गोरखपुर: भारत-नेपाल की सीमा पर थारू और अन्य जनजाति के लोगों के शैक्षिक और सामाजिक विकास के लिए 'इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातिय विश्वविद्यालय अमरकंटक' अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोलने जा रहा है. इसकी स्थापना बहुत जल्द महराजगंज जनपद में नेपाल से लगी सीमा के पास होगी. इसका लाभ भारत-नेपाल सीमा के करीब 300 किलोमीटर क्षेत्र में बसे इस समुदाय के लोगों को तो होगा ही साथ ही नेपाल में भी रहने वाले जनजातीय समुदाय के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा. देश में इस तरह का स्थापित होने वाला यह तीसरा केंद्र होगा, जिसका पहला केंद्र मणिपुर में संचालित हो रहा है. इस बात का खुलासा ईटीवी भारत से खास बातचीत में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने किया है. वह इस अभियान को पूरा करने के उद्देश्य से गोरखपुर के दौरे पर थे.
दी जाएगी निशुल्क शिक्षा
कुलपति प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि शैक्षिक और सामाजिक रूप से पिछड़े विभिन्न कलाओं और हुनर के माहिर थारू और जनजातीय समाज के बच्चों को इस केंद्र की स्थापना के साथ निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी. इससे उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा कि अमरकंटक विश्वविद्यालय की स्थापना इन्हीं उद्देश्यों के लिए हुई है. वह तभी अपनी सफलता के सोपान तय कर पाएगा, जब ऐसे समाज के बच्चे शिक्षित होकर देश के शीर्ष पदों पर आसीन हों. उनके अंदर छिपी प्रतिभाओं और हुनर पर शोध करते हुए नए आयाम गढ़े जाएं. उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के पास जो प्राकृतिक और परंपरागत ज्ञान है, उसमें आधुनिक ज्ञान और विज्ञान के साथ समन्वय स्थापित किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस केंद्र में परास्नातक तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी.
महराजगंज जनपद में स्थापित होगा केंद्र
कुलपति प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि इस केंद्र की स्थापना के लिए विश्वविद्यालय स्तर से प्रयास पूर्ण हो चुके हैं. अब इसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सहमति लेनी है, जिसका प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि यह केंद्र महराजगंज जनपद में स्थापित होगा और जनजातीय समुदाय के विकास से जुड़ा होगा. इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनकी बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि सारी परिस्थितियों का समावेश करते हुए इस केंद्र की स्थापना बहुत जल्द पूर्वांचल के इस हिस्से में होगी, जिसका दूरगामी परिणाम देखने को मिलेगा. यह केंद्र शिक्षा के साथ शोध का भी बड़ा केंद्र होगा.