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गोरखपुरः केंद्रीय महिला आयोग का सुझाव, जेल में महिला कैदियों के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य ने जिले में स्थित कारागार का निरीक्षण कर महिला कैदियों की हालात के बारे में जानकारी प्राप्त की.

केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने किया मंडलीय कारागार का निरीक्षण
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Published : Aug 14, 2019, 10:36 PM IST

गोरखपुरः केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने मंडलीय कारागार गोरखपुर का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होने महिला कैदियों की हालात और उन्हें दी जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की.

केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने किया मंडलीय कारागार का निरीक्षण

चंद्रमुखी देवी ने किया मंडलीय कारागार का निरीक्षण-
चंद्रमुखी देवी करीब 2 घंटे तक जेल में बिताने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होने कहा कि जेल में महिला कैदियों की हालत ठीक नहीं है. उनके रहने के लिए बैरक तक उपलब्ध नहीं है. जेल के अंदर महिला कैदियों की संख्या क्षमता के सापेक्ष करीब 6 गुना है. उन्हें अच्छा माहौल देने के लिए बड़े बैरक की जरूरत है.

महिला कैदियों के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम-
चंद्रमुखी देवी ने महिला कैदियों के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को लेकर चिंता जाहिर की. महिला कैदियों को जेल में सिलाई,कढ़ाई, बुनाई आदि का प्रशिक्षण दिया जाए.

महिला कैदियों की दशा को सुधारना बेहद जरूरी है. पुरुष बंदी जेल से छूट कर जब बाहर निकलता है तो उसे घर-परिवार और समाज स्वीकार कर लेता है, लेकिन महिला बंदियों को घर वाले हो या समाज के लोग स्वीकारने में हिचकते हैं. ऐसे में इनकी दशा सुधारने और इन्हें हुनरमंद बनाने का प्रयास जेल प्रशासन कर ले जाए तो निश्चित ही बंदी महिलाओं की जिंदगी में जेल के बाहर अच्छी देखने को मिलेगी.
-चंद्रमुखी देवी, केंद्रीय महिला आयोग सदस्य

गोरखपुरः केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने मंडलीय कारागार गोरखपुर का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होने महिला कैदियों की हालात और उन्हें दी जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की.

केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने किया मंडलीय कारागार का निरीक्षण

चंद्रमुखी देवी ने किया मंडलीय कारागार का निरीक्षण-
चंद्रमुखी देवी करीब 2 घंटे तक जेल में बिताने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होने कहा कि जेल में महिला कैदियों की हालत ठीक नहीं है. उनके रहने के लिए बैरक तक उपलब्ध नहीं है. जेल के अंदर महिला कैदियों की संख्या क्षमता के सापेक्ष करीब 6 गुना है. उन्हें अच्छा माहौल देने के लिए बड़े बैरक की जरूरत है.

महिला कैदियों के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम-
चंद्रमुखी देवी ने महिला कैदियों के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को लेकर चिंता जाहिर की. महिला कैदियों को जेल में सिलाई,कढ़ाई, बुनाई आदि का प्रशिक्षण दिया जाए.

महिला कैदियों की दशा को सुधारना बेहद जरूरी है. पुरुष बंदी जेल से छूट कर जब बाहर निकलता है तो उसे घर-परिवार और समाज स्वीकार कर लेता है, लेकिन महिला बंदियों को घर वाले हो या समाज के लोग स्वीकारने में हिचकते हैं. ऐसे में इनकी दशा सुधारने और इन्हें हुनरमंद बनाने का प्रयास जेल प्रशासन कर ले जाए तो निश्चित ही बंदी महिलाओं की जिंदगी में जेल के बाहर अच्छी देखने को मिलेगी.
-चंद्रमुखी देवी, केंद्रीय महिला आयोग सदस्य

Intro:गोरखपुर। केंद्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी बुधवार को गोरखपुर में थी। इस दौरान उन्होंने मंडलीय कारागार गोरखपुर का निरीक्षण किया और जेल में बंद महिला कैदियों के हालात और उन्हें दी जा रही व्यवस्था का बड़ी बारीकी से निरीक्षण किया। चंद्रमुखी देवी करीब 2 घंटे तक जेल में बिताईं और जेल से बाहर निकलने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि जेल के अंदर महिला बंदियों की हालत ठीक नहीं। उनके रहने के लिए बैरक तक उपलब्ध नहीं। जबकि जेल के अंदर महिला बंदियों की संख्या, क्षमता के सापेक्ष करीब 6 गुना है। उन्होंने कहा कि बंदियों को अच्छा माहौल देने के लिए एक बड़े बैरक की जरूरत है।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:गोरखपुर के मंडलीय कारागार में महिला बंदियों के रखने की क्षमता 20 की है जबकि मौजूदा समय में कुल 116 महिला बंदी यहाँ हैं। यही संख्या और उनकी व्यवस्था देखकर चंद्रमुखी देवी जेल प्रशासन पर थोड़ा नाराज भी हुई लेकिन, परिसर में एक बैरक का होता निर्माण देख उन्होंने इसे महिला बंदियों के लिए आरक्षित करने का सुझाव जेल के अधिकारियों को दिया। इसके साथ ही उन्होंने महिला बंदियों के स्किल डेवलपमेंट को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि जेल के अधिकारी बंदी महिलाओं की दशा सुधारने के लिए इस प्रयोग की ओर आगे बढ़े। उन्हें सिलाई,कढ़ाई, बुनाई आदि का प्रशिक्षण दें जिससे वह जेल के बाहर जाकर अपनी जिंदगी गुजर बसर कर सके।

बाइट--चंद्रमुखी देवी, सदस्य, केंद्रीय महिला आयोग


Conclusion:चंद्रमुखी देवी ने कहा जेल जाने वाली महिलाओं की दशा को सुधारा जाना बेहद जरूरी है। क्योंकि पुरुष बंदी जब जेल से छूट कर बाहर निकलता है तो उसे घर- परिवार और समाज भी स्वीकार कर लेता है लेकिन, महिला बंदियों को घर वाले हो या समाज के लोग स्वीकारने में हिचकते हैं। ऐसे में इनकी दशा सुधारने और इन्हें हुनरमंद बनाने का प्रयास जेल प्रशासन कर ले जाए तो निश्चित ही बंदी महिलाओं की जिंदगी में जेल के बाहर संकट का समय कम ही देखने को मिलेगा।

मुकेश पाण्डेय
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