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यहां सूखे हैं तालाब नलों में नहीं पानी, कौन सुने इन बेजुबानों की कहानी...

बढ़ती गर्मी की वजह से भू-जल नीचे गिरता जा रहा है. इस वजह से इंसान, जानवर और पक्षी सभी पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. वहीं गोरखपुर में एक प्यासा कौआ पानी के एक-एक बूंद के लिए जद्दोजहद करता दिखाई दिया.

प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद करता नजर आया कौआ.
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Published : Jun 7, 2019, 6:20 PM IST

गोरखपुर: एक ओर जहां गर्मी के गर्म थपेड़ों और उसकी तपिश ने इंसान को परेशान कर रखा है, तो वहीं बेजूबान भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. जिस तेजी से गर्मी बढ़ रही है, उसी तेजी से पानी का स्तर घटता जा रहा है. कुएं, पोखर, तालाब दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. जिसके चलते इंसान तो इंसान, जानवर भी पानी की तलाश में यहां से वहां भटकते नजर आ रहे हैं. गोरखपुर के जैनपुर में लगे हैंडपंप पर एक कौए की प्यास और पानी के बूंद की जद्दोजहद का नजारा तो यही कहता है.

प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद करता नजर आया कौआ.

बचपन में हम सबने एक कहानी पढ़ी थी 'प्यासा कौआ'. जिसे बहुत प्यास लगी थी. जिसे कहीं भी पानी नहीं मिला. काफी मशक्कत के बाद उसे एक घड़े में थोड़ा पानी दिखाई दिया. तब कौए ने पास में पड़े कंकड़ों को एक-एक कर घड़े में डालता गया. तब जाकर पानी थोड़ा उपर आया. इसके बाद कौए ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई. यह कहानी समय के साथ पुरानी होती गई, लेकिन ऐसे नजारे आज भी देखने को मिल जाते हैं...

  • एक तरफ तापमान पिछले सभी रिकार्डों को तोड़ नए कृतिमान अंकित कर रहा है.
  • भीषण गर्मी से ताल-पोखरे सूख चूके है. ऐसे में मवेशियों तथा पक्षियों को प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है.
  • ग्राम सभा जैनपुर में हैंडपंप पर एक प्यासा कौआ प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद करता नजर आया.
  • शासन-प्रशासन द्वारा समय-समय पर प्रचार-प्रसार कर लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक किया जाता है.
  • दिन-प्रतिदिन भू-जल नीचे गिरता जा रहा है. पानी की किल्लत देश के कई हिस्से में संकट बनकर खड़ा है.
  • गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों नहरों में पानी न होने से सिंचाई की समस्या बनी हुई है.

गोरखपुर: एक ओर जहां गर्मी के गर्म थपेड़ों और उसकी तपिश ने इंसान को परेशान कर रखा है, तो वहीं बेजूबान भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. जिस तेजी से गर्मी बढ़ रही है, उसी तेजी से पानी का स्तर घटता जा रहा है. कुएं, पोखर, तालाब दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. जिसके चलते इंसान तो इंसान, जानवर भी पानी की तलाश में यहां से वहां भटकते नजर आ रहे हैं. गोरखपुर के जैनपुर में लगे हैंडपंप पर एक कौए की प्यास और पानी के बूंद की जद्दोजहद का नजारा तो यही कहता है.

प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद करता नजर आया कौआ.

बचपन में हम सबने एक कहानी पढ़ी थी 'प्यासा कौआ'. जिसे बहुत प्यास लगी थी. जिसे कहीं भी पानी नहीं मिला. काफी मशक्कत के बाद उसे एक घड़े में थोड़ा पानी दिखाई दिया. तब कौए ने पास में पड़े कंकड़ों को एक-एक कर घड़े में डालता गया. तब जाकर पानी थोड़ा उपर आया. इसके बाद कौए ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई. यह कहानी समय के साथ पुरानी होती गई, लेकिन ऐसे नजारे आज भी देखने को मिल जाते हैं...

