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गोरखपुर से अयोध्या रवाना हुई गोरक्षपीठ की पावन मिट्टी और जल

यूपी के गोरखपुर से गोरखपीठ की पावन मिट्टी और जल राम जन्मभूमि अयोध्या के लिए रवाना हो गई. 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रीराम जन्मभूमि की नींव रखी जाएगी. श्रीराम जन्मभूमि की नींव में देश के सभी सिद्धपीठ की पावन मिट्टी और प्रसिद्ध नदियों के जल को डाला जाएगा.

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पावन मिट्टी और जल अयोध्या के लिए रवाना.
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Published : Jul 29, 2020, 4:10 PM IST

गोरखपुर: गोरखपीठ की पावन मिट्टी और जल राम जन्मभूमि अयोध्या के लिए रवाना हो गई. 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रीराम जन्मभूमि की नींव रखी जाएगी. श्रीराम जन्मभूमि की नींव में देश के सभी सिद्धपीठ की पावन मिट्टी और प्रसिद्ध नदियों के जल को डाला जाएगा. श्रीराम मंदिर निर्माण के आंदोलन में गोरक्ष पीठ का बड़ा ही अहम योगदान रहा है.

पावन मिट्टी और जल अयोध्या के लिए रवाना.

विश्व प्रसिद्ध नाथ संप्रदाय के पीठ गोरखनाथ मंदिर में बुधवार को विश्व हिंदू परिषद की शाखा बजरंग दल के पदाधिकारी पहुंचे. गोरखपुर के कार्यालय सचिव द्वारका तिवारी के हाथों से मिट्टी निकालकर एक छोटे कलश में दी गई. इसके बाद उस मिट्टी को बाबा गोरखनाथ के मंदिर में ले जाकर पूजन किया गया. जहां से भभूति और जल छोटे से कलश में डाला गया और जय श्रीराम के उद्घोष के साथ उसे अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया.

इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारका तिवारी ने कहा कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि की नींव रखेंगे. यह पावन दिन हम लोगों को देखने को मिल रहा है. गोरखपुर का इसमें बहुत बड़ा योगदान है. देश के सभी तीर्थ स्थलों से मिट्टी और जल श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या ले जाकर वहां की नींव में डाला जाएगा.

विश्व हिंदू परिषद की शाखा बजरंग दल के प्रांत सह संयोजक दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि यह बहुत ही पावन दिन है. गोरक्षपीठ और यहां के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के साथ ही उनके शिष्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इसमें बहुत बड़ा योगदान है. राम जन्मभूमि आंदोलन में ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की अगुवाई कर आज समस्त भारतवासियों के लिए यह खुशी का दिन दिखाया है. 5 अगस्त को अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गोरक्ष पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा रखी जाएगी. वहीं ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ और ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ की आत्मा जहां कहीं भी होगी, वह हमें अपने आशिर वचनों से अनुग्रहित करेगी. ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ राम जन्मभूमि न्यास परिषद के अध्यक्ष भी रहे हैं. इसके अलावा कई अन्य संस्थाओं की भी उन्होंने अगुवाई की है. 6 दिसंबर 1992 के रथ यात्रा में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर आंदोलन को आगे बढ़ाया था. आज वे जहां भी होंगे, उनका सपना पूरा होने से उनकी आत्मा भी सुखी होगी.

गोरखपुर: गोरखपीठ की पावन मिट्टी और जल राम जन्मभूमि अयोध्या के लिए रवाना हो गई. 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रीराम जन्मभूमि की नींव रखी जाएगी. श्रीराम जन्मभूमि की नींव में देश के सभी सिद्धपीठ की पावन मिट्टी और प्रसिद्ध नदियों के जल को डाला जाएगा. श्रीराम मंदिर निर्माण के आंदोलन में गोरक्ष पीठ का बड़ा ही अहम योगदान रहा है.

पावन मिट्टी और जल अयोध्या के लिए रवाना.

विश्व प्रसिद्ध नाथ संप्रदाय के पीठ गोरखनाथ मंदिर में बुधवार को विश्व हिंदू परिषद की शाखा बजरंग दल के पदाधिकारी पहुंचे. गोरखपुर के कार्यालय सचिव द्वारका तिवारी के हाथों से मिट्टी निकालकर एक छोटे कलश में दी गई. इसके बाद उस मिट्टी को बाबा गोरखनाथ के मंदिर में ले जाकर पूजन किया गया. जहां से भभूति और जल छोटे से कलश में डाला गया और जय श्रीराम के उद्घोष के साथ उसे अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया.

इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारका तिवारी ने कहा कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि की नींव रखेंगे. यह पावन दिन हम लोगों को देखने को मिल रहा है. गोरखपुर का इसमें बहुत बड़ा योगदान है. देश के सभी तीर्थ स्थलों से मिट्टी और जल श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या ले जाकर वहां की नींव में डाला जाएगा.

विश्व हिंदू परिषद की शाखा बजरंग दल के प्रांत सह संयोजक दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि यह बहुत ही पावन दिन है. गोरक्षपीठ और यहां के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के साथ ही उनके शिष्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इसमें बहुत बड़ा योगदान है. राम जन्मभूमि आंदोलन में ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की अगुवाई कर आज समस्त भारतवासियों के लिए यह खुशी का दिन दिखाया है. 5 अगस्त को अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गोरक्ष पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा रखी जाएगी. वहीं ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ और ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ की आत्मा जहां कहीं भी होगी, वह हमें अपने आशिर वचनों से अनुग्रहित करेगी. ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ राम जन्मभूमि न्यास परिषद के अध्यक्ष भी रहे हैं. इसके अलावा कई अन्य संस्थाओं की भी उन्होंने अगुवाई की है. 6 दिसंबर 1992 के रथ यात्रा में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर आंदोलन को आगे बढ़ाया था. आज वे जहां भी होंगे, उनका सपना पूरा होने से उनकी आत्मा भी सुखी होगी.

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