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रेहड़ी-पटरी व्यवसाइयों ने कहा- सीएम योगी आदित्यनाथ का काफिला निकलने पर उजड़ जाता है कारोबार

सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के शहर गोरखपुर (Gorakhpur) की बात करें, तो यहां के रेहड़ी-पटरी व्यवसाई भी सरकारी मदद न मिलने के कारण बेहद नाराज नजर आ रहे हैं. इनकी नाराजगी बीजेपी के लिए यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में परेशानी का सबब बन सकती है.

street vendors share their resentment with yogi govt in gorakhpur before up assembly elections 2022
street vendors share their resentment with yogi govt in gorakhpur before up assembly elections 2022
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Published : Nov 17, 2021, 5:16 PM IST

गोरखपुर: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक माहौल तेजी से बदलता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत से बातचीत में रेहड़ी-पटरी व्यवसाइयों ने कहा कि सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ उनकी जिन समस्याओं को लेकर सड़क पर आंदोलन किया करते थे और अधिकारियों से लड़ते थे. वही मुख्यमंत्री बनने के बाद, वो उनके पेट पर लात मारने में लगे हुए हैं. जब सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का काफिला गोरखपुर की सड़कों से गुजरता है, तो पुलिस प्रशासन और नगर निगम की टीम रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों को जबरन हटा देते हैं. इससे उनको बड़ा नुकसान होता है.

ईटीवी भारत की टीम से बात करते रेहड़ी-पटरी व्यवसाई
पटरी व्यवसाई संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर कुमार झा ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ पटरी व्यवसायियों की ताकत हैं. जब वह मुख्यमंत्री बने तो सभी पटरी व्यवसायियों की उम्मीद जग गई थी कि उनके लिए निश्चित रूप से कुछ अच्छा होगा. सीएम ने इन व्यवसायियों के लिए जो भी घोषणाएं की हैं, वह सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गयी हैं.

ये भी पढ़ें- यूपी में 'हाथी और हाथ' का हो सकता है साथ, पंजाब का पेंच लगा रहा अड़ंगा!

सुधीर कुमार झा ने कहा कि साढ़े चार साल में पटरी व्यवसायियों के लिए जो हाट बाजार बने, उनमें इनको दुकानें आवंटित नहीं की गयीं. योजनाओं में लापरवाही को लेकर शिकायत उन्होंने कई उच्चाधिकारियों से की, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. यहां तक की प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत इन्हें जो 10 हजार रुपये का ऋण दिया गया, उस पर इनको 11% ब्याज के साथ अदा करना है. यह व्यापारियों के साथ छलावा नहीं तो और क्या है.

ये भी पढ़ें- UP में भाजपा की अग्निपरीक्षा, दांव पर लगी कई नेताओं की प्रतिष्ठा!


पटरी व्यवसायियों ने कहा कि शहर में करीब 1000 रेहड़ी-पटरी वाले हैं. मुख्यमंत्री के दौरे की वजह से इन्हें अक्सर प्रशासन के लोग जबरन हटा देते हैं. एक व्यापारी ने बताया कि पुलिस के लोग आते हैं और ठेले को पलट देते हैं, इससे उनके सारे अंडे फूट जाते हैं. ये नुकसान उनको कई बार उठाना पड़ा.

ये भी पढ़ें- यूपी विधानसभा चुनाव 2022: क्या असदुद्दीन ओवैसी को मिलेगा मुसलमानों का पूरा समर्थन, जानिए क्या है धर्मगुरुओं की राय

पटरी व्यवसायियों ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ जिस तरह सांसद के रूप में उन्हें स्नेह और सहयोग देते थे. उसी प्रकार से फिर सहयोग देकर उन्हें कहीं स्थाई जगह दिला दें, जिससे रोज-रोज विस्थापित होने की तकलीफ से बचा जा सके. अपने परिवार को चलाने के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर सकें. उन्होंने पीएम सम्मान निधि योजना के तहत दिए गए लोन में ब्याज की दर घटाने की भी मांग की है.

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गोरखपुर: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक माहौल तेजी से बदलता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत से बातचीत में रेहड़ी-पटरी व्यवसाइयों ने कहा कि सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ उनकी जिन समस्याओं को लेकर सड़क पर आंदोलन किया करते थे और अधिकारियों से लड़ते थे. वही मुख्यमंत्री बनने के बाद, वो उनके पेट पर लात मारने में लगे हुए हैं. जब सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का काफिला गोरखपुर की सड़कों से गुजरता है, तो पुलिस प्रशासन और नगर निगम की टीम रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों को जबरन हटा देते हैं. इससे उनको बड़ा नुकसान होता है.

ईटीवी भारत की टीम से बात करते रेहड़ी-पटरी व्यवसाई
पटरी व्यवसाई संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर कुमार झा ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ पटरी व्यवसायियों की ताकत हैं. जब वह मुख्यमंत्री बने तो सभी पटरी व्यवसायियों की उम्मीद जग गई थी कि उनके लिए निश्चित रूप से कुछ अच्छा होगा. सीएम ने इन व्यवसायियों के लिए जो भी घोषणाएं की हैं, वह सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गयी हैं.

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सुधीर कुमार झा ने कहा कि साढ़े चार साल में पटरी व्यवसायियों के लिए जो हाट बाजार बने, उनमें इनको दुकानें आवंटित नहीं की गयीं. योजनाओं में लापरवाही को लेकर शिकायत उन्होंने कई उच्चाधिकारियों से की, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. यहां तक की प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत इन्हें जो 10 हजार रुपये का ऋण दिया गया, उस पर इनको 11% ब्याज के साथ अदा करना है. यह व्यापारियों के साथ छलावा नहीं तो और क्या है.

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पटरी व्यवसायियों ने कहा कि शहर में करीब 1000 रेहड़ी-पटरी वाले हैं. मुख्यमंत्री के दौरे की वजह से इन्हें अक्सर प्रशासन के लोग जबरन हटा देते हैं. एक व्यापारी ने बताया कि पुलिस के लोग आते हैं और ठेले को पलट देते हैं, इससे उनके सारे अंडे फूट जाते हैं. ये नुकसान उनको कई बार उठाना पड़ा.

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पटरी व्यवसायियों ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ जिस तरह सांसद के रूप में उन्हें स्नेह और सहयोग देते थे. उसी प्रकार से फिर सहयोग देकर उन्हें कहीं स्थाई जगह दिला दें, जिससे रोज-रोज विस्थापित होने की तकलीफ से बचा जा सके. अपने परिवार को चलाने के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर सकें. उन्होंने पीएम सम्मान निधि योजना के तहत दिए गए लोन में ब्याज की दर घटाने की भी मांग की है.

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