गोरखपुर: लगातार दो दिनों से हो रही झमाझम बारिश से शहर में भारी जलभराव हो गया है.नगर की कई प्रमुख सड़कें समंदर बन गई हैं. गोरखपुर से देवरिया और बलिया होते हुए बिहार समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों को जोड़ने वाला स्टेट हाईवे भी पानी में डूब गया है. हर साल बारिश के मौसम में यह हाईवे तालाब बन जाता है. परेशान राहगीर सीएम योगी से शिकायत कर रहे हैं.
योगी के शहर का हाल-बेहाल, गोरखपुर एयरपोर्ट जाने वाली सड़क बनी 'समंदर' - सीएम सिटी गोरखपुर
सीएम सिटी कहे जाने वाले गोरखपुर का हाल इन दिनों बेहाल बना हुआ है. शहर की तमाम बड़ी सड़कों पर पानी भरा है. एयरपोर्ट जाने वाली अहम सड़क भी तालाब में तब्दील हो चुकी है.
गोरखपुर एयरपोर्ट जाने वाला रास्ता हुआ जलमग्न.
गोरखपुर: लगातार दो दिनों से हो रही झमाझम बारिश से शहर में भारी जलभराव हो गया है.नगर की कई प्रमुख सड़कें समंदर बन गई हैं. गोरखपुर से देवरिया और बलिया होते हुए बिहार समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों को जोड़ने वाला स्टेट हाईवे भी पानी में डूब गया है. हर साल बारिश के मौसम में यह हाईवे तालाब बन जाता है. परेशान राहगीर सीएम योगी से शिकायत कर रहे हैं.
Intro:ओपनिंग पीटीसी से खबर की शुरुआत...
गोरखपुर। पिछले 2 दिनों से गोरखपुर में हो रही झमाझम बारिश से शहर में भारी जलभराव हो गया है तो सड़के समंदर बन गई हैं। समझ में नहीं आता कि लोग पानी भरी सड़क में चल रहे हैं या फिर समंदर में। यह बरसात विभागीय तैयारियों और दावों की पोल खोलता है तो गोरखपुर आने वालों के लिए एक बड़ा संदेश भी देता है कि आप यहां आएं तो जरूर लेकिन नाव लेकर। ईटीवी भारत इस खबर के माध्यम से गोरखपुर के उस रोड का नजारा पेश कर रहा है जो देवरिया से बलिया होते हुए बिहार समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों को जोड़ती है। यह सड़क स्टेट हाईवे है। और ऐसा भी नहीं है कि यहां जलभराव पहली बार हो रहा है। यह हर साल बीमारी है जो किसी भी सरकार में दूर नहीं हो रही।
नोट--कम्पलीट पैकेज , वॉइस ओवर अटैच है।
Body:ब्रिज पीटीसी...
जलभराव वाली इस सड़क का भराव से मुक्ति पाना बेहद जरूरी है। क्योंकि इस सड़क पर मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय समेत कई स्कूल और बैंक हैं। यही नहीं एयरपोर्ट को जाने के लिए यह बाईपास रोड का भी काम करती है, लेकिन जब भी बरसात होती है तो दो सौ से 300 मीटर के दायरे में यह सड़क जलाशय का रूप ले लेती है। यह 24 घंटे के अंदर हुई करीब 144 मिलीमीटर बारिश का नजारा है। अगर यही बरसात और घनघोर हो जाए तो सड़क से पानी हटने में हफ्ते भर लग जाते हैं और लोगों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। पानी से दुर्गंध उठने लगती है। बावजूद इसके लोग इसी रास्ते गुजरते हैं क्योंकि उनके पास विकल्प का अभाव है। मौजूदा समय कि प्रदेश सरकार से उन्हें खासा उम्मीद थी, जो हो ना सकी, तो लोग दुखी हैं।
बाइट-रामकृपाल, राहगीर
बाइट--अनुराग, राहगीर
बाइट-कुलदीप कुमार
