ETV Bharat / state

गोरखपुर में बच्चों ने बनाया सुरक्षा कवच मिसाइल का मॉडल, घरों और धार्मिक स्थलों को नहीं पहुंचेगा नुकसान

गोरखपुर में बच्चों ने एक खास तरह की मिसाइल का मॉडल तैयार किया है. यह मिसाइल आम जनता और आम जनता के घरों और धार्मिक स्थलों को नुकसान नहीं पहुंचाएगी. चलिए जानते हैं इस बारे में.

etv bharat
etv bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 9:07 AM IST

बच्चों ने तैयार किया खास मिसाइल का मॉडल.

गोरखपुर: 21 सितम्बर को 'अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस' के मौके पर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा, संस्थान में बीसीए अंतिम वर्ष के छात्र स्वप्निल श्रीवास्तव, ऋषभ तिवारी और खुशी त्रिपाठी ने मिलकर दुनिया को शांति का सन्देश देने और मानव कल्याण के लिए एक खास कवच मिसाइल का प्रोटोटाईप मॉडल तैयार किया है. यह मिसाइल किसी स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और धार्मिक स्थल के नजदीक आने पर निष्क्रिय हो जाएगी. छात्रों ने अपने कवच मिसाइल का प्रदर्शन कर समाज मे शांति और सुरक्षा स्थापित करने का बड़ा संदेश दिया है.

े्िु
इस मॉडल बच्चों ने किया तैयार.

इस संबंध में छात्रों ने बताया कि साथियों ने इस प्रोजेक्ट को अपने कॉलेज के इनोवेशन सेंटर में लगभग एक हप्ते में तैयार किया है. इसका नाम कवच मिसाइल दिया है. इसमें इंफ़्रारेड रेडियो, फ्रिक्वेंसी सेंसर लगाया गया हैं जिसे मिसाइल के ट्रिगर से कनेक्ट किया जाएगा और दूसरा रेडियो सिग्नल सेंडर कवच से ज़ो मिसाइल के किसी स्कूल, कॉलेज या धार्मिक स्थल के नजदीक आने पर मिसाइल में लगे रेडियो रिसिवर तक सिग्नल पहुंचाएगा. इससे मिसाइल में लगे ट्रिगर को ये पता हो जाता है कि जहां मिसाइल गिरने वाली है वो क्षेत्र पब्लिक प्लेस है. इससे मिसाइल में लगा ट्रिगर ब्लॉक हों जाएगा और उस क्षेत्र में मिसाइल तो गिरेगा लेकिन ब्लास्ट नहीं होगा.

इस शोध को करने वाली टीम के छात्र और छात्रा ने इसकी खासियत पर पूरा प्रकाश डाला और कहा कि अक्सर यह घटना देखने को मिलती है कि प्रयोग के तौर पर भी कुछ मिसाइल आबादी क्षेत्र में गिर जाती है. ऐसे में इसमें जो तकनीक इस्तेमाल की गई है उससे ऐसी घटना रुकेगी.

छात्र स्वप्निल ने बताया कि सरकार अगर उनके इस इनोवेशन मॉडल को विकसित करने में मदद करती है तो इसका विस्तार कर देश को मिसाइल की यह तकनीक उपलब्ध करा दी जाएगी. इससे जनहानि रुकेगी. वहीं, संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने बताया कि संस्थान मे छात्रों के नए-नए विचारों को हकीकत मे अंजाम देने के लिए नवाचार प्रयोगशाला की स्थापना की गई है. इसमें छात्र इनोवेशन के क्षेत्र में काम करते रहते हैं. इस बार हमारे छात्रों ने 21 सितम्बर को विश्व शांति दिवस के दिन विश्व शांति एवं मानव कल्याण के लिये अपने अविष्कार के जरिये, पूरी दुनिया को अहिंसा व विश्व शांति का सन्देश देने का कार्य किया है.

उन्होंने कहा कि छात्रों के द्वारा सामाजिक हित के लिए नियमित रूप से किया जा रहा प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है. छात्रों ने प्रोजेक्ट को असिस्टेंट प्रोफेसर विनीत राय के देखरेख में तैयार किया है. इसे बनाने मे आईआर रेडियो, ट्रांसमिटर सेंसर, 9 वोल्ट बैटरी, रेड, ग्रीन,एलईडी, अलार्म, पोटैशियम नाइट्रेट, मुल्तानी मिट्टी आदि का इस्तेमाल किया गया हैं. इसकी मारक क्षमता तीन सौ मीटर है. छात्रों कि इस उपलब्धि पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने बधाई दी है.


