डे पर यहां माता-पिता को पूजते हैं बच्चे, उतारते हैं आरती

author img

By

Published : Feb 14, 2021, 8:02 PM IST

वैलेंटाइन डे के दिन गोरखपुर के एक विद्यालय के बच्चों ने मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाकर अनूठी मिसाल पेश की है. यहां बच्चों ने पहले तो माता-पिता की पूजा की, उन पर पुष्प वर्षा की और फिर तिलक लगाकर उनकी आरती की. वहीं इस भावुक पल में कई माता-पिता अपनी खुशियों का इजहार अपने आंसुओं के माध्यम से कर बच्चों की लंबी उम्र की कामना की.

kalindi public school gorakhpur
बच्चों ने मनाया मातृ-पितृ दिवस.

गोरखपुर : पूरे विश्व में 14 फरवरी के दिन को इजहार-ए-मोहब्बत के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में युवा युगल प्रेमी एक-दूसरे को बधाई संदेश, तोहफे देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं. इस पाश्चात्य शैली से युवाओं को मोड़ने और भारतीय संस्कृति की तरफ उन्हें आकर्षित करने के लिए कालिंदी पब्लिक स्कूल प्रबंधक द्वारा वैलेंटाइन डे को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस में छात्र व छात्राएं अपने माता-पिता को देवता तुल्य मानते हुए पूरे विधि विधान के साथ उनका पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. वहीं इस भावुक पल में कई माता-पिता अपनी खुशियों का इजहार अपने आंसुओं के माध्यम से कर बच्चों की लंबी उम्र की कामना करते हैं.

kalindi public school gorakhpur
बच्चों ने मनाया मातृ-पितृ पूजन दिवस.

माता-पिता का सम्मान करने की दी जाती है शिक्षा
खोराबार क्षेत्र में स्थित कालिंदी पब्लिक स्कूल शिक्षा के साथ ही छात्र-छात्राओं में भारतीय संस्कृति के अनुसार माता-पिता का आदर सम्मान करने की भी शिक्षा देता है. पिछले कई वर्षों से कालिंदी पब्लिक स्कूल प्रबंधन द्वारा 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के दिन को स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस दिन पूरे विधि विधान के साथ माता-पिता, गुरुजनों व अभिभावकों का भारतीय संस्कृति के रीति रिवाज से पूजन अर्चन आदि का कार्य कराकर बच्चों को आधुनिक पाश्चात्य शैली से मोड़ कर उनके अंदर अध्यात्म की भावना जागृत करने का कार्य किया जाता है. कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व विद्यालय प्रशासन ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को पुष्प अर्पित कर नमन किया.

बच्चों ने मनाया मातृ-पितृ पूजन दिवस.

चारों तरफ विद्यालय की हो रही सराहना
विद्यालय के इस कार्य की चर्चा जहां शहर में चारों ओर है, वहीं इस दिवस के माध्यम से विद्यालय प्रशासन समाज में फैली विकृतियों से युवाओं को दूर रखने की भरसक कोशिश कर रहा है. जहां समाज में इस आधुनिक काल में बच्चे अपने माता-पिता से दूर होते जा रहे हैं, वहीं इस पहल ने समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर रहा है. अभिभावक भी विद्यालय के इस पहल की सराहना करते नहीं थकते.

अभिभावकों ने की सराहना
अभिभावक अश्वनी मिश्रा व रीना मिश्रा ने बताया कि इस आधुनिक दौर में जहां बच्चे टीवी और मोबाइल तक ही सीमित हैं, वही कालिंदी पब्लिक स्कूल बच्चों में अध्यात्म के माध्यम से माता-पिता व शीर्ष जनों के आदर सम्मान की भावना को जागृत कर रहा है. जो बच्चे माता-पिता के प्यार और आशीर्वाद से वंचित रह कर केवल पाश्चात्य शैली की तरफ आकर्षित होते हैं, उन्हें वापस भारतीय अध्यात्म की तरफ मोड़ने का यह अनोखा पहल वाकई काबिले तारीफ है. बच्चों के प्यार, आदर व सम्मान से मन गदगद हो जाता है. वहीं आंखें भी नम हो जाती हैं कि यह छोटे-छोटे बच्चे कैसे अपने माता पिता में देवी और देवताओं का वास समझकर उनकी पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं. इस विद्यालय से सीख लेकर अन्य विद्यालयों को भी अपने वहां इस तरह के आयोजनों को करना चाहिए, जिससे युवाओं में माता-पिता के प्रति सम्मान की भावना जागृत हो सके.

kalindi public school gorakhpur
माता-पिता के चरण छूते बच्चे.

