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गोरखपुर: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से लोगों को मिल रहा सही इलाज, पढ़िए रिपोर्ट - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से मिल रहा लोगों को लाभ

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से काफी लोगों को लाभ मिला है. जिले के करीब 2 लाख 37 हजार 383 लाभार्थियों को इस योजना के तहत गोल्डेन कार्ड वितरित कर दिए गए हैं.

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प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से लोग हैं बेहद खुश.
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Published : Feb 3, 2020, 4:12 PM IST

गोरखपुर: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का गोरखपुर में परिणाम काफी सुखद है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी खामी यह है कि चयनित लाभार्थियों की संख्या में करीब एक लाख ऐसे लाभार्थी हैं जिन तक स्वास्थ्य महकमा अभी पहुंच नहीं पाया है.

2011 की जनगणना के अनुसार जिले में कुल लाभार्थियों की संख्या 3 लाख 6 हजार 698 है, जिसमें 2 लाख 37 हजार 383 लाभार्थियों को इस योजना के तहत गोल्डेन कार्ड वितरित कर दिए गए हैं.

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से लोग हैं बेहद खुश.

इस योजना को 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीबों को बेहतर इलाज के उद्देश्य से लांच किया था. इसके तहत चयनित लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा. मौजूदा समय में देखा जाए तो इस योजना को यूपी में 3 नाम से जाना जाता है

  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
  • आयुष्मान भारत योजना
  • मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना

5 लाख का इलाज मुफ्त
इस योजना के तहत मुख्य बात यह है कि इसमें चयनित गरीब मरीज जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हो और वह अस्पताल में भर्ती किया गया हो, उसका ऑपरेशन किया गया हो या फिर किसी गंभीर रोगों इलाज में कई दिनों तक भर्ती रहा हो तो उस पर आने वाले खर्च को इस योजना के तहत 5 लाख की सीमा में मुफ्त किया जाता है.

ओपीडी में नहीं मिलेगा लाभ
वहीं अगर वह ओपीडी में खुद को दिखाता है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. यहां तक कि उसे सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान वहां से मिलने वाली दवा को लेना पड़ेगा तो प्राइवेट अस्पताल में दिखाने पर उसे दवा खरीदनी पड़ेगी. यह योजना गंभीर बीमारी पर ही लागू होती है.

कुल 84 अस्पताल हैं शामिल
गोरखपुर में इस योजना के लाभार्थियों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलती है, जिनमें अस्पतालों की कुल संख्या 84 है. इन 84 अस्पतालों में शहर के कई प्राइवेट अस्पताल को इंपैनल्ड किया गया है, जहां पर हार्ट, कैंसर, हिप और घुटना ट्रांसप्लांट भी हो जाता है.

योजना के लागू होने के सवा वर्ष में गोरखपुर क्षेत्र में कुल 14983 लोगों को अब तक विभिन्न रोगों में इलाज की सुविधा प्राप्त हुई है. प्राइवेट अस्पतालों में गुरु गोरक्षनाथ अस्पताल इस योजना के सर्वाधिक मरीजों को इलाज देने में प्रथम स्थान हासिल किया है.

गरीब मरीजों के लिए सौगात
करीब 1800 मरीज देखे गए हैं. किडनी, कैंसर जैसे रोगियों के लिए यह योजना तो वरदान साबित हो रही है. मरीजों का कहना है कि अगर यह योजना नहीं होती तो वह कब का प्राण त्याग चुके होते. इस योजना ने उन्हें जीने की उम्मीद दी है तो कई मरीज ऐसे भी हैं जो अभी भी कागजी उलझन झेल रहे हैं. उनका कार्ड नहीं बन रहा तो कई जिला अस्पताल आते हैं इलाज के उम्मीद के साथ, लेकिन खस्ताहाल व्यवस्था से वह मायूस होकर लौट जाते हैं.

अधिकारी भी उन्हें सही जवाब नहीं दे पाते. गोरखपुर में जिन बड़े अस्पतालों में ऐसे मरीजों का इलाज होता है उसमें जिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर हॉस्पिटल और गुरु गोरक्षनाथ अस्पताल शामिल हैं. इसके अलावा 80 अन्य प्राइवेट किंतु बड़े लेवल अस्पताल भी हैं जहां इलाज होता है.

लाभार्थियों को मिल रहा लाभ
गोरखपुर के सीएमओ एसके तिवारी ने कहा कि इस योजना का लाभ, लाभार्थियों को मिल सके इसलिए इसमें आशा वर्कर को सक्रिय करते हुए उन्हें एक बुकलेट उपलब्ध कराई गई है, जिनमें उन अस्पतालों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे हैं जहां पर गंभीर रोगों का इलाज होता है. इससे मरीज को परेशानी न हो और वह अपने बीमारी के अनुसार अस्पताल में सीधे जाए न कि दर-दर भटके. इस योजना के क्रियान्वयन में स्वास्थ विभाग के साथ ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग को यूपी में जोड़ करके लाभ पहुंचाया जा रहा है.

