गोरखपुर: जिले के पिपराईच थाना क्षेत्र से एक 14 वर्षीय बालक का अपहरण करने के बाद हत्या कर देने की घटना में शामिल 10-10 हजार रुपये के इनामी 2 अभियुक्तों सहित कुल 4 अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया है. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त स्कूटी, मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन बरामद किया है.
बलराम का किया गया था अपहरण
बलराम के पिता महाजन गुप्ता ने पुत्र के अपहरण होने और फिरौती मांगने के सम्बन्ध में स्थानीय थाने में सूचना दी थी. इसके सम्बन्ध में थाना स्थानीय पिपराईच पर मु.अ.सं. 633/20 धारा 364 ए के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था. वहीं घटना को गंभीरता से लेते हुए क्राइम ब्रांच तथा स्थानीय थाना व अन्य थानों की कई टीमें घटना के खुलासे के लिए लगाई गई थीं.
एसपी नार्थ अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस ने इस घटना में शामिल कुल 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर इनकी निशानदेही पर अपहृत बच्चे का शव बरामद कर घटना का अनावरण किया था. इस घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस और क्राइम ब्रांच लगातार प्रयास कर रही थी. इसके तहत कार्रवाई करते हुए गुलरिहा पुलिस ने घटना में शामिल दो अभियुक्तों नितिन चौहान व अजय चौहान को गिरफ्तार किया.
एसपी नार्थ ने बताया कि एसओजी/सर्विलांस व थाना पिपराईच की संयुक्त कार्रवाई में महाजन गुप्ता के बच्चे के अपहरण/हत्या की घटना में शामिल दो अन्य अभियुक्त अभिषेक चौहान व शिवा कुमार को गिरफ्तार किया. अभियुक्तों से पूछताछ में यह बात प्रकाश में आई कि अजय चौहान के पिता का वादी महाजन गुप्ता से नजदीकी सम्बन्ध था, जिसके कारण अजय चौहान को वादी महाजन गुप्ता के घर परिवार के बारे में काफी जानकारी थी.
एकलौता पुत्र था बलराम
एसपी नार्थ ने बताया कि अभियुक्त निखिल भारती पुत्र राजकुमार भारती वादी महाजन गुप्ता के ही गांव का रहने वाला थ. इकलौता बच्चा होने के कारण वादी महाजन गुप्ता लड़के का पालन-पोषण बहुत अच्छी तरह से करते थे. पूर्व में बेची गई जमीन से मिले पैसे उनके पास होने का अनुमान अभियुक्तों को था. इस कारण अभियुक्तों ने बलराम के अपहरण की योजना बनाई थी. पूछताछ से यह बात भी सामने आई कि अभियुक्तों द्वारा अपहृत बलराम को विनोद जंगल में ले गया. वहां पेप्सी में नींद की गोली मिलाकर बलराम को पिला दी.
अपहृत बलराम को उल्टी हो जाने के कारण वह बेहोश नहीं हुआ, जिसके बाद मृतक को कुछ समय के लिए अभियुक्त दयानन्द के कब्जे वाले एक पुराने मकान पर और उसके बाद अभियुक्त अजय गुप्ता की दुकान पर रखा गया. अपहृत बलराम के चिल्लाने के कारण उसे बेहोशी का इन्जेक्शन अभियुक्त अजय चौहान द्वारा दिया गया, जिसके बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई.
एसपी नार्थ अरविंद कुमार पाण्डेय ने बताया कि हत्या करने में कुल 8 अभियुक्तों की संलिप्तता प्रकाश में आई. जिसमें से पूर्व में दयानन्द, अजय गुप्ता व निखिल भारती को पहले ही जेल भेजा जा चुका है, जबकि एक अभियुक्त की गिरफ्तारी शेष है. हत्या करने में दयानन्द व अजय गुप्ता की प्रमुख भूमिका पाई गई. वहीं अन्य दो अभियुक्त नितेश पासवान व रिन्कू गुप्ता ने अभियुक्तों को फर्जी नाम और पते पर सिम उपलब्ध कराया था.