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गोरखपुर: पोलियो अभियान से जुड़ी 1495 टीमें घर-घर जाकर करेंगी कोरोना सैंपलिंग - gorakhpur cmo dr shrikant tiwary

यूपी के गोरखपुर में पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना वायरस की रोकथाम की तैयारी जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है. पोलियो अभियान के विभिन्न टीमों के सदस्य अब लोगों की सैंपलिंग करेंगे.

सीएमओ कार्यालय.
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Published : Sep 1, 2020, 12:48 PM IST

गोरखपुर: पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना वायरस की रोकथाम की तैयारी जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है. पल्स पोलियो अभियान से जुड़े विभिन्न टीमों के सदस्य अब अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों की सेहत की जानकारी प्राप्त कर संक्रमित व्यक्ति का सैम्पल लेंगे. जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में 1495 टीमों का गठन किया गया है. जो इस अभियान के तहत कार्य करेंगी.


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के लिए बनाई गई निगरानी समिति को अब कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाया जाएगा. यह टीम पहले से ज्यादा प्रभावशाली होगी. जनपद के प्रत्येक घर पर जाकर यह टीम परिवार के सदस्यों को कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक करेगी. वहीं यदि परिवार में कोई व्यक्ति संक्रमित पाया गया है, तो उसे क्या क्या सावधानियां बरतनी है, कैसी स्थिति है, बीमार है या सामान्य है, उसकी सूचना एमवाईसी को देगी. टीम यह भी पता करेगी कि संक्रमित के संपर्क में कौन-कौन लोग आए हैं और संक्रमित व्यक्ति कहां-कहां आया-गया है. टीम परिवार को अपना मोबाइल नंबर भी मुहैया कराएगी और बताएगी कि किसी प्रकार की कोई समस्या होने पर इस नंबर पर तत्काल संपर्क किया जा सकता है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत मुख्य रूप से संक्रमित और उसके संपर्क में आने वाले लोगों की जांच होगी, ताकि समय रहते संक्रमित व्यक्ति का इलाज और उसके संपर्क में आए हुए लोगों की जांच की जा सके. वहीं यह भी पता लगाया जाएगा कि संक्रमित के परिवार में होम आइसोलेशन के लिए अलग से कमरा है या नहीं. यदि नहीं है तो ऐसे में हम उन्हें लेवल 1 के अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज कर सकेंगे.

उन्होंने बताया कि जनपद में कोरोना का प्रसार तभी रूक पाएगा, जब बीमारी और इसके मरीजों के प्रति तिरस्कार की भावना से समाज खुद को अलग करेगा. इस बीमारी की मृत्यु दर न्यूनतम है, लेकिन प्रसार दर काफी तेज है. बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम, आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी तैनात हैं. इन लोगों के प्रति तिरस्कार या भेदभाव की भावना नहीं होनी चाहिए. इनका खुले दिल से स्वागत होना चाहिए.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कोरोना पर अंकुश तभी संभव है, जब संक्रमित के संपर्क में आने वाले लोग खुद जांच के लिए आगे आएंगे. हर एक संक्रमित संक्रमण की चेन तोड़ने में मददगार है. जैसे हमने भयावह बीमारी पल्स पोलियो की चेन को तोड़ कर उसे खत्म किया है, वैसे ही इस वैश्विक महामारी के चयन को भी हम तोड़ सकेंगे.

गोरखपुर: पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना वायरस की रोकथाम की तैयारी जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है. पल्स पोलियो अभियान से जुड़े विभिन्न टीमों के सदस्य अब अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों की सेहत की जानकारी प्राप्त कर संक्रमित व्यक्ति का सैम्पल लेंगे. जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में 1495 टीमों का गठन किया गया है. जो इस अभियान के तहत कार्य करेंगी.


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के लिए बनाई गई निगरानी समिति को अब कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाया जाएगा. यह टीम पहले से ज्यादा प्रभावशाली होगी. जनपद के प्रत्येक घर पर जाकर यह टीम परिवार के सदस्यों को कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक करेगी. वहीं यदि परिवार में कोई व्यक्ति संक्रमित पाया गया है, तो उसे क्या क्या सावधानियां बरतनी है, कैसी स्थिति है, बीमार है या सामान्य है, उसकी सूचना एमवाईसी को देगी. टीम यह भी पता करेगी कि संक्रमित के संपर्क में कौन-कौन लोग आए हैं और संक्रमित व्यक्ति कहां-कहां आया-गया है. टीम परिवार को अपना मोबाइल नंबर भी मुहैया कराएगी और बताएगी कि किसी प्रकार की कोई समस्या होने पर इस नंबर पर तत्काल संपर्क किया जा सकता है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत मुख्य रूप से संक्रमित और उसके संपर्क में आने वाले लोगों की जांच होगी, ताकि समय रहते संक्रमित व्यक्ति का इलाज और उसके संपर्क में आए हुए लोगों की जांच की जा सके. वहीं यह भी पता लगाया जाएगा कि संक्रमित के परिवार में होम आइसोलेशन के लिए अलग से कमरा है या नहीं. यदि नहीं है तो ऐसे में हम उन्हें लेवल 1 के अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज कर सकेंगे.

उन्होंने बताया कि जनपद में कोरोना का प्रसार तभी रूक पाएगा, जब बीमारी और इसके मरीजों के प्रति तिरस्कार की भावना से समाज खुद को अलग करेगा. इस बीमारी की मृत्यु दर न्यूनतम है, लेकिन प्रसार दर काफी तेज है. बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम, आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी तैनात हैं. इन लोगों के प्रति तिरस्कार या भेदभाव की भावना नहीं होनी चाहिए. इनका खुले दिल से स्वागत होना चाहिए.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कोरोना पर अंकुश तभी संभव है, जब संक्रमित के संपर्क में आने वाले लोग खुद जांच के लिए आगे आएंगे. हर एक संक्रमित संक्रमण की चेन तोड़ने में मददगार है. जैसे हमने भयावह बीमारी पल्स पोलियो की चेन को तोड़ कर उसे खत्म किया है, वैसे ही इस वैश्विक महामारी के चयन को भी हम तोड़ सकेंगे.

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