जल्द मिल जाएगा सबको कार्ड
सीएमओ ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक इस योजना के तहत विशेष अभियान चलाकर हर रविवार को प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कैंप लगाकर बचे हुए लोगों को भी गोल्डन कार्ड वितरित कर दिया जाएगा और जिनका नहीं कार्ड नहीं बना है उन्हें बनाने की सुविधा प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आरोग्य मित्र इस कार्ड को नि:शुल्क बनाते हैं तो ब्लॉक स्तर पर गोल्डन कार्ड बनाने के लिए प्रति कार्ड 30 रुपये बीएलई का ओर से लिया जाता है.

समय-समय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस योजना की मॉनिटरिंग करते रहते हैं और मंच से इसके बखान को करने से भी नहीं चूकते. वह कहते हैं कि कोई भी जरूरतमंद इस योजना से लाभ पाने से छूटेगा नहीं उन्होंने इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देने की भी बात कही जिन्होंने गरीबों की चिंता करते हुए इसे लांच किया. उन्होंने बताया कि देश में अब तक करीब 50 करोड़ लोगों को इसका लाभ पहुंचाया जा चुका है और यूपी में इसके लाभार्थियों की संख्या 6 करोड़ हो चुकी है.


इसे भी पढ़ें- सहारनपुर: 96 हजार की नकली करेंसी के साथ 6 अभियुक्त गिरफ्तार

गोरखपुर: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का गोरखपुर में परिणाम काफी सुखद है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी खामी यह है कि चयनित लाभार्थियों की संख्या में करीब एक लाख ऐसे लाभार्थी हैं जिन तक स्वास्थ्य महकमा अभी पहुंच नहीं पाया है.

2011 की जनगणना के अनुसार जिले में कुल लाभार्थियों की संख्या 3 लाख 6 हजार 698 है, जिसमें 2 लाख 37 हजार 383 लाभार्थियों को इस योजना के तहत गोल्डेन कार्ड वितरित कर दिए गए हैं.

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से लोग हैं बेहद खुश.

इस योजना को 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीबों को बेहतर इलाज के उद्देश्य से लांच किया था. इसके तहत चयनित लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा. मौजूदा समय में देखा जाए तो इस योजना को यूपी में 3 नाम से जाना जाता है

  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
  • आयुष्मान भारत योजना
  • मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना

5 लाख का इलाज मुफ्त
इस योजना के तहत मुख्य बात यह है कि इसमें चयनित गरीब मरीज जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हो और वह अस्पताल में भर्ती किया गया हो, उसका ऑपरेशन किया गया हो या फिर किसी गंभीर रोगों इलाज में कई दिनों तक भर्ती रहा हो तो उस पर आने वाले खर्च को इस योजना के तहत 5 लाख की सीमा में मुफ्त किया जाता है.

ओपीडी में नहीं मिलेगा लाभ
वहीं अगर वह ओपीडी में खुद को दिखाता है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. यहां तक कि उसे सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान वहां से मिलने वाली दवा को लेना पड़ेगा तो प्राइवेट अस्पताल में दिखाने पर उसे दवा खरीदनी पड़ेगी. यह योजना गंभीर बीमारी पर ही लागू होती है.

कुल 84 अस्पताल हैं शामिल
गोरखपुर में इस योजना के लाभार्थियों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलती है, जिनमें अस्पतालों की कुल संख्या 84 है. इन 84 अस्पतालों में शहर के कई प्राइवेट अस्पताल को इंपैनल्ड किया गया है, जहां पर हार्ट, कैंसर, हिप और घुटना ट्रांसप्लांट भी हो जाता है.

योजना के लागू होने के सवा वर्ष में गोरखपुर क्षेत्र में कुल 14983 लोगों को अब तक विभिन्न रोगों में इलाज की सुविधा प्राप्त हुई है. प्राइवेट अस्पतालों में गुरु गोरक्षनाथ अस्पताल इस योजना के सर्वाधिक मरीजों को इलाज देने में प्रथम स्थान हासिल किया है.