'आज के दिन का बेसब्री से रहता है इंतजार'
विद्यालय में पढ़ने वाली अमृता मिश्रा व नंदिनी तिवारी बताती हैं कि आज के दिन का उन्हें बेसब्री से इंतजार रहता है. वैसे तो वह रोज अपने माता-पिता का आशीर्वाद प्राप्त कर कर ही अपने अन्य कार्यों को करते हैं, लेकिन मातृ-पितृ दिवस पर पूरे विधि विधान के साथ माता-पिता को भगवान के रूप में साक्षी मानकर उन्हें आसन ग्रहण कराते हुए, उनका तिलक कर, उनकी आरती उतारी जाती है और फिर उनकी परिक्रमा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.

'पाश्चात्य शैली को त्यागे युवा, मनाएं मातृ-पितृ पूजन दिवस'
कालिंदी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य सीमा सिंह ने बताया कि वैलेंटाइन डे को युवा वर्ग खास रूप में देखता है, लेकिन विद्यालय युवाओं में इस भावना को जागृत करना चाहता है कि वे इस पाश्चात्य शैली को नजरअंदाज कर मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाएं, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी में यह संदेश जा सके कि माता पिता से बड़ा कोई और दूसरा नहीं हो सकता. माता-पिता की इज्जत करना, उन्हें सम्मान देना और उनकी पूजा अर्चना करना यह हमारी परंपरा रही है, लेकिन पाश्चात्य शैली ने युवाओं को इस परंपरा से अनजान बना रखा है. विद्यालय प्रबंधन पुनः युवाओं को अपनी भारतीय संस्कृति के अनुसार ढालने का कार्य कर रहा है. हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में इस विद्यालय से निकलने वाले छात्र व छात्राएं देश-प्रदेश के विभिन्न कोनों में जाकर भारतीय संस्कृति और परंपरा का निर्वहन करते हुए इसका प्रचार प्रसार करेंगे.

गोरखपुर : पूरे विश्व में 14 फरवरी के दिन को इजहार-ए-मोहब्बत के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में युवा युगल प्रेमी एक-दूसरे को बधाई संदेश, तोहफे देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं. इस पाश्चात्य शैली से युवाओं को मोड़ने और भारतीय संस्कृति की तरफ उन्हें आकर्षित करने के लिए कालिंदी पब्लिक स्कूल प्रबंधक द्वारा वैलेंटाइन डे को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस में छात्र व छात्राएं अपने माता-पिता को देवता तुल्य मानते हुए पूरे विधि विधान के साथ उनका पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. वहीं इस भावुक पल में कई माता-पिता अपनी खुशियों का इजहार अपने आंसुओं के माध्यम से कर बच्चों की लंबी उम्र की कामना करते हैं.

kalindi public school gorakhpur
बच्चों ने मनाया मातृ-पितृ पूजन दिवस.

माता-पिता का सम्मान करने की दी जाती है शिक्षा
खोराबार क्षेत्र में स्थित कालिंदी पब्लिक स्कूल शिक्षा के साथ ही छात्र-छात्राओं में भारतीय संस्कृति के अनुसार माता-पिता का आदर सम्मान करने की भी शिक्षा देता है. पिछले कई वर्षों से कालिंदी पब्लिक स्कूल प्रबंधन द्वारा 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के दिन को स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के साथ मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस दिन पूरे विधि विधान के साथ माता-पिता, गुरुजनों व अभिभावकों का भारतीय संस्कृति के रीति रिवाज से पूजन अर्चन आदि का कार्य कराकर बच्चों को आधुनिक पाश्चात्य शैली से मोड़ कर उनके अंदर अध्यात्म की भावना जागृत करने का कार्य किया जाता है. कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व विद्यालय प्रशासन ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को पुष्प अर्पित कर नमन किया.

