गोरखपुर: दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म अपने देश में पूर्वोत्तर रेलवे का प्लेटफार्म नंबर एक है. इसकी कुल लंबाई 1366.40 मीटर है. जहां 26 बोगियों वाली दो ट्रेनों को एक साथ खड़ा किया जा सकता है. पूर्वोत्तर रेलवे के विकास की चल रही कवायद के बीच ऐसे प्लेटफार्म और प्रमुख स्टेशनों की सुरक्षा के साथ विकास की कवायद तेज होने वाली है. इसके विभिन्न स्टेशन एयरपोर्ट के तर्ज पर बनाए जाएंगे. इसमें गोरखपुर शामिल है. इसके अलावा 48 ऐसे स्टेशन हैं, जिन्हें आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा. उनकी सुरक्षा का भी विशेष प्रबंध होगा.
गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है. दुनिया के सबसे बड़े प्लेटफार्म का यहां होना सुरक्षा के मानकों के तहत सुरक्षित भी किया जाएगा. इसकी अभी खुली सीमा है. पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह की मानें तो गोरखपुर एयरपोर्ट जैसे रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था थ्री लेयर से गुजरेगी. आरपीएफ और सीसीटीवी की निगरानी के साथ सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवॉल भी बनेगी.
उन्होंने बताया कि विशेष कंट्रोल रूम के जरिए स्टेशन समेत प्लेटफार्म की निगरानी होती है. इसमें सीसीटीवी मॉनिटरिंग सिस्टम प्लेटफार्म पर भी लगा हुआ है. साथ ही केंद्रीय स्तर से भी इस पर नजर रखी जाती है. सुरक्षा में आरपीएफ के जवान एग्जिट से लेकर एंट्री गेट पर पूरी तरह से तैनात होते हैं. विकास की नई कड़ी में इसे और पुख्ता किया जाएगा. रेलवे स्टेशन का एयरपोर्ट जैसा ऐसा लुक होगा जो गोरखपुर में अपने आप में अकेला होगा. उन्होंने बताया कि रेल मंत्री द्वारा पहले ही ट्रैक को सुरक्षित करने व पशुओं के भी आवागमन से असुरक्षा रोकने के लिए बाउंड्रीवॉल बनाने का निर्णय लिया गया है. इसमें पूर्वोत्तर रेलवे के भी तमाम स्टेशन इससे लाभान्वित होंगे. इससे ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी और खतरे कम होंगे.
उन्होंने बताया कि विकास की नई रूपरेखा के लिए कंसलटेंट ड्राइंग डिजाइन को फाइनल करने में लगे हुए हैं. इसके बाद जो स्वरूप निखरकर आएगा वह निश्चित ही आकर्षक होगा. विकास की इस कड़ी में यात्रियों को स्टेशन के बाहर बहुत न रहना पड़े, इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. साथ ही गोरखपुर में भविष्य में मेट्रो जैसे ट्रेन के संचालन को देखते हुए, उससे स्टेशन की कनेक्टिविटी कैसे बने तैयार हो रहे प्रस्ताव मॉडल में इस पर भी गंभीरता से काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के जो मानक तय किए गए हैं, उसमें आरपीएफ के जवान, सीसीटीवी कैमरे तो काम करेंगे ही. लेकिन, बाउंड्रीवाल भी ट्रेन दुर्घटना समेत और असुरक्षा को रोकने में मददगार होगी. लगभग 138 किलोमीटर रेल मार्ग पर दीवार चलाई जाएगी. इसमें लखनऊ मंडल में 75 किलोमीटर, इज्जत नगर मंडल में 10 और वाराणसी मंडल में 53 किलोमीटर मार्ग शामिल है. रेलवे बोर्ड की संस्तुति के बाद रेल प्रशासन ने 68 किलोमीटर रेल मार्ग पर दीवार लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.
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