गरीब मरीजों के लिए सौगात
करीब 1800 मरीज देखे गए हैं. किडनी, कैंसर जैसे रोगियों के लिए यह योजना तो वरदान साबित हो रही है. मरीजों का कहना है कि अगर यह योजना नहीं होती तो वह कब का प्राण त्याग चुके होते. इस योजना ने उन्हें जीने की उम्मीद दी है तो कई मरीज ऐसे भी हैं जो अभी भी कागजी उलझन झेल रहे हैं. उनका कार्ड नहीं बन रहा तो कई जिला अस्पताल आते हैं इलाज के उम्मीद के साथ, लेकिन खस्ताहाल व्यवस्था से वह मायूस होकर लौट जाते हैं.

अधिकारी भी उन्हें सही जवाब नहीं दे पाते. गोरखपुर में जिन बड़े अस्पतालों में ऐसे मरीजों का इलाज होता है उसमें जिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर हॉस्पिटल और गुरु गोरक्षनाथ अस्पताल शामिल हैं. इसके अलावा 80 अन्य प्राइवेट किंतु बड़े लेवल अस्पताल भी हैं जहां इलाज होता है.

लाभार्थियों को मिल रहा लाभ
गोरखपुर के सीएमओ एसके तिवारी ने कहा कि इस योजना का लाभ, लाभार्थियों को मिल सके इसलिए इसमें आशा वर्कर को सक्रिय करते हुए उन्हें एक बुकलेट उपलब्ध कराई गई है, जिनमें उन अस्पतालों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे हैं जहां पर गंभीर रोगों का इलाज होता है. इससे मरीज को परेशानी न हो और वह अपने बीमारी के अनुसार अस्पताल में सीधे जाए न कि दर-दर भटके. इस योजना के क्रियान्वयन में स्वास्थ विभाग के साथ ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग को यूपी में जोड़ करके लाभ पहुंचाया जा रहा है.

जल्द मिल जाएगा सबको कार्ड
सीएमओ ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक इस योजना के तहत विशेष अभियान चलाकर हर रविवार को प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कैंप लगाकर बचे हुए लोगों को भी गोल्डन कार्ड वितरित कर दिया जाएगा और जिनका नहीं कार्ड नहीं बना है उन्हें बनाने की सुविधा प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आरोग्य मित्र इस कार्ड को नि:शुल्क बनाते हैं तो ब्लॉक स्तर पर गोल्डन कार्ड बनाने के लिए प्रति कार्ड 30 रुपये बीएलई का ओर से लिया जाता है.

समय-समय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस योजना की मॉनिटरिंग करते रहते हैं और मंच से इसके बखान को करने से भी नहीं चूकते. वह कहते हैं कि कोई भी जरूरतमंद इस योजना से लाभ पाने से छूटेगा नहीं उन्होंने इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देने की भी बात कही जिन्होंने गरीबों की चिंता करते हुए इसे लांच किया. उन्होंने बताया कि देश में अब तक करीब 50 करोड़ लोगों को इसका लाभ पहुंचाया जा चुका है और यूपी में इसके लाभार्थियों की संख्या 6 करोड़ हो चुकी है.


इसे भी पढ़ें- सहारनपुर: 96 हजार की नकली करेंसी के साथ 6 अभियुक्त गिरफ्तार

Intro:नोट--यह खबर डेस्क की सहयोगी आयुषी के द्वारा मांगी गई थी। इसलिए इस खबर के पहुंचते ही उन्हें इसकी जानकारी देने का कष्ट करें।

गोरखपुर। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का गोरखपुर में परिणाम काफी सुखद है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी खामी यह है कि चयनित लाभार्थियों की संख्या में करीब एक लाख ऐसे लाभार्थी हैं जिन तक स्वास्थ्य महकमा अभी पहुंच नहीं पाया है। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में कुल लाभार्थियों की संख्या 3 लाख 6हजार 698 है। जिसमें 2 लाख 37 हजार 383 लाभार्थियों को इस योजना के तहत गोल्डेन कार्ड वितरित कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ही आयुष्मान भारत योजना है। जिसे 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीबों को बेहतर इलाज के उद्देश्य से लांच किया था। जिसके तहत चयनित लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। मौजूदा समय में देखा जाए तो इस योजना को यूपी में 3 नाम से जाना जाता है।

1-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
2-आयुष्मान भारत योजना
3-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना


