गोरखपुर: क्रांतिकारियों को समर्पित भारतीय संस्कृति, राष्ट्रभक्ति और देशभक्ति से ओतप्रोत 20 दिवसीय पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला व खेल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. 14 दिन मुख्य अतिथि एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर महेंद्र प्रताप सिंह उपस्थित रहे. गायन, नृत्य, कला और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला का आयोजन
- सिविल लाइन स्थित पार्क में आयोजित इस मेले में कई स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया.
- मेले में राम प्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की गई.
- चित्र प्रदर्शनी में वीर शहीदों के चित्र प्रदर्शित किए गए.
- छोटे-छोटे बच्चे अमर शहीदों के चित्र को उकेर कर उसमें जान डालने की कोशिश की.
संस्थापक संयोजक और गुरु कृपा संस्थान के सचिव ब्रजेश राम त्रिपाठी ने बताया कि राम प्रसाद बिस्मिल बचपन से ही गुलामी को लेकर आजाद होने के लिए सोचते रहते थे. जब वह युवा हुए तो उन्होंने देश को आजाद कराने का संकल्प लिया. इस दौरान युवाओं और देशवासियों में आजादी की अलख जगाने के लिए उन्होंने साहित्य छपवाकर बंटवाने का भी कार्य किया. पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और उनके साथियों द्वारा किए गए काकोरी कांड के बाद अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी.
एसपी क्राइम अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि इस मेले में उपस्थित हर बच्चे, बूढ़े के चेहरे और मन में राष्ट्रभक्ति की भाव दिखाई दे रही है. चित्र प्रदर्शनी में शहीदों के चित्र दिखाए गए. क्रांतिकारियों के इतिहास को जानना जरूरी है.
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चित्रकला प्रतियोगिता में बतौर प्रतिभागी वंदना यादव ने बताया कि ऐसे मेलों से देशभक्ति की भावना और जानकारी भी प्राप्त होती है. यहां वह चित्र प्रदर्शनी में भाग लेने आई हैं. शहीद पंकज त्रिपाठी के पिता ओम प्रकाश त्रिपाठी, शहीद संतोष पांडे के पिता सूबेदार देव शरण पांडे, शहीद विजय कुमार की पत्नी विजय लक्ष्मी मौर्य, शहीद साहब शुक्ला की पत्नी सुभाष शुक्ला भी मौजूद रही.