  • एक तरफ तापमान पिछले सभी रिकार्डों को तोड़ नए कृतिमान अंकित कर रहा है.
  • भीषण गर्मी से ताल-पोखरे सूख चूके है. ऐसे में मवेशियों तथा पक्षियों को प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है.
  • ग्राम सभा जैनपुर में हैंडपंप पर एक प्यासा कौआ प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद करता नजर आया.
  • शासन-प्रशासन द्वारा समय-समय पर प्रचार-प्रसार कर लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक किया जाता है.
  • दिन-प्रतिदिन भू-जल नीचे गिरता जा रहा है. पानी की किल्लत देश के कई हिस्से में संकट बनकर खड़ा है.
  • गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों नहरों में पानी न होने से सिंचाई की समस्या बनी हुई है.
Intro:इन्सान हो या जानवर चाहे पंक्षी हो भीषण गर्मीं में जब गला सूखने लगता है तब प्यासे को पानी की एक बूंद अमृत के समान लगने लगती है. प्यासा जीवधारी प्यास बुझाने के लिए पानी की एक बूंद को हासिल करने को अपना जीवन दाव पर लगा देता है. तबतक जद्दोजेहद करता जबतक उसकी प्यास बुझाने के लिए पानी हासिल नहीं कर लेता. कुछ ऐसा ही नजारा सीएम सीटी के ग्रामीण क्षेत्र जैनपुर में एक इण्डिया मार्का टू हैण्डपंप पर देखने को मिला. वहां एक प्यासा कौआ पानी के बूंद के लिए जद्दोजहद करता दिखाई दिया.Body:गोरखपुर पिपराइचः चिलमिलाती धूप में सूरज आग उगलने पर आमादा है. एक तरफ तापमान पिछले सभी रीकार्डों को तोड़ कर नये कृतिमान अंकित कर रहा है. वही भीषण गर्मी में जनजीवन अस्तव्यस्त है. क्षेत्र के अधिकांस ताल पोखरे सूख चूके है. ऐसे में मवेशियों तथा पंक्षियों के सामने प्यास बुझाने को पानी के लाले पड़े है. ग्राम सभा जैनपुर स्थित एक इण्डिया मार्का टू हैण्डपंप पर एक प्यासा कौआ अपनी प्यास बुझाने के लिए जद्दोजेहद करता नजर आया. हैण्डपंप के मूंह से टपकती बूंद को पीने के लि कौआ जीजान से संघर्ष करता नजर आया. इस दृश्य को देख कर हम सबको सीख लेने की अवश्यकता है कि पानी की हिफाजत करना हमारे आने वाली पीढ़ी एवं भविष्य के लिए कितना अहम है.Conclusion:जल ही जीवन है प्रत्येक जीवधारी पर यह श्लोगन चरितार्थ होता है. पानी के बिना जीवन का एक पल भी गुजारना मुस्किल है. पानी इन्सान की जिस्मानी तथा रुहानी जरुरत. इस पृथ्बी के जिस भाग में पानी की किल्लत है वहां के लोगों की जिन्दगी का अधिकतम समय पानी जुटाने में बीत जाता है. जिस भाग में पानी पर्याप्त मात्रा में है वहां के लोगों में न ही पानी की कदर है न ही भविष्य की चिन्ता. हलांकि शासन प्रशासन द्वारा समय समय पर प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जाता है. बावजूद इसके आमजनों में जागरुकता का आभाव बना हुआ है.

दिन प्रति दिन भू जल निचे उतरता जा रहा है. अनमोल पानी की किल्लत देश के कई हिस्से में संकट बनकर खड़ा है. वही गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनो नहरों में पानी न होने से सिचाई की समस्या बनी हुई है. फिलहाल आम व खास लोगों ने समय रहे पानी के प्रति संवेदना नही दिखाई पानी की फिजूल खर्ची पर अंकुश नही लगाया और पानी की हिफाजत नही किया तो वह दिन दूर नही है कि इस कौए की तरह प्यास बूझाने के लिए दरबदर भटकना पडे़गा. अभी समय है हम सबको को जल संरक्षण के प्रति जागरुक हो कर दूसरों को जागरूक करना चाहिए ताकि जल संरक्षित कर हम अपने आने वाली पीढी को अनमोल तोहफा दे सकें.

गोरखपुर पिपराइचः 8318103822

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