Body:इस योजना के तहत मुख्य बात यह है कि इसमें चयनित गरीब मरीज जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हो और वह अस्पताल में भर्ती किया गया हो, उसका ऑपरेशन किया गया हो या फिर किसी गंभीर रोगों इलाज में कई दिनों तक भर्ती रहा हो तो उस पर आने वाले खर्च को इस योजना के तहत 5 लाख की सीमा में मुफ्त किया जाता है। लेकिन अगर वह ओपीडी में खुद को दिखाता है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यहां तक कि उसे सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान वहां से मिलने वाली दवा को लेना पड़ेगा तो प्राइवेट अस्पताल में दिखाने पर उसे दवा खरीदनी पड़ेगी। यह योजना गंभीर बीमारी पर ही लागू होती है। गोरखपुर में इस योजना के लाभार्थियों को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलती है। जिनमें अस्पतालों की कुल संख्या 84 है। इन 84 अस्पतालों में शहर के कई प्राइवेट अस्पताल को इंपैनल्ड किया गया है। जहां पर हार्ट, कैंसर, हिप और घुटना ट्रांसप्लांट भी हो जाता है। योजना के लागू होने के सवा वर्ष में गोरखपुर क्षेत्र में कुल 14983 लोगों को अब तक विभिन्न रोगों में इलाज की सुविधा प्राप्त हुई है। प्राइवेट अस्पतालों में गुरु गोरक्षनाथ अस्पताल इस योजना के सर्वाधिक मरीजों को इलाज देने में प्रथम स्थान हासिल किया है। जहां करीब 18 सौ मरीज देखे गए हैं। किडनी, कैंसर जैसे रोगियों के लिए यह योजना तो वरदान साबित हो रही है। मरीजों का कहना है कि अगर यह योजना नहीं होती तो वह कब का प्राण त्याग चुके होते। इस योजना ने उन्हें जीने की उम्मीद दी है। तो कई मरीज ऐसे भी हैं जो अभी भी कागजी उलझन झेल रहे हैं। उनका कार्ड नहीं बन रहा। तो कई जिला अस्पताल आते हैं इलाज के उम्मीद के साथ लेकिन खस्ताहाल व्यवस्था से वह मायूस होकर लौट जाते हैं। अधिकारी भी उन्हें सही जवाब नहीं दे पाते। गोरखपुर में जिन बड़े अस्पतालों में ऐसे मरीजों का इलाज होता है उसमें जिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर हॉस्पिटल और गुरु गोरक्षनाथ अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा 80 अन्य प्राइवेट किंतु बड़े लेवल अस्पताल भी हैं जहाँ इलाज होता है।

नोट--पीटीसी का क्रम न बदलें। जैसे काटी गई है वह वाक्य को कम्प्लीट करेगी। वही सीएमओ की बाइट भी क्रमवार सुने।

1-जय गोविंद, मरीज, पीला स्वेटर
2-डॉ कामेश्वर सिंह, एडिशनल डायरेक्टर, गोरक्षनाथ अस्पताल (चेक कोट में)
3-आशुतोष कुशवाहा, मरीज(अस्पताल के अंदर खड़ा मरीज)
4-राकेश कुमार, मरीज(प्रचार वाहन के पास खड़ा)
5-डॉ एसके तिवारी, सीएमओ, गोरखपुर(नीली कोट)
6--योगी आदित्यनाथ, सीएम, यूपी(मंच से बोलते)


Conclusion:गोरखपुर के सीएमओ एसके तिवारी ने कहा कि इस योजना का लाभ, लाभार्थियों को मिल सके इसलिए इसमें आशा वर्कर को सक्रिय करते हुए उन्हें एक बुकलेट उपलब्ध कराई गई है।जिनमें उन अस्पतालों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे हैं जहां पर गंभीर रोगों का इलाज होता है। जिससे मरीज को परेशानी ना हो और वह अपने बीमारी के अनुसार अस्पताल में सीधे जाए ना कि दर-दर भटके। इस योजना के क्रियान्वयन में स्वास्थ विभाग के साथ ग्राम्य विकास व पंचायती राज विभाग को यूपी में जोड़ करके लाभ पहुंचाया जा रहा है। सीएमओ ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक इस योजना के तहत विशेष अभियान चलाकर हर रविवार को प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कैंप लगाकर बचे हुए लोगों को भी गोल्डन कार्ड वितरित कर दिया जाएगा और जिनका नहीं कार्ड नहीं बना है उन्हें बनाने की सुविधा प्राप्त होगीl उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आरोग्य मित्र इस कार्ड को नि :शुल्क बनाते हैं तो ब्लॉक स्तर पर गोल्डन कार्ड बनाने के लिए प्रति कार्ड 30 रुपए बीएलई द्वारा लिया जाता है। समय-समय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस योजना की मॉनिटरिंग करते रहते हैं और मंच से इसके बखान को करने से भी नहीं चूकते वह कहते हैं कि कोई भी जरूरतमंद इस योजना से लाभ पाने से छूटेगा नहीं उन्होंने इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देने की भी बात कही जिन्होंने गरीबों की चिंता करते हुए इसे लांच किया उन्होंने बताया कि देश में अब तक करीब 50 करोड़ लोगों को इसका लाभ पहुंचाया जा चुका है और यूपी में इसके लाभार्थियों की संख्या 6 करोड़ हो चुकी है।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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