बच्चों ने मनाया मातृ-पितृ पूजन दिवस.

चारों तरफ विद्यालय की हो रही सराहना
विद्यालय के इस कार्य की चर्चा जहां शहर में चारों ओर है, वहीं इस दिवस के माध्यम से विद्यालय प्रशासन समाज में फैली विकृतियों से युवाओं को दूर रखने की भरसक कोशिश कर रहा है. जहां समाज में इस आधुनिक काल में बच्चे अपने माता-पिता से दूर होते जा रहे हैं, वहीं इस पहल ने समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर रहा है. अभिभावक भी विद्यालय के इस पहल की सराहना करते नहीं थकते.

अभिभावकों ने की सराहना
अभिभावक अश्वनी मिश्रा व रीना मिश्रा ने बताया कि इस आधुनिक दौर में जहां बच्चे टीवी और मोबाइल तक ही सीमित हैं, वही कालिंदी पब्लिक स्कूल बच्चों में अध्यात्म के माध्यम से माता-पिता व शीर्ष जनों के आदर सम्मान की भावना को जागृत कर रहा है. जो बच्चे माता-पिता के प्यार और आशीर्वाद से वंचित रह कर केवल पाश्चात्य शैली की तरफ आकर्षित होते हैं, उन्हें वापस भारतीय अध्यात्म की तरफ मोड़ने का यह अनोखा पहल वाकई काबिले तारीफ है. बच्चों के प्यार, आदर व सम्मान से मन गदगद हो जाता है. वहीं आंखें भी नम हो जाती हैं कि यह छोटे-छोटे बच्चे कैसे अपने माता पिता में देवी और देवताओं का वास समझकर उनकी पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं. इस विद्यालय से सीख लेकर अन्य विद्यालयों को भी अपने वहां इस तरह के आयोजनों को करना चाहिए, जिससे युवाओं में माता-पिता के प्रति सम्मान की भावना जागृत हो सके.

kalindi public school gorakhpur
माता-पिता के चरण छूते बच्चे.

'आज के दिन का बेसब्री से रहता है इंतजार'
विद्यालय में पढ़ने वाली अमृता मिश्रा व नंदिनी तिवारी बताती हैं कि आज के दिन का उन्हें बेसब्री से इंतजार रहता है. वैसे तो वह रोज अपने माता-पिता का आशीर्वाद प्राप्त कर कर ही अपने अन्य कार्यों को करते हैं, लेकिन मातृ-पितृ दिवस पर पूरे विधि विधान के साथ माता-पिता को भगवान के रूप में साक्षी मानकर उन्हें आसन ग्रहण कराते हुए, उनका तिलक कर, उनकी आरती उतारी जाती है और फिर उनकी परिक्रमा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.

'पाश्चात्य शैली को त्यागे युवा, मनाएं मातृ-पितृ पूजन दिवस'
कालिंदी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य सीमा सिंह ने बताया कि वैलेंटाइन डे को युवा वर्ग खास रूप में देखता है, लेकिन विद्यालय युवाओं में इस भावना को जागृत करना चाहता है कि वे इस पाश्चात्य शैली को नजरअंदाज कर मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाएं, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी में यह संदेश जा सके कि माता पिता से बड़ा कोई और दूसरा नहीं हो सकता. माता-पिता की इज्जत करना, उन्हें सम्मान देना और उनकी पूजा अर्चना करना यह हमारी परंपरा रही है, लेकिन पाश्चात्य शैली ने युवाओं को इस परंपरा से अनजान बना रखा है. विद्यालय प्रबंधन पुनः युवाओं को अपनी भारतीय संस्कृति के अनुसार ढालने का कार्य कर रहा है. हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में इस विद्यालय से निकलने वाले छात्र व छात्राएं देश-प्रदेश के विभिन्न कोनों में जाकर भारतीय संस्कृति और परंपरा का निर्वहन करते हुए इसका प्रचार प्रसार करेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.