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पूर्वोत्तर रेलवे के चार स्टेशनों पर मिलेगी जन औषधि केंद्र की सुविधा, देश के कुल 50 स्टेशन पर केंद्र खुलेंगे - स्टेशनों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र

स्टेशन पर बढ़ते यात्रियों की संख्या को देखते हुए देश के 50 रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोला जाएगा. इन केंद्रों की स्थापना में पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में चार केंद्रों की स्वीकृति हुई है.

रेलवे स्टेशन
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Published : Jun 10, 2023, 4:34 PM IST

गोरखपुरः रेलवे स्टेशनों पर बढ़ती यात्रियों की भीड़ और समय की आवश्यकता को देखते हुए दवाओं की उपलब्धता के क्रम में देश के 50 रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोला जाएगा. इन केंद्रों की स्थापना में पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में चार केंद्रों की स्वीकृति हुई है. जिसमें गोरखपुर, वाराणसी, इज्जत नगर मंडल के काशीपुर और लखनऊ मंडल का एक स्टेशन शामिल हैं.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया है कि इस काउंटर पर दवाएं यात्रियों को सस्ती मिलेंगी. यह केंद्र प्रधानमंत्री मोदी के बड़े विजन की देन है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को सस्ती दवाओं का लाभ मिल रहा है. स्टेशन पर भी अब इस केंद्र के खुल जाने से आने जाने वाले यात्रियों को, सस्ती दवाओं के रूप में यह केंद्र स्थापित मिलेगा. उन्होंने कहा कि जैसे एक जिला एक उत्पाद के प्रोडक्ट को स्टेशन पर एक विशेष एरिया में प्रदर्शित किया गया है. यात्रीगण उसका भी लाभ लेते हैं. उसी प्रकार जन औषधि केंद्र से दवा का लाभ जरूरतमंद उठा सकेंगे.

स्टेशनों पर यह केंद्र खोले जाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया. इन औषधि केंद्रों पर रेल यात्री को बहुत कम मूल्य पर आवश्यक दवाएं उपलब्ध होंगी. उन्हें जरूरत के लिए स्टेशन से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. रेलवे प्लेटफार्म पर यह विशिष्ट आकार में स्थापित किया जाएगा, जिससे यात्रियों को आसानी से यह दिखाई देगा. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र बनाए जाने के लिए, संबंधित रेल मंडलों द्वारा ई नीलामी के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किया जाएगा. इसके लिए कार्य प्रारंभ किया जा रहा है. साथ ही स्टेशनों पर स्थान भी चिन्हित किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि इन केंद्रों के संचालन के लिए आवेदकों को नियम और शर्तों को पूरा करना होगा. जिसमें फार्मा डिप्लोमा, डिग्री धारक होना आवश्यक होगा, जो कर्मचारी केंद्र पर काम करेंगे उनके पास भी फार्मा में डिप्लोमा होना होगा. खास बात यह है कि सभी स्टेशनों पर एक ही प्रकार के डिजाइन में यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिसके लिए राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद ने एक समान आउटलेट बनाए जाने की अवधारणा तैयार की है. जो भी केंद्र स्टेशन पर आवंटित किए जाएंगे उसका लाइसेंस आवंटी को 3 वर्ष के लिए दिया जाएगा. जिसके तहत उसे निर्धारित मानकों का सावधानी और वैधानिक पूर्वक पालन करना होगा.

इस केंद्र के माध्यम से कुछ लोगों को रोजगार मिलने का भी लाभ प्राप्त होगा तो संकट के समय सस्ती और उपयोगी दवा यात्रियों को भी प्राप्त हो सकेगी. इन औषधीय केंद्रों पर सर्दी, खांसी, बुखार, सांस, ब्लड प्रेशर, शुगर एवं अन्य जरूरी दवा उपलब्ध होंगी. भारतीय जन औषधि उत्पाद में 1759 दवा और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं. इन केंद्रों से महिलाओं को 1 रुपये में सेनेटरी पैड भी उपलब्ध होगा. प्रोटीन पाउडर, पोषाहार, प्रोटीन फॉर इम्युनीटी पावडर, सैनिटाइजर, मास्क, ग्लूकोमीटर, ऑक्सीमीटर भी यहां से खरीदे जा सकेंगे. भारत में अभी इसके करीब 9000 केंद्र संचालित हो रहे हैं, जो इस वर्ष 10000 करने का लक्ष्य है.