Conclusion:ऐसी स्थितियां शहर के चारों तरफ बरसात के दिनों में बन जाती हैं। लोग हो हल्ला करते हैं। अधिकारी आश्वासन देते हैं तो नेता और मंत्रीगण भरोसा जगा कर चले जाते हैं। लेकिन जब मौसम आता है तो लोगों के जेहन में सारे आश्वासन और वादे कौंध उठते हैं। जब उन्हें जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। सड़क पर लगने वाला यह पानी सिर्फ बरसात का ही नहीं होता। यह अगल- बगल से बहने वाली नाले और नालियों को भी अपने में समेट लाता है। जिससे लोग बीमारियों की चपेट में आने और स्किन की समस्या से जूझने को मजबूर हो जाते हैं। इस समस्या के निजात के लिए लोगों की उम्मीद अभी भी योगी और मोदी सरकार से कायम है।
क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
9415875724
गोरखपुर। पिछले 2 दिनों से गोरखपुर में हो रही झमाझम बारिश से शहर में भारी जलभराव हो गया है तो सड़के समंदर बन गई हैं। समझ में नहीं आता कि लोग पानी भरी सड़क में चल रहे हैं या फिर समंदर में। यह बरसात विभागीय तैयारियों और दावों की पोल खोलता है तो गोरखपुर आने वालों के लिए एक बड़ा संदेश भी देता है कि आप यहां आएं तो जरूर लेकिन नाव लेकर। ईटीवी भारत इस खबर के माध्यम से गोरखपुर के उस रोड का नजारा पेश कर रहा है जो देवरिया से बलिया होते हुए बिहार समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों को जोड़ती है। यह सड़क स्टेट हाईवे है। और ऐसा भी नहीं है कि यहां जलभराव पहली बार हो रहा है। यह हर साल बीमारी है जो किसी भी सरकार में दूर नहीं हो रही।
नोट--कम्पलीट पैकेज , वॉइस ओवर अटैच है।
Body:ब्रिज पीटीसी...
जलभराव वाली इस सड़क का भराव से मुक्ति पाना बेहद जरूरी है। क्योंकि इस सड़क पर मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय समेत कई स्कूल और बैंक हैं। यही नहीं एयरपोर्ट को जाने के लिए यह बाईपास रोड का भी काम करती है, लेकिन जब भी बरसात होती है तो दो सौ से 300 मीटर के दायरे में यह सड़क जलाशय का रूप ले लेती है। यह 24 घंटे के अंदर हुई करीब 144 मिलीमीटर बारिश का नजारा है। अगर यही बरसात और घनघोर हो जाए तो सड़क से पानी हटने में हफ्ते भर लग जाते हैं और लोगों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। पानी से दुर्गंध उठने लगती है। बावजूद इसके लोग इसी रास्ते गुजरते हैं क्योंकि उनके पास विकल्प का अभाव है। मौजूदा समय कि प्रदेश सरकार से उन्हें खासा उम्मीद थी, जो हो ना सकी, तो लोग दुखी हैं।
बाइट-रामकृपाल, राहगीर
बाइट--अनुराग, राहगीर
बाइट-कुलदीप कुमार
Conclusion:ऐसी स्थितियां शहर के चारों तरफ बरसात के दिनों में बन जाती हैं। लोग हो हल्ला करते हैं। अधिकारी आश्वासन देते हैं तो नेता और मंत्रीगण भरोसा जगा कर चले जाते हैं। लेकिन जब मौसम आता है तो लोगों के जेहन में सारे आश्वासन और वादे कौंध उठते हैं। जब उन्हें जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। सड़क पर लगने वाला यह पानी सिर्फ बरसात का ही नहीं होता। यह अगल- बगल से बहने वाली नाले और नालियों को भी अपने में समेट लाता है। जिससे लोग बीमारियों की चपेट में आने और स्किन की समस्या से जूझने को मजबूर हो जाते हैं। इस समस्या के निजात के लिए लोगों की उम्मीद अभी भी योगी और मोदी सरकार से कायम है।
क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
9415875724