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मनीष गुप्ता के सिर-चेहरे पर गंभीर चोटों के निशान, क्या पुलिस ने ले ली जान !

कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता (Property dealer Manish Gupta) की गोरखपुर के एक होटल में हुई मौत पर यूपी पुलिस सवालों के घेरे में है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सिर में गंभीर चोट लगने से मनीष की मौत हुई है. अब पर सियासी तूफान खड़ा हो गया है. जानिए पूरी कहानी...

प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या
प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या
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Published : Sep 30, 2021, 10:05 AM IST

Updated : Sep 30, 2021, 2:57 PM IST

गोरखपुर: कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता (Property dealer Manish Gupta) की गोरखपुर के एक होटल में हुई मौत पर यूपी पुलिस की कार्रवाई अब और सवालों में घिर गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक प्रॉपर्टी डीलर की मौत पीटने से हुई है. मनीष की पूरी शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं. कोहनी, सिर और मांसपेशियों में गहरी चोट लगी है.

सिर-चेहरे पर गंभीर चोटों के निशान
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक कारोबारी मनीष की मौत सिर पर चोट लगने से हुई है. दो डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक मौत से पहले उनकी बर्बर पिटाई हुई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि मनीष गुप्ता के शरीर पर चार गंभीर चोट के निशान मिले हैं. सिर पर गहरी चोट लगी है, जो उनके लिए जानलेवा साबित हुई. इसके अलावा मनीष गुप्ता के दाहिने हाथ की कलाई पर डंडे से गंभीर चोट के निशान मिले हैं. वहीं दाहिने हाथ की बांह पर भी चोट के निशान हैं. बांयी आंख की ऊपरी परत पर भी चोट के निशान मिले हैं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ है कि मौत से पहले मनीष गुप्ता के साथ रूह कंपाने वाली बर्बरता की गई है.

गुरुवार सुबह हुआ मनीष का अंतिम संस्कार.

ये है पूरा मामला

कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता अपने दोस्त प्रदीप सिंह और हरवीर सिंह के साथ गोरखपुर घूमने आया था. सिकरीगंज का चंदन सैनी से तीनों की पुरानी दोस्ती थी. उसने ही कृष्णा पैलेश में अपने नाम पर कमरा बुक कराया था. सोमवार की रात पुलिस चेकिंग करने के लिए पहुंची थी. इस दौरान एक कमरे में तीन लोगों के मौजूद होने पर पुलिस ने चेकिंग की.

आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी. जिससे मनीष गंभीर रूप से जख्मी हो गया. इसके बाद पुलिस ने मनीष को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. हालत नाजुक होने पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज लेकर गई, जहां पर उसकी मौत हो गई. घटना के संबंध में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी गोरखपुर द्वारा प्रभारी निरीक्षक रामगढ़ताल सहित 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था. अब इस प्रकरण में इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर में व्यापारी की मौत मामला: डीएम और एसएसपी मामले को सेटलमेंट करने में जुटे, वीडियो वायरल

6 पुलिसवालों के खिलाफ दी थी तहरीर

मीनाक्षी गुप्ता ने एसपी साउथ और सीओ को पुलिसकर्मियों को पति की हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए नामजद तहरीर दी. इनमें इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा,सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल दूबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार का नाम शामिल था.

प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट.
प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट.

तीन घंटे तक डीएम-एसएसपी ने की मनाने की कोशिश

पुलिस अफसरों ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन मनीष गुप्ता का परिवार शव ले जाने को तैयार नहीं हुए. रात में करीब पौने नौ बजे डीएम और एसएसपी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जिले के आला अफसरों को इतनी देर से आने पर परिवारवालों में नाराजगी जाहिर की. अधिकारियों ने मीनाक्षी सहित परिवार के अन्य लोगों मनीष के पिता, ससुर और बहनों को समझाने की कोशिश शुरू कर दी. बाहर हो रही तीखी बहस के बाद अफसर मृतक के परिवार को मेडिकल कॉलेज चौकी पर लेकर जाया गया और वहां भी उन्हें मनाने की कोशिश की. बात नहीं बनी और परिवार एफआईआर पर अड़ा रहा.