पढ़ेंः लखनऊ के 17 सीएचसी पर नहीं है जन औषधि केंद्र, मरीजों को नहीं मिल रही दवा

गोरखपुरः रेलवे स्टेशनों पर बढ़ती यात्रियों की भीड़ और समय की आवश्यकता को देखते हुए दवाओं की उपलब्धता के क्रम में देश के 50 रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोला जाएगा. इन केंद्रों की स्थापना में पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में चार केंद्रों की स्वीकृति हुई है. जिसमें गोरखपुर, वाराणसी, इज्जत नगर मंडल के काशीपुर और लखनऊ मंडल का एक स्टेशन शामिल हैं.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया है कि इस काउंटर पर दवाएं यात्रियों को सस्ती मिलेंगी. यह केंद्र प्रधानमंत्री मोदी के बड़े विजन की देन है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को सस्ती दवाओं का लाभ मिल रहा है. स्टेशन पर भी अब इस केंद्र के खुल जाने से आने जाने वाले यात्रियों को, सस्ती दवाओं के रूप में यह केंद्र स्थापित मिलेगा. उन्होंने कहा कि जैसे एक जिला एक उत्पाद के प्रोडक्ट को स्टेशन पर एक विशेष एरिया में प्रदर्शित किया गया है. यात्रीगण उसका भी लाभ लेते हैं. उसी प्रकार जन औषधि केंद्र से दवा का लाभ जरूरतमंद उठा सकेंगे.

स्टेशनों पर यह केंद्र खोले जाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया. इन औषधि केंद्रों पर रेल यात्री को बहुत कम मूल्य पर आवश्यक दवाएं उपलब्ध होंगी. उन्हें जरूरत के लिए स्टेशन से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. रेलवे प्लेटफार्म पर यह विशिष्ट आकार में स्थापित किया जाएगा, जिससे यात्रियों को आसानी से यह दिखाई देगा. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र बनाए जाने के लिए, संबंधित रेल मंडलों द्वारा ई नीलामी के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किया जाएगा. इसके लिए कार्य प्रारंभ किया जा रहा है. साथ ही स्टेशनों पर स्थान भी चिन्हित किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि इन केंद्रों के संचालन के लिए आवेदकों को नियम और शर्तों को पूरा करना होगा. जिसमें फार्मा डिप्लोमा, डिग्री धारक होना आवश्यक होगा, जो कर्मचारी केंद्र पर काम करेंगे उनके पास भी फार्मा में डिप्लोमा होना होगा. खास बात यह है कि सभी स्टेशनों पर एक ही प्रकार के डिजाइन में यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिसके लिए राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद ने एक समान आउटलेट बनाए जाने की अवधारणा तैयार की है. जो भी केंद्र स्टेशन पर आवंटित किए जाएंगे उसका लाइसेंस आवंटी को 3 वर्ष के लिए दिया जाएगा. जिसके तहत उसे निर्धारित मानकों का सावधानी और वैधानिक पूर्वक पालन करना होगा.

इस केंद्र के माध्यम से कुछ लोगों को रोजगार मिलने का भी लाभ प्राप्त होगा तो संकट के समय सस्ती और उपयोगी दवा यात्रियों को भी प्राप्त हो सकेगी. इन औषधीय केंद्रों पर सर्दी, खांसी, बुखार, सांस, ब्लड प्रेशर, शुगर एवं अन्य जरूरी दवा उपलब्ध होंगी. भारतीय जन औषधि उत्पाद में 1759 दवा और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं. इन केंद्रों से महिलाओं को 1 रुपये में सेनेटरी पैड भी उपलब्ध होगा. प्रोटीन पाउडर, पोषाहार, प्रोटीन फॉर इम्युनीटी पावडर, सैनिटाइजर, मास्क, ग्लूकोमीटर, ऑक्सीमीटर भी यहां से खरीदे जा सकेंगे. भारत में अभी इसके करीब 9000 केंद्र संचालित हो रहे हैं, जो इस वर्ष 10000 करने का लक्ष्य है.

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