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साधना सिंह को बीजेपी ने बनाया जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी

जिला पंचायत अध्यक्ष 2021 के होने जा रहे चुनाव में बीजेपी ने गोरखपुर से साधना सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. साधना सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की पुत्र वधू हैं. इससे पहले साधना सिंह बसपा की सरकार में भी वर्ष 2010 से 2015 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं.

साधना सिंह होंगी जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी.
साधना सिंह होंगी जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी.
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Published : Jun 22, 2021, 10:17 PM IST

गोरखपुरः जिला पंचायत अध्यक्ष के होने जा रहे चुनाव में बीजेपी ने गोरखपुर से साधना सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. साधना सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की पुत्र वधू हैं. इससे पहले साधना सिंह बसपा की सरकार में भी वर्ष 2010 से 2015 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. इनके पति फतेह बहादुर सिंह जिले की कैंपियरगंज विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं. वह वर्ष 1991 से लगातार विधायक होते चले जा रहे हैं.

ईटीवी ईटीवी भारत ने 19 जून को ही साधना सिंह के प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर चल रही अटकलों पर अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट दी थी. जिसमें यह माना जा रहा था कि जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए जरूरी सभी मानदंडों को पूरा करते हुए साधना सिंह अध्यक्ष पद का टिकट पाने में कामयाब होंगी. आखिरकार मंगलवार को उनके नाम की घोषणा हो ही गई. जिस पर बीजेपी जिला अध्यक्ष समेत पार्टी के पदाधिकारियों ने खुशी जाहिर किया है.

वर्ष 2010-15 तक अध्यक्ष थीं साधना सिंह

साधना सिंह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव वार्ड नंबर-19 से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीती हैं. इस चुनाव में भी उन्हें रिकॉर्ड मतों से जीत मिले हैं. जिसका आंकड़ा करीब 8 हजार मतों का था. उनकी जीत के साथ ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में साधना सिंह की मजबूत दावेदारी होगी. जिसके पीछे उनका पुराना पारिवारिक राजनैतिक बैकग्राउंड, आर्थिक मजबूती, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बेहतर तालमेल और बीजेपी संगठन के चुनाव जीतने की रणनीति में साधना सिंह का पूरी तरह से सटीक बैठना रहा. जिला पंचायत अध्यक्ष के नामांकन की प्रक्रिया भी 26 जून से शुरू होने वाली है. ऐसे में प्रत्याशी को घोषित करना भी बीजेपी के लिए जरूरी हो गया था. समाजवादी पार्टी आलोक गुप्ता को पहले ही चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है.

इसे भी पढ़ें- जिला पंचायत अध्यक्ष की दौड़ः सपा की राह का रोड़ा बन सकते हैं मुलायम के समधी

जिले में जिला पंचायत के कुल 68 सदस्य निर्वाचित हुए हैं. यहां से बीजेपी के सदस्यों की कुल संख्या करीब 20 है. जीत के लिए 35 सदस्यों की आवश्यकता होगी. समाजवादी पार्टी के भी 20 सदस्य चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं. बाकी 28 सदस्य निर्दलीय श्रेणी में हैं. जिसमें से कुछ बीजेपी समर्थक तो कुछ समाजवादी खेमे के हैं. दोनों दल इन निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य को अपने पाले में करने की जोर आजमाइश करने में लगे हैं. सत्ताधारी दल के प्रत्याशी को इन्हें अपने पाले में करने में मदद मिलने की पूरी मजबूत स्थिति दिखाई दे रही है. फिलहाल अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन निर्वाचित होता है, इसका फैसला 3 जुलाई को हो जाएगा.

गोरखपुरः जिला पंचायत अध्यक्ष के होने जा रहे चुनाव में बीजेपी ने गोरखपुर से साधना सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. साधना सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की पुत्र वधू हैं. इससे पहले साधना सिंह बसपा की सरकार में भी वर्ष 2010 से 2015 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. इनके पति फतेह बहादुर सिंह जिले की कैंपियरगंज विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं. वह वर्ष 1991 से लगातार विधायक होते चले जा रहे हैं.

ईटीवी ईटीवी भारत ने 19 जून को ही साधना सिंह के प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर चल रही अटकलों पर अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट दी थी. जिसमें यह माना जा रहा था कि जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए जरूरी सभी मानदंडों को पूरा करते हुए साधना सिंह अध्यक्ष पद का टिकट पाने में कामयाब होंगी. आखिरकार मंगलवार को उनके नाम की घोषणा हो ही गई. जिस पर बीजेपी जिला अध्यक्ष समेत पार्टी के पदाधिकारियों ने खुशी जाहिर किया है.

वर्ष 2010-15 तक अध्यक्ष थीं साधना सिंह

साधना सिंह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव वार्ड नंबर-19 से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीती हैं. इस चुनाव में भी उन्हें रिकॉर्ड मतों से जीत मिले हैं. जिसका आंकड़ा करीब 8 हजार मतों का था. उनकी जीत के साथ ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में साधना सिंह की मजबूत दावेदारी होगी. जिसके पीछे उनका पुराना पारिवारिक राजनैतिक बैकग्राउंड, आर्थिक मजबूती, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बेहतर तालमेल और बीजेपी संगठन के चुनाव जीतने की रणनीति में साधना सिंह का पूरी तरह से सटीक बैठना रहा. जिला पंचायत अध्यक्ष के नामांकन की प्रक्रिया भी 26 जून से शुरू होने वाली है. ऐसे में प्रत्याशी को घोषित करना भी बीजेपी के लिए जरूरी हो गया था. समाजवादी पार्टी आलोक गुप्ता को पहले ही चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है.

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जिले में जिला पंचायत के कुल 68 सदस्य निर्वाचित हुए हैं. यहां से बीजेपी के सदस्यों की कुल संख्या करीब 20 है. जीत के लिए 35 सदस्यों की आवश्यकता होगी. समाजवादी पार्टी के भी 20 सदस्य चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं. बाकी 28 सदस्य निर्दलीय श्रेणी में हैं. जिसमें से कुछ बीजेपी समर्थक तो कुछ समाजवादी खेमे के हैं. दोनों दल इन निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य को अपने पाले में करने की जोर आजमाइश करने में लगे हैं. सत्ताधारी दल के प्रत्याशी को इन्हें अपने पाले में करने में मदद मिलने की पूरी मजबूत स्थिति दिखाई दे रही है. फिलहाल अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन निर्वाचित होता है, इसका फैसला 3 जुलाई को हो जाएगा.

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