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12वीं पास युवक डॉक्टर बनकर चला रहा था अस्पताल, महिला की मौत के बाद खुली पोल - गुलरिहा थाना क्षेत्र

गोरखपुर में एक 12वीं पास युवक डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज कर रहा था. इलाज के दौरान महिला की मौत के बाद पूरे मामले की जांच की, जिसमें यह खुलासा हुआ. फिलहाल पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है.

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हॉस्पिटल संचालक
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Published : Jan 8, 2023, 7:15 AM IST

गोरखपुरः जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 12वीं पास युवक डॉक्टर बनकर मरीजों का दवा इलाज कर रहा था और जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन भी करता था. उसने सत्यम नाम से अपना हास्पिटल भी खोला था. महिला की मौत के बाद पुलिस की जांच में यह बात सामने आई. पुलिस ने आरोपी हॉस्पिटल संचालक रंजीत निषाद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

वहीं, इस मामले में पुलिस ने अन्य संदिग्धों की जांच शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है. उन्होंने बिना किसी जांच के इसका रजिस्ट्रेशन कर लिया था. एसएसपी ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी और विभागी कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र लिखा है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने पुलिस लाइन सभागार में प्रेस वार्ता कर बताया कि 'सत्यम हॉस्पिटल कई वर्षों से अवैध रुप से संचालित किया जा रहा था. हॉस्पिटल संचालक रंजीत निषाद बिना किसी वैध डिग्री के डाक्टरों का नाम सूची में अंकित कर, डाक्टर प्रिस्क्रिप्शन पैड पर मरीजों का इलाज कर उनके जान के साथ खिलवाड़ कर रहा था. हॉस्पिटल के संचालक रंजीत निषाद की लापरवाही से 3 जनवरी को एक गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी थी. इस मामले में 304,419, 420 भादवि0 व 15(3) इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत रंजीत निषाद के ऊपर केस दर्ज उसे गिरफ्तार किया गया'.

पहले चिराग फिर प्रियांशु के नाम से चल रहा था हॉस्पिटल
एसएसपी ने बताया कि 'सत्यम से पहले यह हॉस्पिटल चिराग हॉस्पिटल और प्रियांशु हॉस्पिटल के नाम से भी चल रहा था. स्वास्थ्य विभाग ने सील किया था. वर्तमान समय में यह हॉस्पिटल डॉ. सुनील कुमार सरोज (एमबीबीएस) की डिग्री के आधार पर पंजीकृत कराकर संचालित किया जा रहा था, जिस डॉक्टर के नाम पर हॉस्पिटल पंजीकृत था उसके द्वारा यहां पर कोई भी चिकित्सीय सेवा प्रदान नहीं की जा रही है. इसके अतिरिक्त जिन चिकित्सकों के नाम हॉस्पिटल की प्रिस्क्रिप्शन पैड पर अंकित हैं वह भी अन्य जिलों में निवास कर, प्रैक्टिस कर रहे हैं'.

दलालों और स्वास्थ्य विभाग के मिलीभगत से हुआ रजिस्ट्रेशन
एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन के लिए हॉस्पिटल मालिक ने दलालों का भी सहयोग लिया. कुछ कर्मचारियों के मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर को भी अपने स्तर से इस हॉस्पिटल के पंजीकरण की प्रक्रिया की जांच कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ विधिक अथवा विभागीय कार्यवाही करने के लिए एसएसपी ने पत्र लिखा है.

पर्चे पर नाम वाले सभी डॉक्टरों को नोटिस
गुलरिहा थाना क्षेत्र के भटहट स्थित सत्यम हॉस्पिटल में जैनपुर टोला काजीपुर निवासी रामदवन की गर्भवती पत्नी सोनावत देवी(30) की 3 जनवरी को मौत हो गई थी. गुलरिहा पुलिस ने पति की तहरीर पर अस्पताल के संचालक के खिलाफ मुकदजा दर्ज कर आरोपी रंजीत पुत्र सुभाष निवासी जैनपुर टोला सत्यनगर को गिरफ्तार कर लिया.

वहीं, अस्पताल के पर्ची पर नामित चिकित्सकों डॉ. बृजेश शुक्ला, डॉ. रेनू मिश्रा, डॉ. निर्भय सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. डी के तिवारी, डॉ. विनोद शर्मा, डॉ. कमलेश यादव , डॉ. शबनम बानो एवं डॉ. पीके बक्शी को गर्भवती महिला की मौत के मामले में धारा 304,419,420 एवं 15(3) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एक्ट के तहत नोटिस भेजकर संबंधित कागजात के साथ उपस्थित होने को कहा है. एसएसपी ने बताया कि विवेचना के क्रम में जिस चिकित्सक के नाम पर यह हास्पिटल पंजीकृत है तथा जिन-जिन चिकित्सकों के नाम प्रिस्क्रिप्शन पैड पर अंकित हैं, उन सभी को विवेचक ने बयान के लिए नोटिस जारी किया है.

निदेशक एम्स गोरखपुर व प्रधानाचार्य बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर से अनुरोध किया है कि उनके यहां कार्यरत सभी चिकित्सकों व पास आउट हो रहे प्रशिक्षु डाक्टर्स को भी इस घटनाक्रम के संंबंध में जागरुक करते हुए सुनिश्चित करें कि कोई भी चिकित्सक इस तरह की अवैध गतिविधियो मे सम्मिलित न हों. मुख्य चिकित्साधिकारी जिले मे पंजीकृत चिकित्सालय/डॉयग्नोस्टिक सेंटर/पैथालॉजी सेंटर इत्यादि की सूची के संंबंध में अभिसूचना संकलित की जा रही है.