डीएम और एसएसपी मामले को सेटलमेंट करने में जुटे, वीडियो वायरल

वहीं इस मामले में एक वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है. इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि गोरखपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी मामले को सेटलमेंट करने का परिवार वालों पर दबाव बना रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद लगातार आरोपियों को सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग उठ रही है. इसके साथ ही ऐसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है, जो अपराधियों की मदद कर रहे हैं और पीड़ित पक्ष को दबाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो में आप साफ तौर पर सुन सकते हैं कि अधिकारी मृतक व्यापारी मनीष गुप्ता के परिवार को समझा रहे हैं कि FIR नहीं कराइये. कोर्ट-कचहरी न करिये. वायरल हो रहा यह वीडियो कलेक्टर विजय किरण आनंद और कप्तान विपिन टाडा का बताया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बनने की सनक ने बनाया विलेन, जेएन सिंह पर साल भर में तीसरी बार लगा हत्या का आरोप

मुकदमे की मांग को लेकर धरने पर बैठी पत्नी

मुकदमे को लेकर अड़ी पत्नी अपने भाई और कानपुर से आए अन्य लोगों के साथ मेडिकल कॉलेज चौकी के सामने धरने पर बैठ गईं. करीब 15 मिनट तक वह धरने पर रहीं इस बीच पुलिस कर्मियों ने परिवार के अन्य लोगों को समझा कर उन्हें सड़क से हटाया. इसके बाद दूसरे राउंड की बातचीत में भी देर रात तक पौने 12 बजे मुख्यमंत्री ऑफिस सामने आया और सीएम से बात कराई.

सीएम योगी ने मृतक की पत्नी से की बात

बता दें कि इससे पहले पति की हत्या में छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर मीनाक्षी देर रात तक अड़ी रहीं. पोस्टमार्टम के ​बाद परिवार के लोगों ने लाश लेने और अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. परिवारीजनों की मांग थी कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस नहीं दर्ज किया जाएगा, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. उधर, इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय की नजर सुबह से ही थी. बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मीनाक्षी से बात की और सारी बातें सुनने के बाद परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता तथा एफआईआर का भरोसा दिया. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद तीन नामजद और तीन अज्ञात पर रामगढ़ताल थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई.

अब मनीष हत्याकांड पर सियासी तूफान

कानपुर के युवक की हुई हत्या के मामले में राजनीति लगातार गरमाती जा रही है. यहां राजनैतिक पार्टियों के बीच जमकर घमासान देखने को मिल रहा है. एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में चुनावी जनसभा करने पहुंच रहे हैं, तो वहीं जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी कानपुर पहुंच रहे हैं, जबकि विधानसभा 2022 के चुनावों को लेकर प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव कानपुर पहुंच चुके हैं. वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कानपुर पहुंच कर व्यापारी मनीष गुप्ता के परिजनों से मुलाकात कर चुके हैं.

इसे भी पढ़ें- पीट-पीटकर की गई प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा

सपा करेगी पीड़ित परिवार की 20 लाख की मदद

अखिलेश यादव भी गुरुवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. अखिलेश यादव पत्नी मीनाक्षी और परिवार से मिले हैं. मनीष के घर के बाहर बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता मौजूद हैं. इस दौरान अखिलेश ने कहा कि पुलिस रक्षा नहीं कर रही लोगों की जान ले रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को दो करोड़ रुपए पीड़ित परिवार को देने चाहिए. व्यापारी मनीष गुप्ता के परिवार से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस रक्षा नहीं कर रही लोगों की जान ले रही है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिजनों ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. परिवार को 2 करोड़ की सरकारी मदद दी जाए. सपा पीड़ित परिवार की 20 लाख की मदद करेगी.

सीएम योगी का एक्शन

गोरखपुर की घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और डीजी इंटेलिजेंस दो कमेटी बनाकर पूरे प्रदेश में पुलिसवालों के चरित्र का रिव्यू करें. दोषी पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर और नौकरी से बर्खास्त किया जाए. सीएम ने कहा कि अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों की तुरंत बर्खास्तगी की जाय.

क्या कहती है गोरखपुर पुलिस और मनीष के परिजन

रामगढ़ताल एसएचओ जेएन सिंह ने दावा किया था मृतक नशे में धुत था, कमरे में गिरने के चलते उसके सिर में गंभीर चोट आई, जिससे उसकी मौत हो गई. हालांकि जब मीनाक्षी गुप्ता पति मनीष गुप्ता का शव लेकर वापस लौट रही थीं, तो वह उस होटल में भी गईं, जहां वारदात हुई थी. मीनाक्षी ने बेड के नीचे से तौलिया निकाल कर होटल के स्टाफ और अन्य पुलिस कर्मियों को दिखाया. मीनाक्षी ने कई सवाल किए और कहा कि अपनी करतूत को कहां और कैसे छिपाएंगे. मीनाक्षी ने कहा कि उनके पति का यह खून पुलिस की ज्यादती की गवाही दे रहा है.

