गोरखपुर: जनपद के बंगाई गांव के किनारे चिलुआताल में कच्ची शराब का कारोबार एक जमाने से फलफूल रहा था. पुलिस उस पर अंकुश लगाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही थी. समय-समय पर पुलिस छापेमारी भी करती, लेकिन धंधेबाज फिर से अवैध शराब का कारोबार शुरू कर देते थे.
अब पुलिस ने गुलरिहा इलाके में कच्ची शराब बेचना छोड़ दूसरा रोजगार करने वाले लोगों को सम्मानित करना शुरू कर दिया है. इससे अवैध शराब का कारोबार करने वालों को प्रेरणा मिल रही है. यहां लोग भी अब पुलिस का सहयोग करते हुए इस कारोबार को छोड़ रहे हैं.
एसएसपी ने किया सम्मानित
गुलरिहा में कच्ची शराब बेचना छोड़ दूसरा काम करने वाले लोगों को एसएसपी ने कम्बल देकर सम्मानित किया और उनको सराहा. कच्ची शराब कारोबारी पर नकेल कसने के लिए जान जोखिम में डाल कर पुलिस के सहयोगियों को एसएसपी ने उनको औरों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया.
संतलाल बने प्रेरणादायी स्रोत
गुलरिहा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के टोला मोहम्मदपुर निवासी संतलाल पाल पुत्र सीताराम निषाद पेन्टिंग कर अपने परिवार की जीविका चलाते थे. रोजगार के अभाव में वह कच्ची शराब के कारोबार में संलिप्त हो गया. इसमें वह जेल भी गया. जेल से छूटने के बाद उसको पुलिस का सहयोग मिला तो कच्ची के कारोबार से तौबा करके प्रण किया कि स्वयं भी और दूसरों को भी कच्ची शराब का धन्धा बंद करायेंगे. पुलिस के सहयोग से उसने किराना स्टोर खोल दिया. पुलिस उसके सहयोग से कच्ची शराब के कारोबार पर अंकुश लगा रही है. अब पुलिस की मुहिम कारगर साबित होने लगी है. युवा वर्ग के लोग धीरे-धीरे समाज की इस बुराई को दूर करने के लिए आगे आ रहे हैं. अब बंगाई और नरायणपुर के करीब 40 युवक टीम गठित कर लोगों को कच्ची शराब बनाने से रोकते हैं.
ऐसे एक ही नहीं बहुत सारे लोग हैं जो पहले दारू बेच रहे थे. पुलिस उनको पुरी तरह से शह दे रही है. उनके पुनर्स्थापन में सहायता दे रही है. साथ ही साथ वह दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत का काम कर रहे हैं.
-डॉ. सुनील कुमार गुप्ता,एसएसपी