पढ़ेंः एंबुलेंस नहीं मिली तो पति को रिक्शे से लेकर अस्पताल पहुंची महिला, सिटी मजिस्ट्रेट ने की मदद

गोरखपुरः जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 12वीं पास युवक डॉक्टर बनकर मरीजों का दवा इलाज कर रहा था और जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन भी करता था. उसने सत्यम नाम से अपना हास्पिटल भी खोला था. महिला की मौत के बाद पुलिस की जांच में यह बात सामने आई. पुलिस ने आरोपी हॉस्पिटल संचालक रंजीत निषाद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

वहीं, इस मामले में पुलिस ने अन्य संदिग्धों की जांच शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है. उन्होंने बिना किसी जांच के इसका रजिस्ट्रेशन कर लिया था. एसएसपी ने ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी और विभागी कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र लिखा है.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने पुलिस लाइन सभागार में प्रेस वार्ता कर बताया कि 'सत्यम हॉस्पिटल कई वर्षों से अवैध रुप से संचालित किया जा रहा था. हॉस्पिटल संचालक रंजीत निषाद बिना किसी वैध डिग्री के डाक्टरों का नाम सूची में अंकित कर, डाक्टर प्रिस्क्रिप्शन पैड पर मरीजों का इलाज कर उनके जान के साथ खिलवाड़ कर रहा था. हॉस्पिटल के संचालक रंजीत निषाद की लापरवाही से 3 जनवरी को एक गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी थी. इस मामले में 304,419, 420 भादवि0 व 15(3) इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत रंजीत निषाद के ऊपर केस दर्ज उसे गिरफ्तार किया गया'.

पहले चिराग फिर प्रियांशु के नाम से चल रहा था हॉस्पिटल
एसएसपी ने बताया कि 'सत्यम से पहले यह हॉस्पिटल चिराग हॉस्पिटल और प्रियांशु हॉस्पिटल के नाम से भी चल रहा था. स्वास्थ्य विभाग ने सील किया था. वर्तमान समय में यह हॉस्पिटल डॉ. सुनील कुमार सरोज (एमबीबीएस) की डिग्री के आधार पर पंजीकृत कराकर संचालित किया जा रहा था, जिस डॉक्टर के नाम पर हॉस्पिटल पंजीकृत था उसके द्वारा यहां पर कोई भी चिकित्सीय सेवा प्रदान नहीं की जा रही है. इसके अतिरिक्त जिन चिकित्सकों के नाम हॉस्पिटल की प्रिस्क्रिप्शन पैड पर अंकित हैं वह भी अन्य जिलों में निवास कर, प्रैक्टिस कर रहे हैं'.

दलालों और स्वास्थ्य विभाग के मिलीभगत से हुआ रजिस्ट्रेशन
एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन के लिए हॉस्पिटल मालिक ने दलालों का भी सहयोग लिया. कुछ कर्मचारियों के मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर को भी अपने स्तर से इस हॉस्पिटल के पंजीकरण की प्रक्रिया की जांच कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ विधिक अथवा विभागीय कार्यवाही करने के लिए एसएसपी ने पत्र लिखा है.

पर्चे पर नाम वाले सभी डॉक्टरों को नोटिस
गुलरिहा थाना क्षेत्र के भटहट स्थित सत्यम हॉस्पिटल में जैनपुर टोला काजीपुर निवासी रामदवन की गर्भवती पत्नी सोनावत देवी(30) की 3 जनवरी को मौत हो गई थी. गुलरिहा पुलिस ने पति की तहरीर पर अस्पताल के संचालक के खिलाफ मुकदजा दर्ज कर आरोपी रंजीत पुत्र सुभाष निवासी जैनपुर टोला सत्यनगर को गिरफ्तार कर लिया.

वहीं, अस्पताल के पर्ची पर नामित चिकित्सकों डॉ. बृजेश शुक्ला, डॉ. रेनू मिश्रा, डॉ. निर्भय सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. डी के तिवारी, डॉ. विनोद शर्मा, डॉ. कमलेश यादव , डॉ. शबनम बानो एवं डॉ. पीके बक्शी को गर्भवती महिला की मौत के मामले में धारा 304,419,420 एवं 15(3) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एक्ट के तहत नोटिस भेजकर संबंधित कागजात के साथ उपस्थित होने को कहा है. एसएसपी ने बताया कि विवेचना के क्रम में जिस चिकित्सक के नाम पर यह हास्पिटल पंजीकृत है तथा जिन-जिन चिकित्सकों के नाम प्रिस्क्रिप्शन पैड पर अंकित हैं, उन सभी को विवेचक ने बयान के लिए नोटिस जारी किया है.

निदेशक एम्स गोरखपुर व प्रधानाचार्य बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर से अनुरोध किया है कि उनके यहां कार्यरत सभी चिकित्सकों व पास आउट हो रहे प्रशिक्षु डाक्टर्स को भी इस घटनाक्रम के संंबंध में जागरुक करते हुए सुनिश्चित करें कि कोई भी चिकित्सक इस तरह की अवैध गतिविधियो मे सम्मिलित न हों. मुख्य चिकित्साधिकारी जिले मे पंजीकृत चिकित्सालय/डॉयग्नोस्टिक सेंटर/पैथालॉजी सेंटर इत्यादि की सूची के संंबंध में अभिसूचना संकलित की जा रही है.

पढ़ेंः एंबुलेंस नहीं मिली तो पति को रिक्शे से लेकर अस्पताल पहुंची महिला, सिटी मजिस्ट्रेट ने की मदद

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