ये भी पढ़ेंः राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा- विश्वविद्यालय NRF, एशिया और वर्ल्ड रैकिंग की करें तैयारी, छात्रों की बढ़ेगी भागीदारी

ये भी पढ़ेंः गोरखपुर और अलीगढ़ में खुलेंगे स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट: जयवीर सिंह

बच्चों ने तैयार किया खास मिसाइल का मॉडल.

गोरखपुर: 21 सितम्बर को 'अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस' के मौके पर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा, संस्थान में बीसीए अंतिम वर्ष के छात्र स्वप्निल श्रीवास्तव, ऋषभ तिवारी और खुशी त्रिपाठी ने मिलकर दुनिया को शांति का सन्देश देने और मानव कल्याण के लिए एक खास कवच मिसाइल का प्रोटोटाईप मॉडल तैयार किया है. यह मिसाइल किसी स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और धार्मिक स्थल के नजदीक आने पर निष्क्रिय हो जाएगी. छात्रों ने अपने कवच मिसाइल का प्रदर्शन कर समाज मे शांति और सुरक्षा स्थापित करने का बड़ा संदेश दिया है.

े्िु
इस मॉडल बच्चों ने किया तैयार.

इस संबंध में छात्रों ने बताया कि साथियों ने इस प्रोजेक्ट को अपने कॉलेज के इनोवेशन सेंटर में लगभग एक हप्ते में तैयार किया है. इसका नाम कवच मिसाइल दिया है. इसमें इंफ़्रारेड रेडियो, फ्रिक्वेंसी सेंसर लगाया गया हैं जिसे मिसाइल के ट्रिगर से कनेक्ट किया जाएगा और दूसरा रेडियो सिग्नल सेंडर कवच से ज़ो मिसाइल के किसी स्कूल, कॉलेज या धार्मिक स्थल के नजदीक आने पर मिसाइल में लगे रेडियो रिसिवर तक सिग्नल पहुंचाएगा. इससे मिसाइल में लगे ट्रिगर को ये पता हो जाता है कि जहां मिसाइल गिरने वाली है वो क्षेत्र पब्लिक प्लेस है. इससे मिसाइल में लगा ट्रिगर ब्लॉक हों जाएगा और उस क्षेत्र में मिसाइल तो गिरेगा लेकिन ब्लास्ट नहीं होगा.

इस शोध को करने वाली टीम के छात्र और छात्रा ने इसकी खासियत पर पूरा प्रकाश डाला और कहा कि अक्सर यह घटना देखने को मिलती है कि प्रयोग के तौर पर भी कुछ मिसाइल आबादी क्षेत्र में गिर जाती है. ऐसे में इसमें जो तकनीक इस्तेमाल की गई है उससे ऐसी घटना रुकेगी.

छात्र स्वप्निल ने बताया कि सरकार अगर उनके इस इनोवेशन मॉडल को विकसित करने में मदद करती है तो इसका विस्तार कर देश को मिसाइल की यह तकनीक उपलब्ध करा दी जाएगी. इससे जनहानि रुकेगी. वहीं, संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने बताया कि संस्थान मे छात्रों के नए-नए विचारों को हकीकत मे अंजाम देने के लिए नवाचार प्रयोगशाला की स्थापना की गई है. इसमें छात्र इनोवेशन के क्षेत्र में काम करते रहते हैं. इस बार हमारे छात्रों ने 21 सितम्बर को विश्व शांति दिवस के दिन विश्व शांति एवं मानव कल्याण के लिये अपने अविष्कार के जरिये, पूरी दुनिया को अहिंसा व विश्व शांति का सन्देश देने का कार्य किया है.

उन्होंने कहा कि छात्रों के द्वारा सामाजिक हित के लिए नियमित रूप से किया जा रहा प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है. छात्रों ने प्रोजेक्ट को असिस्टेंट प्रोफेसर विनीत राय के देखरेख में तैयार किया है. इसे बनाने मे आईआर रेडियो, ट्रांसमिटर सेंसर, 9 वोल्ट बैटरी, रेड, ग्रीन,एलईडी, अलार्म, पोटैशियम नाइट्रेट, मुल्तानी मिट्टी आदि का इस्तेमाल किया गया हैं. इसकी मारक क्षमता तीन सौ मीटर है. छात्रों कि इस उपलब्धि पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने बधाई दी है.


ये भी पढ़ेंः राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा- विश्वविद्यालय NRF, एशिया और वर्ल्ड रैकिंग की करें तैयारी, छात्रों की बढ़ेगी भागीदारी

ये भी पढ़ेंः गोरखपुर और अलीगढ़ में खुलेंगे स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट: जयवीर सिंह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.