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कर्ज चुकाने से बचने के लिए प्रॉपर्टी डीलर ने रची लूट की झूठी कहानी, यूं हुआ खुलासा - प्रॉपर्टी डीलर लूट कहानी गोरखपुर

गोरखपुर में कर्ज चुकाने से बचने के लिए पीड़ित और वादी ने 2.5 लाख के लूट की झूठी कहानी रची थी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

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प्रॉपर्टी डीलर अजय कुमार
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Published : Sep 25, 2022, 10:01 PM IST

गोरखपुर: जनपद के चौरीचौरा थाना क्षेत्र (haurichaura police station) में शुक्रवार 22 सितंबर की शाम को आंख में मिर्च पाउडर डालकर 2.5 लाख के लूट की घटना फर्जी निकली है. जी हां पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर ने कर्ज चुकाने से बचने के लिए लूट की कहानी गढ़ी थी. पुलिस ने लूट के मुकदमे में जालसाजी की धारा बढ़ाकर सूचना देने वाले पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर अजय कुमार को रविवार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

जानकारी देते हुए एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर

एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर और एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि शुक्रवार यानी की 23 सितंबर को अजय कुमार ने सूचना दी कि दो बाइक से 4 अज्ञात व्यक्तियों ने शत्रुधनपुर पब्बनटोला के पास से बैंग में रखा रुपया ढाई लाख और जेब से 1700 रुपये लूट लिए है. तहरीर के आधार पर पुलिस ने लूट का केस दर्ज किया था. जांच के दौरान मुकदमे के वादी और पीड़ित अजय कुमार ने पूछताछ में बताया कि उसने यह रुपये दिनांक 23 सितंबर को देवरिया निवासी अपने मित्र विजय निगम से लिया है. लेकिन पुलिस ने जब विजय निगम से बात की तो उसने कोई भी रुपये देने से इनकार कर दिया.

यह भी पढ़ें- गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के रैन बसेरा से भाई-बहन गायब, मां का रो-रोकर हाल बेहाल

पुलिस ने एक बार फिर जब पीड़ित अजय से बात किया तो उसने बताया कि वह अपनी बुआ के लड़के हरेन्द्र पासवान से 200000/- रुपया उधार लाया है. लेकिन जब पुलिस ने उसके बुआ के लड़के हरेन्द्र पासवान से बात की उसने बताया कि उसकी माता का निधन हो गया है. उसी की गमी मे आया था. अजय ने उससे कोई रुपए नही मांगे थे और न ही उसने रुपये दिया है.

एक बार फिर जब पुलिस ने मुकदमे के वादी पीड़ित अजय से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह फारसिस डाट आई. यू. से पैसे कमाता था. विगत तीन चार महीनो मे उसने करीब 70000/-जोडा था, और वही रूपये लूटा गया है. जब पुलिस ने अजय से 70000/- के सम्बन्ध मे विवरण मांगा तो वह कोई डिटेल नहीं दे पाया और बताया कि केवल 1700/- की ही लूट हुई थी और 2.5 लाख की नहीं. इसके बाद पुलिस ने जब एफआईआर मे दिए गए तथ्यो और घटना के बाद मौके पर पूछताछ किए जाने पर घटना से पूर्व अजय की गतिविधियों और मूवमेंट के बारे मे जो उसने तथ्य बताए थे उनको जब सर्विलांस और अन्य माध्यम से तस्दीक किया तो तमाम भिन्नताए सामने आई, जिसके बाद पुलिस ने कड़ाई से पीड़ित और वादी अजय से पूछताछ की, जिसके बाद उसने बताया कि वह अपनी बहन की शादी में कई लोगो से रुपये उधार लिया हैं. साथ ही एक जमीन मे उसका 1000000/- फंस गया है.

यह भी पढ़ें- सुधांशु त्रिवेदी का अखिलेश यादव पर तंज, कहा- वक्फ संपत्तियों की जांच के मामले में बेवजह कर रहे बयानबाजी

इसके अलावा उसने अपने जानने वाले प्रिंस से 100000, रमेश यादव से 80000 और दीपक से 200000 एक साल पहले उधार लिया था. अजय ने बताया कि उसके ऊपर 1800000/- रुपये का कर्ज है, जिसे लोग बार बार मांग रहे थे. बार बार रुपये मांगने के कारण वह मानसिक रुप से तनाव में आ गया था. तगादे से बचने के लिये अजय ने मनगढंत कहानी तैयार कर झूठा मुकदमा लिखा दिया ताकि लोग रुपये की मांग न करे , जिसके बाद पुलिस ने वादी अजय कुमार पर केस दर्ज कर जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.


