गोरखपुर: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को संसद में पेश होगा. देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. बजट का देश के हर वर्ग को बेसब्री से इंतजार है. बजट से ही हर मंत्रालय का खर्चा तय होता है. वह चाहे सुरक्षा का मामला हो या फिर देश की शिक्षा और स्वास्थ्य की दशा को सुधारने का सब बजट से ही तय होता है. बजट के आने से पहले बेटियों ने अपनी इच्छा जाहिर की है. छात्राओं को बजट से काफी उम्मीदें हैं.
बजट से हैं छात्राओं को उम्मीदें-
- बजट को लेकर गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं ने ईटीवी भारत से खुलकर बात की.
- गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं का कहना है कि आरक्षण व्यवस्था नहीं होनी चाहिए.
- छात्राओं का कहना है कि स्कॉलरशिप में भी भेदभाव बन्द होना चाहिए.
- छात्राओं ने कहा कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों का शुल्क माफ होना चाहिए.
- बेटी पढ़ सके इसलिए बजट में कुछ अच्छा प्रयास होना चाहिए.
शिवांगी गोयल, छात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालय ने बताया कि विश्वविद्यालय की छात्राओं ने कहा कि बेटियों को हर मां-बाप पढ़ाने को तैयार हैं, बेटियां अच्छा मुकाम भी हासिल कर रही हैं . सुनंदा ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों में भी हॉस्टल फीस बहुत कम होनी चाहिए. उदीची का कहना है कि तमाम मां-बाप यह सोचकर बेटी को नहीं पढ़ा पाते हैं कि जितना पैसा पढ़ाई में खर्च होगा उतने में शादी का इंतजाम हो जाएगा.
विश्वविद्यालय में शिक्षा ले रही इन छात्राओं के लिए अलग से वॉशरूम बनाया जाय ऐसा बजट में कुछ प्रावधान हो.
-आंचल, छात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालयराज्य विश्वविद्यालयों में भी हॉस्टल फीस बहुत कम होनी चाहिए.
-प्रीति त्रिपाठी, छात्रा गोरखपुर विश्वविद्यालय