वहीं मनीष के परिजनों का कहना है कि उनके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान हैं. मनीष को असलहों के नोंक और बटों से पीटा गया था.

गोरखपुर: कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता (Property dealer Manish Gupta) की गोरखपुर के एक होटल में हुई मौत पर यूपी पुलिस की कार्रवाई अब और सवालों में घिर गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक प्रॉपर्टी डीलर की मौत पीटने से हुई है. मनीष की पूरी शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं. कोहनी, सिर और मांसपेशियों में गहरी चोट लगी है.

सिर-चेहरे पर गंभीर चोटों के निशान
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक कारोबारी मनीष की मौत सिर पर चोट लगने से हुई है. दो डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक मौत से पहले उनकी बर्बर पिटाई हुई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि मनीष गुप्ता के शरीर पर चार गंभीर चोट के निशान मिले हैं. सिर पर गहरी चोट लगी है, जो उनके लिए जानलेवा साबित हुई. इसके अलावा मनीष गुप्ता के दाहिने हाथ की कलाई पर डंडे से गंभीर चोट के निशान मिले हैं. वहीं दाहिने हाथ की बांह पर भी चोट के निशान हैं. बांयी आंख की ऊपरी परत पर भी चोट के निशान मिले हैं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ है कि मौत से पहले मनीष गुप्ता के साथ रूह कंपाने वाली बर्बरता की गई है.

गुरुवार सुबह हुआ मनीष का अंतिम संस्कार.

ये है पूरा मामला

कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता अपने दोस्त प्रदीप सिंह और हरवीर सिंह के साथ गोरखपुर घूमने आया था. सिकरीगंज का चंदन सैनी से तीनों की पुरानी दोस्ती थी. उसने ही कृष्णा पैलेश में अपने नाम पर कमरा बुक कराया था. सोमवार की रात पुलिस चेकिंग करने के लिए पहुंची थी. इस दौरान एक कमरे में तीन लोगों के मौजूद होने पर पुलिस ने चेकिंग की.

आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी. जिससे मनीष गंभीर रूप से जख्मी हो गया. इसके बाद पुलिस ने मनीष को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. हालत नाजुक होने पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज लेकर गई, जहां पर उसकी मौत हो गई. घटना के संबंध में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी गोरखपुर द्वारा प्रभारी निरीक्षक रामगढ़ताल सहित 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था. अब इस प्रकरण में इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर में व्यापारी की मौत मामला: डीएम और एसएसपी मामले को सेटलमेंट करने में जुटे, वीडियो वायरल

6 पुलिसवालों के खिलाफ दी थी तहरीर

मीनाक्षी गुप्ता ने एसपी साउथ और सीओ को पुलिसकर्मियों को पति की हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए नामजद तहरीर दी. इनमें इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा,सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल दूबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार का नाम शामिल था.

प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट.
प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट.

तीन घंटे तक डीएम-एसएसपी ने की मनाने की कोशिश

पुलिस अफसरों ने जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन मनीष गुप्ता का परिवार शव ले जाने को तैयार नहीं हुए. रात में करीब पौने नौ बजे डीएम और एसएसपी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. जिले के आला अफसरों को इतनी देर से आने पर परिवारवालों में नाराजगी जाहिर की. अधिकारियों ने मीनाक्षी सहित परिवार के अन्य लोगों मनीष के पिता, ससुर और बहनों को समझाने की कोशिश शुरू कर दी. बाहर हो रही तीखी बहस के बाद अफसर मृतक के परिवार को मेडिकल कॉलेज चौकी पर लेकर जाया गया और वहां भी उन्हें मनाने की कोशिश की. बात नहीं बनी और परिवार एफआईआर पर अड़ा रहा.

