गोरखपुर: पिपराइच थाना क्षेत्र के तुरवा बाजार स्थित राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज की फर्जी मान्यता के बाद यहां पढ़ रहे छात्रों ने अपनी डिग्री की मांग को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया है. छात्रों ने कॉलेज के प्रबंधक अभिषेक यादव और मनीषा यादव के खिलाफ सड़क पर उतकर जमकर नारेबाजी की और जाम भी लगा दिया. मौके पर पिपराइच थाना प्रभारी पहुंचे लेकिन, आंदोलन चलता रहा.
राज स्कूल ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज की मान्यता का शासनादेश फर्जी मिला है. इसका संज्ञान लेकर ही संयुक्त सचिव अनिल सिंह ने तहरीर भेजकर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने कॉलेज संचालकों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करके जालसाजी करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, शासन के संयुक्त सचिव अनिल सिंह ने कोतवाली पुलिस को भेजी तहरीर में लिखा है कि 11 नवंबर 2021 को राज स्कूल आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज की मान्यता बहाल किए जाने का शासनादेश सार्वजनिक किया गया था. इसी आधार पर विद्यार्थियों का प्रवेश भी लिया गया. यह मामला सामने आया तो शासन स्तर से जांच कराई गई. जांच में पता चला कि शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी शासनादेश फर्जी है.
मान्यता बहाल के संबंध में जारी किए गए पत्र में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी का नाम और पद गलत है. शासनादेश में महानिदेशक के स्थान पर महानिर्देशक लिखा गया है, जो बिल्कुल गलत है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के रजिस्टर, क्रमांक और पत्र संख्या से ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है. विद्यार्थियों को गुमराह करने और अनुचित लाभ लेने के लिए ऐसा किया गया है. लिहाजा, मुकदमा दर्ज करके कड़ी कार्रवाई की जरूरत है.
कोतवाली इंस्पेक्टर कल्याण सिंह सागर ने कहा कि तहरीर के आधार पर जालसाजी का केस दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
निदेशक राज स्कूल ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज अभिषेक यादव ने कहा कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव के खिलाफ 2019 में मुकदमा दर्ज कराया थास, इसकी जांच चल रही है. जालसाजी, धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज कराया था, सरकार को आरोप पत्र दाखिल करना है. इससे सरकार बचना चाह रही है. इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष और अन्य के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी मिल चुकी है, फिर भी मामले में हीलाहवाली की जा रही है.