गोरखपुर: जनपद के चौरीचौरा थाना क्षेत्र (haurichaura police station) में शुक्रवार 22 सितंबर की शाम को आंख में मिर्च पाउडर डालकर 2.5 लाख के लूट की घटना फर्जी निकली है. जी हां पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर ने कर्ज चुकाने से बचने के लिए लूट की कहानी गढ़ी थी. पुलिस ने लूट के मुकदमे में जालसाजी की धारा बढ़ाकर सूचना देने वाले पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर अजय कुमार को रविवार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

जानकारी देते हुए एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर

एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर और एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि शुक्रवार यानी की 23 सितंबर को अजय कुमार ने सूचना दी कि दो बाइक से 4 अज्ञात व्यक्तियों ने शत्रुधनपुर पब्बनटोला के पास से बैंग में रखा रुपया ढाई लाख और जेब से 1700 रुपये लूट लिए है. तहरीर के आधार पर पुलिस ने लूट का केस दर्ज किया था. जांच के दौरान मुकदमे के वादी और पीड़ित अजय कुमार ने पूछताछ में बताया कि उसने यह रुपये दिनांक 23 सितंबर को देवरिया निवासी अपने मित्र विजय निगम से लिया है. लेकिन पुलिस ने जब विजय निगम से बात की तो उसने कोई भी रुपये देने से इनकार कर दिया.

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पुलिस ने एक बार फिर जब पीड़ित अजय से बात किया तो उसने बताया कि वह अपनी बुआ के लड़के हरेन्द्र पासवान से 200000/- रुपया उधार लाया है. लेकिन जब पुलिस ने उसके बुआ के लड़के हरेन्द्र पासवान से बात की उसने बताया कि उसकी माता का निधन हो गया है. उसी की गमी मे आया था. अजय ने उससे कोई रुपए नही मांगे थे और न ही उसने रुपये दिया है.

एक बार फिर जब पुलिस ने मुकदमे के वादी पीड़ित अजय से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह फारसिस डाट आई. यू. से पैसे कमाता था. विगत तीन चार महीनो मे उसने करीब 70000/-जोडा था, और वही रूपये लूटा गया है. जब पुलिस ने अजय से 70000/- के सम्बन्ध मे विवरण मांगा तो वह कोई डिटेल नहीं दे पाया और बताया कि केवल 1700/- की ही लूट हुई थी और 2.5 लाख की नहीं. इसके बाद पुलिस ने जब एफआईआर मे दिए गए तथ्यो और घटना के बाद मौके पर पूछताछ किए जाने पर घटना से पूर्व अजय की गतिविधियों और मूवमेंट के बारे मे जो उसने तथ्य बताए थे उनको जब सर्विलांस और अन्य माध्यम से तस्दीक किया तो तमाम भिन्नताए सामने आई, जिसके बाद पुलिस ने कड़ाई से पीड़ित और वादी अजय से पूछताछ की, जिसके बाद उसने बताया कि वह अपनी बहन की शादी में कई लोगो से रुपये उधार लिया हैं. साथ ही एक जमीन मे उसका 1000000/- फंस गया है.

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इसके अलावा उसने अपने जानने वाले प्रिंस से 100000, रमेश यादव से 80000 और दीपक से 200000 एक साल पहले उधार लिया था. अजय ने बताया कि उसके ऊपर 1800000/- रुपये का कर्ज है, जिसे लोग बार बार मांग रहे थे. बार बार रुपये मांगने के कारण वह मानसिक रुप से तनाव में आ गया था. तगादे से बचने के लिये अजय ने मनगढंत कहानी तैयार कर झूठा मुकदमा लिखा दिया ताकि लोग रुपये की मांग न करे , जिसके बाद पुलिस ने वादी अजय कुमार पर केस दर्ज कर जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.


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