गोरखपुर: 'पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना' स्ट्रीट वेंडरों के लिए वरदान साबित हो रही है. कोरोना महामारी में ठेला, खोमचा और रेहड़ी लगाने वाले जिन व्यापारियों का व्यापार चौपट हो गया था, उसे गति देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 'पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना' को लागू किया है. इस योजना के तहत पूरे देश में 50 लाख वेंडरों को 10 हजार रुपये का लोन दिया जाएगा. जिसमें गोरखपुर जिले का लक्ष्य 33 हजार का है. नगर निगम में पंजीकृत ऐसे वेंडरों को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा. पंजीकृत वेंडरों को फोन के जरिए सूचित कर उनका ऑनलाइन डाटा अपलोड कराया जा रहा है.
'जिले में 33 हजार लक्ष्य'
जिले में इस योजना के तहत अधिकतम वेंडरों को जल्द से जल्द लाभ मिले, इसके लिए सप्ताह में होने वाली 2 दिनों की बंदी में भी नगर निगम का डूडा (जिला शहरी विकास अथॉरिटी) कार्यालय खोला जा रहा है. इस दौरान स्ट्रीट वेंडरों का पूरा विवरण इस योजना के सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जा रहा है. जिसके लिए कार्यालय में भारी भीड़ भी देखी जा रही है. 33 हजार लक्ष्य के सापेक्ष करीब 18 हजार से अधिक वेंडरों का डाटा अपलोड किया जा चुका है.
'ढाई सौ से अधिक वेंडरों को दिया जा चुका लोन'
डूडा के परियोजना अधिकारी विकास सिंह ने बताया कि अब तक ढाई सौ से ज्यादा वेंडरों को लोन भी दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि समय से लोन की रकम चुकता करने वाले वेंडरों को कोई ब्याज नहीं देना होगा, साथ ही यह योजना शहर के सौंदर्यीकरण में भी मददगार साबित होगी.
'योजना से मिल रही मदद'
अपना ऑनलाइन डाटा अपलोड कराने कार्यालय पहुंचे स्ट्रीट वेंडरों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल में उनके चौपट हुए व्यापार को खड़ा करने के लिए जो यह योजना बनाई है, उससे निश्चित रूप से उनको बेहद ही मदद मिलेगी. उनका रूका हुआ रोजगार चल पड़ेगा, क्योंकि पटरी पर व्यापार करने वालों के लिए 10 हजार की रकम बहुत होती है. उन्होंने कहा कि ब्याज मुक्त कर्ज होने से उन्हें अपने व्यापार को बढ़ाने में और मदद मिलेगी.
स्ट्रीट वेंडरों को लोन की रकम को 1 साल में किस्तों में वापस करना है. जिले में अब तक 32 सौ वेंडरों का डाटा अपलोड किया जा चुका है. प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या इसी जिले की है, जबकि पूरे प्रदेश में 10 लाख स्ट्रीट वेंडरों को लोन देने का भारत सरकार ने लक्ष्य तय किया है.