गोरखपुरः पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला ने मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित पर्सनालिटी एनरिचमेंट विषय पर बोलते हुए विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए चार टिप्स दिए.
उनका कहना है कि एक विद्यार्थी के जीवन में एबीसीडी का होना बेहद जरूरी है. ए का मतलब एटीट्यूड (दृष्टिकोण), बी का मतलब बिहेवियर (व्यवहार ), सी का मतलब कम्युनिकेशन (सम्प्रेषण) और डी का मतलब डिसिप्लिन (अनुशासन).
उन्होंने सलाह दी कि एक विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ मूल्यपरक पाठ्यक्रम भी पढ़ना चाहिए. इससे व्यक्तित्व का विकास होता है.
उन्होंने कहा कि एक सफल विद्यार्थी के पैर में चक्कर, मुंह में शक्कर, दिल में क्रांति और मन में शांति होना बेहद जरूरी है. कहने का मतलब है कि उसे सदैव क्रियाशील रहना होगा. वह मृदुभाषी होना चाहिए. साथ ही उसके दिल में जोश के साथ क्रांति होनी चाहिए और दिमाग पूरी तरह से शांत होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा वार परिवार है. परिवार से हम संस्कार और नैतिक मूल्य सीखते हैं. बच्चे को उपहार नहीं देंगे तो वह थोड़ी देर रोएगा लेकिन अगर संस्कार नहीं देंगे तो वह पूरे जीवन रोएगा.
लक्ष्य के बारे में उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहा करते थे कि हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए. लक्ष्य नौ के पहाड़े की तरह होना चाहिए. जैसे नौ का पहाड़ा पढ़ने में नौ से 90 तक कोई बदलाव नहीं होता है. उसी तरीके से आप अपने लक्ष्य को शुरू से स्पष्ट रखें. हालांकि कभी-कभी प्लान बी भी रखा जा सकता है.
ये भी पढ़ेंः अमित शाह ने दिया A,B,C का फार्मूला, टिकट बंटवारे के लिए तैयार करें इस आधार पर प्लानिंग
दूसरे सत्र में कुमाऊं विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान विभाग की भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आराधना शुक्ला ने पर्सनालिटी एंड एडजेस्टमेंट विषय पर अपना व्याख्यान दिया.
अध्यक्षता अलग-अलग सत्रों में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनुभूति दुबे एवं प्रोफेसर धनंजय कुमार ने की. इस दौरान सूफिया खातून, आकांक्षा पांडेय, अंकिता ओझा व नेहा शुक्ला भी मौजूद रहीं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप