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भविष्य की मोबाइल बैकिंग के लिए ईजाद की उन्नत तकनीक...ये होंगी खूबियां

गोरखपुर में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने संयुक्त रूप से भविष्य की मोबाइल बैकिंग के लिए उन्नत तकनीक ईजाद की है. यह शोध इंटरनेशनल जनरल में प्रकाशित हो चुका है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

भविष्य की मोबाइल बैकिंग के लिए ईजाद की नई तकनीक
भविष्य की मोबाइल बैकिंग के लिए ईजाद की नई तकनीक
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Published : Apr 25, 2022, 6:51 PM IST

गोरखपुरः मौजूदा समय में मोबाइल बैंकिंग के क्षेत्र में उपयोग की जा रही लीन और Agile तकनीक को और एडवांस तकनीक बनाने में एक नए शोध को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने संयुक्त रूप से मिलकर अंजाम दिया है. इसे अंतरराष्ट्रीय जनरल पैसिफिक बिजनेस रिव्यू इंटरनेशनल ने प्रकाशित किया है. इस शोध से भविष्य की मोबाइल बैंकिंग और उन्नत हो जाएगी.

भविष्य में मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल अत्यधिक व्यापक रूप में और डाटा आधारित हो जाएगा. इसमें एकीकृत डिजिटल बैंकिंग, एकल-क्लिक, लेनदेन, क्रिप्टो करेंसी विकल्प, पासवर्ड-मुक्त बायोमेट्रिक्स, स्थानीय डिलीवरी, व्यापारिक सौदे और कई सारे अनौपचारिक इंटरफेस का भी व्यापक रूप से इस्तेमाल हो सकेगा.

इस शोध को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रबंधन और यांत्रिकी विभाग के शिक्षक डॉक्टर राजेश सिंह, डॉक्टर संयम शर्मा और मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय की डॉक्टर प्रियंका राय, डॉक्टर अभिजीत मिश्रा और एमबीए छात्रा सुश्री रिया मिश्रा ने मिलकर पूरा किया है.

शोध के मुताबिक बैंकों को अब लीन तकनीक में अंतर्निहित agile परिवर्तन के साथ आगे बढ़ना चाहिए. एक बैंक और उसके ग्राहकों के बीच गैज़िलियन इंटरचेंज नियमित आधार पर होते हैं. इसलिए एक बेहतर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता उभरती है जिसे नए शोध से बल मिलेगा. agile का मूल सिद्धांत एक ऐसे उत्पाद को सामने लाना है जिसका परीक्षण बैंक के आंतरिक या बाहरी संरक्षकों द्वारा स्थापित समय के भीतर और पूर्व में खर्च की गई संपत्ति के साथ किया जा सकता है.


यह शोध बजट और सीमा रेखा का पालन करते हुए समय और संसाधन प्रतिबंधों के भीतर परिणामों का आश्वासन देता है. एजाइल ऐसे सॉफ्टवेयर बनाने और विकसित करने के तरीके देता है जो गतिशील हो और आसानी से परिवर्तनों के अनुकूल हो सकें. agile का सार सॉफ्टवेयर के साथ बदलती जरूरतों को पूरी दक्षता से समायोजित करने में निहित है. यह तकनीक एक यूजर इंटरफेस का निर्माण करती है जो बैकिंग को प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखती है. यह तकनीक सॉफ्टवेयर में दोषों का पता लगाने के साथ-साथ उन्हें समाप्त करने में भी मदद करती है. इससे भविष्य की बैंकिंग और उन्नत और निर्बाध हो जाएगी.

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गोरखपुरः मौजूदा समय में मोबाइल बैंकिंग के क्षेत्र में उपयोग की जा रही लीन और Agile तकनीक को और एडवांस तकनीक बनाने में एक नए शोध को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने संयुक्त रूप से मिलकर अंजाम दिया है. इसे अंतरराष्ट्रीय जनरल पैसिफिक बिजनेस रिव्यू इंटरनेशनल ने प्रकाशित किया है. इस शोध से भविष्य की मोबाइल बैंकिंग और उन्नत हो जाएगी.

भविष्य में मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल अत्यधिक व्यापक रूप में और डाटा आधारित हो जाएगा. इसमें एकीकृत डिजिटल बैंकिंग, एकल-क्लिक, लेनदेन, क्रिप्टो करेंसी विकल्प, पासवर्ड-मुक्त बायोमेट्रिक्स, स्थानीय डिलीवरी, व्यापारिक सौदे और कई सारे अनौपचारिक इंटरफेस का भी व्यापक रूप से इस्तेमाल हो सकेगा.

इस शोध को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रबंधन और यांत्रिकी विभाग के शिक्षक डॉक्टर राजेश सिंह, डॉक्टर संयम शर्मा और मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय की डॉक्टर प्रियंका राय, डॉक्टर अभिजीत मिश्रा और एमबीए छात्रा सुश्री रिया मिश्रा ने मिलकर पूरा किया है.

शोध के मुताबिक बैंकों को अब लीन तकनीक में अंतर्निहित agile परिवर्तन के साथ आगे बढ़ना चाहिए. एक बैंक और उसके ग्राहकों के बीच गैज़िलियन इंटरचेंज नियमित आधार पर होते हैं. इसलिए एक बेहतर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता उभरती है जिसे नए शोध से बल मिलेगा. agile का मूल सिद्धांत एक ऐसे उत्पाद को सामने लाना है जिसका परीक्षण बैंक के आंतरिक या बाहरी संरक्षकों द्वारा स्थापित समय के भीतर और पूर्व में खर्च की गई संपत्ति के साथ किया जा सकता है.


यह शोध बजट और सीमा रेखा का पालन करते हुए समय और संसाधन प्रतिबंधों के भीतर परिणामों का आश्वासन देता है. एजाइल ऐसे सॉफ्टवेयर बनाने और विकसित करने के तरीके देता है जो गतिशील हो और आसानी से परिवर्तनों के अनुकूल हो सकें. agile का सार सॉफ्टवेयर के साथ बदलती जरूरतों को पूरी दक्षता से समायोजित करने में निहित है. यह तकनीक एक यूजर इंटरफेस का निर्माण करती है जो बैकिंग को प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखती है. यह तकनीक सॉफ्टवेयर में दोषों का पता लगाने के साथ-साथ उन्हें समाप्त करने में भी मदद करती है. इससे भविष्य की बैंकिंग और उन्नत और निर्बाध हो जाएगी.

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