डीएम और एसएसपी मामले को सेटलमेंट करने में जुटे, वीडियो वायरल

वहीं इस मामले में एक वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है. इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि गोरखपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी मामले को सेटलमेंट करने का परिवार वालों पर दबाव बना रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद लगातार आरोपियों को सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग उठ रही है. इसके साथ ही ऐसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है, जो अपराधियों की मदद कर रहे हैं और पीड़ित पक्ष को दबाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो में आप साफ तौर पर सुन सकते हैं कि अधिकारी मृतक व्यापारी मनीष गुप्ता के परिवार को समझा रहे हैं कि FIR नहीं कराइये. कोर्ट-कचहरी न करिये. वायरल हो रहा यह वीडियो कलेक्टर विजय किरण आनंद और कप्तान विपिन टाडा का बताया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बनने की सनक ने बनाया विलेन, जेएन सिंह पर साल भर में तीसरी बार लगा हत्या का आरोप

मुकदमे की मांग को लेकर धरने पर बैठी पत्नी

मुकदमे को लेकर अड़ी पत्नी अपने भाई और कानपुर से आए अन्य लोगों के साथ मेडिकल कॉलेज चौकी के सामने धरने पर बैठ गईं. करीब 15 मिनट तक वह धरने पर रहीं इस बीच पुलिस कर्मियों ने परिवार के अन्य लोगों को समझा कर उन्हें सड़क से हटाया. इसके बाद दूसरे राउंड की बातचीत में भी देर रात तक पौने 12 बजे मुख्यमंत्री ऑफिस सामने आया और सीएम से बात कराई.

सीएम योगी ने मृतक की पत्नी से की बात

बता दें कि इससे पहले पति की हत्या में छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर मीनाक्षी देर रात तक अड़ी रहीं. पोस्टमार्टम के ​बाद परिवार के लोगों ने लाश लेने और अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. परिवारीजनों की मांग थी कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस नहीं दर्ज किया जाएगा, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. उधर, इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय की नजर सुबह से ही थी. बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मीनाक्षी से बात की और सारी बातें सुनने के बाद परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता तथा एफआईआर का भरोसा दिया. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद तीन नामजद और तीन अज्ञात पर रामगढ़ताल थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई.

अब मनीष हत्याकांड पर सियासी तूफान

कानपुर के युवक की हुई हत्या के मामले में राजनीति लगातार गरमाती जा रही है. यहां राजनैतिक पार्टियों के बीच जमकर घमासान देखने को मिल रहा है. एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में चुनावी जनसभा करने पहुंच रहे हैं, तो वहीं जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी कानपुर पहुंच रहे हैं, जबकि विधानसभा 2022 के चुनावों को लेकर प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव कानपुर पहुंच चुके हैं. वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कानपुर पहुंच कर व्यापारी मनीष गुप्ता के परिजनों से मुलाकात कर चुके हैं.

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सपा करेगी पीड़ित परिवार की 20 लाख की मदद

अखिलेश यादव भी गुरुवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. अखिलेश यादव पत्नी मीनाक्षी और परिवार से मिले हैं. मनीष के घर के बाहर बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता मौजूद हैं. इस दौरान अखिलेश ने कहा कि पुलिस रक्षा नहीं कर रही लोगों की जान ले रही है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को दो करोड़ रुपए पीड़ित परिवार को देने चाहिए. व्यापारी मनीष गुप्ता के परिवार से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस रक्षा नहीं कर रही लोगों की जान ले रही है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिजनों ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. परिवार को 2 करोड़ की सरकारी मदद दी जाए. सपा पीड़ित परिवार की 20 लाख की मदद करेगी.

सीएम योगी का एक्शन

गोरखपुर की घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और डीजी इंटेलिजेंस दो कमेटी बनाकर पूरे प्रदेश में पुलिसवालों के चरित्र का रिव्यू करें. दोषी पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर और नौकरी से बर्खास्त किया जाए. सीएम ने कहा कि अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों की तुरंत बर्खास्तगी की जाय.

क्या कहती है गोरखपुर पुलिस और मनीष के परिजन

रामगढ़ताल एसएचओ जेएन सिंह ने दावा किया था मृतक नशे में धुत था, कमरे में गिरने के चलते उसके सिर में गंभीर चोट आई, जिससे उसकी मौत हो गई. हालांकि जब मीनाक्षी गुप्ता पति मनीष गुप्ता का शव लेकर वापस लौट रही थीं, तो वह उस होटल में भी गईं, जहां वारदात हुई थी. मीनाक्षी ने बेड के नीचे से तौलिया निकाल कर होटल के स्टाफ और अन्य पुलिस कर्मियों को दिखाया. मीनाक्षी ने कई सवाल किए और कहा कि अपनी करतूत को कहां और कैसे छिपाएंगे. मीनाक्षी ने कहा कि उनके पति का यह खून पुलिस की ज्यादती की गवाही दे रहा है.

वहीं मनीष के परिजनों का कहना है कि उनके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान हैं. मनीष को असलहों के नोंक और बटों से पीटा गया था.

Last Updated : Sep 30, 2021, 2:57 PM IST
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