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गोरखपुर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हैं छात्राओं को ये उम्मीदें

5 जुलाई को संसद में बजट पेश होने वाला है. देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. बजट के आने से पहले गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं ने अपने मन की बात जाहिर की है. छात्राओं को बजट से काफी उम्मीदें हैं.

गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं को बजट से है काफी उम्मीदें
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Published : Jul 3, 2019, 8:59 PM IST

गोरखपुर: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को संसद में पेश होगा. देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. बजट का देश के हर वर्ग को बेसब्री से इंतजार है. बजट से ही हर मंत्रालय का खर्चा तय होता है. वह चाहे सुरक्षा का मामला हो या फिर देश की शिक्षा और स्वास्थ्य की दशा को सुधारने का सब बजट से ही तय होता है. बजट के आने से पहले बेटियों ने अपनी इच्छा जाहिर की है. छात्राओं को बजट से काफी उम्मीदें हैं.

गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं को बजट से है काफी उम्मीदें

बजट से हैं छात्राओं को उम्मीदें-

  • बजट को लेकर गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं ने ईटीवी भारत से खुलकर बात की.
  • गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं का कहना है कि आरक्षण व्यवस्था नहीं होनी चाहिए.
  • छात्राओं का कहना है कि स्कॉलरशिप में भी भेदभाव बन्द होना चाहिए.
  • छात्राओं ने कहा कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों का शुल्क माफ होना चाहिए.
  • बेटी पढ़ सके इसलिए बजट में कुछ अच्छा प्रयास होना चाहिए.

शिवांगी गोयल, छात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालय ने बताया कि विश्वविद्यालय की छात्राओं ने कहा कि बेटियों को हर मां-बाप पढ़ाने को तैयार हैं, बेटियां अच्छा मुकाम भी हासिल कर रही हैं . सुनंदा ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों में भी हॉस्टल फीस बहुत कम होनी चाहिए. उदीची का कहना है कि तमाम मां-बाप यह सोचकर बेटी को नहीं पढ़ा पाते हैं कि जितना पैसा पढ़ाई में खर्च होगा उतने में शादी का इंतजाम हो जाएगा.

विश्वविद्यालय में शिक्षा ले रही इन छात्राओं के लिए अलग से वॉशरूम बनाया जाय ऐसा बजट में कुछ प्रावधान हो.
-आंचल, छात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालय

राज्य विश्वविद्यालयों में भी हॉस्टल फीस बहुत कम होनी चाहिए.
-प्रीति त्रिपाठी, छात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालय

गोरखपुर: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को संसद में पेश होगा. देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. बजट का देश के हर वर्ग को बेसब्री से इंतजार है. बजट से ही हर मंत्रालय का खर्चा तय होता है. वह चाहे सुरक्षा का मामला हो या फिर देश की शिक्षा और स्वास्थ्य की दशा को सुधारने का सब बजट से ही तय होता है. बजट के आने से पहले बेटियों ने अपनी इच्छा जाहिर की है. छात्राओं को बजट से काफी उम्मीदें हैं.

गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं को बजट से है काफी उम्मीदें

बजट से हैं छात्राओं को उम्मीदें-

  • बजट को लेकर गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं ने ईटीवी भारत से खुलकर बात की.
  • गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं का कहना है कि आरक्षण व्यवस्था नहीं होनी चाहिए.
  • छात्राओं का कहना है कि स्कॉलरशिप में भी भेदभाव बन्द होना चाहिए.
  • छात्राओं ने कहा कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों का शुल्क माफ होना चाहिए.
  • बेटी पढ़ सके इसलिए बजट में कुछ अच्छा प्रयास होना चाहिए.

शिवांगी गोयल, छात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालय ने बताया कि विश्वविद्यालय की छात्राओं ने कहा कि बेटियों को हर मां-बाप पढ़ाने को तैयार हैं, बेटियां अच्छा मुकाम भी हासिल कर रही हैं . सुनंदा ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों में भी हॉस्टल फीस बहुत कम होनी चाहिए. उदीची का कहना है कि तमाम मां-बाप यह सोचकर बेटी को नहीं पढ़ा पाते हैं कि जितना पैसा पढ़ाई में खर्च होगा उतने में शादी का इंतजाम हो जाएगा.

विश्वविद्यालय में शिक्षा ले रही इन छात्राओं के लिए अलग से वॉशरूम बनाया जाय ऐसा बजट में कुछ प्रावधान हो.
-आंचल, छात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालय

राज्य विश्वविद्यालयों में भी हॉस्टल फीस बहुत कम होनी चाहिए.
-प्रीति त्रिपाठी, छात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालय

Intro:वित्त बजट को लेकर डेस्क से डिमांड की गई स्टोरी है।।।।
ओपनिंग पीटीसी के साथ...
गोरखपुर। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला 5 जुलाई को संसद में पेश होगा देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करें बजट देश हर वर्ग को लाभ की उम्मीद रहती है। हर मंत्रालय का खर्चा यहीं से तय होता है। चाहे वह सुरक्षा का मामला हो या फिर देश के शिक्षा और स्वास्थ्य की दशा को सुधारने की बात हो। इस बार के बजट में बेटियों को लेकर क्या खास हो इसपर गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं ने ईटीवी भारत से खुलकर बात किया और कहा कि बेटियों पर आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं होनी चाहिए, और स्कॉलरशिप में भी भेदभाव बन्द होना चाहिए।

नोट--कम्पलीट पैकेज है।


Body:विश्वविद्यालय की छात्राओं ने कहा कि बेटियों को हर मां-बाप पढ़ाने को तैयार हैं,बेटियां अच्छा मुकाम भी हासिल कर रही हैं लेकिन कहीं न कहीं पैसे की कमी उनके लिए परेशानी का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों का शुल्क माफ होना चाहिए या फिर केंद्रीय विश्वविद्यालय की तर्ज पर राज्य विश्वविद्यालयों में भी हॉस्टल फीस बहुत कम होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटी पढ़ सके इसलिए बजट में कुछ अच्छा प्रयास होना चाहिए क्योंकि तमाम मां-बाप यह सोचकर बेटी को नहीं पढ़ा पाते हैं कि जितना पैसा पढ़ाई में खर्च होगा उतने में शादी का इंतजाम हो जाएगा। विश्वविद्यालय में शिक्षा ले रही इन छात्राओं का कहना है कि उनके लिए अलग से वॉशरूम बनाया जाय ऐसा बजट में कुछ प्राविधान हो।

बाइट--शिवांगी गोयल, पैकेज की पहली लड़की, चश्मे में
बाइट-श्यामा वर्मा, पैकेज के क्रम में चौथी लड़की
बाइट-सुनंदा, पैकेज में ब्लू शूट में
बाइट--उदीची, पैकेज की दूसरी लड़की
बाइट-आंचल, सफेद ड्रेस
बाइट--प्रीति त्रिपाठी, आखिरी लड़की


Conclusion:मोदी सरकार पार्ट-2 के पेश होने वाले बजट से हर वर्ग की उम्मीदें खास हैं। और जब देश-प्रदेश की सरकारें इस बात का जोर-जोर से नारा दे रही हों कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ तो उनके लिए सरकारों को हर स्तर पर आगे आकर काम करना चाहिए। इस लिए वित्त बजट के आने से पहले बेटियों ने अपनी इच्छा जाहिर कर दिया है पर असली रिएक्शन तो बजट के आने बाद ही मिलेगा जब उम्मीदें या तो कायम होंगी या फिर धराशाई।

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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