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नौजवानों की टोली ठंड में फुटपाथ पर सो रहे लोगों का बन रही सहारा

यूपी के गोरखपुर में इस समय ठंड का कहर जारी है. ऐसे में उन लोगों को सबसे ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ रहा है जो फुटपाथ, रेलवे स्टेशन, और खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं. इन गरीबों को 'सर्व समाज सेवा संस्थान' के लोग कंबल, टोपी, चप्पल आदि का वितरण करके उन्हें ठंड से राहत पहुंचा रहे हैं.

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Published : Dec 14, 2020, 3:23 PM IST

मदद को बढ़े हाथ.
मदद को बढ़े हाथ.

गोरखपुर: पिछले तीन-चार दिनों से जिले में ठंड का असर तेज हुआ है. इस दौरान जहां लोग रात में घरों से बाहर निकलना नहीं चाह रहे, वहीं शहर में नौजवानों की एक ऐसी टोली घूम रही है जो सड़कों के किनारे फुटपाथ पर, रेलवे स्टेशन पर या खुले आसमान के नीचे सो रहे गरीबों, जरूरतमंदों को कंबल, टोपी, चप्पल आदि का वितरण करके उन्हें ठंड से राहत पहुंचा रही है. इस टोली की अगुवाई धीरज गुप्ता नाम के युवक के हाथ में है. इनकी टीम में 10 से अधिक ऐसे युवा शामिल हैं, जिनके मन में ऐसे लोगों को मदद पहुंचाने की ललक है, जिन्हें ठंड में फुटपाथ और खुले आसमान के नीचे मजबूरन जीवन जीना पड़ रहा है. यह युवा पिछले कई सालों से ऐसा कार्य कर रहे हैं. इनका यह पुनीत कार्य रविवार की रात में उस वक्त ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हो गया जब यह लोग अपने अभियान पर थे.

जानकारी देते संवाददाता.

फुटपाथ पर सो रहे लोगों को मदद पहुंचा रहे गोरखपुर के युवा
बढ़ती ठंड को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम इस पड़ताल पर निकली थी कि आखिरकार असहायों की मदद करने का प्रशासनिक दावे की हकीकत क्या है? सरकारी अमला तो ऐसा करता नहीं मिला, लेकिन इन युवाओं का कार्य ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हो गया. यह युवा अपने इस अभियान को 'सर्व समाज सेवा संस्थान' के नाम से एक संस्था बनाकर करते हैं. अपनी कमाई के कुछ हिस्से से यह लोग ऐसे ही जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं. जब इन्होंने ठंड में खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर बैठे लोगों को कंबल ओढ़ाया, टोपी पहनाई तो जरूरतमंदों के चेहरे खिल उठे. जरूरतमंद लोगों को ऐसा लगा कि जिनके इंतजार में वह बैठे थे, भगवान ने उन्हें भेज दिया हो. इन लोगों को मदद पहुंचाकर यह टीम बेहद खुश और उत्साहित थी. टीम का कहना था कि पूरी ठंड में उनका यह अभियान जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि उनसे जो मदद हो सकेगी वह लोगों तक पहुंचाएंगे. इस टीम ने कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरन भी खूब मदद पहुंचाई है.

गरीबों को कंबल बांट रहे गोरखपुर के युवा
गरीबों को कंबल बांट रहे गोरखपुर के युवा

खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को मजबूर हैं यह लोग
खुले आसमान के नीचे, सड़कों के किनारे, फुटपाथ पर रात काटने वाले ऐसे लोग अधिकांश बिहार और गोरखपुर के पड़ोसी जिलों के हैं. यह गोरखपुर में आकर मेहनत मजदूरी करते हैं. मजदूरी इतनी नहीं मिलती कि वह किराए के मकान में रह सकें. लिहाजा ऐसी जगहों पर अपनी रात बिताकर वह फिर अगले दिन मेहनत मजदूरी में जुट जाते हैं. इनकी जरूरत के आगे ठंड भी ठंडी हो जाती है. इन्हें अगर ठंड लगती भी है तो ये एक दूसरे को देखते हुए रात काट लेते हैं, लेकिन जब कोई इन्हें मदद देने पहुंचता है तो इनके चेहरे पर खुशी का ठिकाना नहीं रहता.

गरीबों को कंबल बांट रहे गोरखपुर के युवा
गरीबों को कंबल बांट रहे गोरखपुर के युवा

गोरखपुर में पिछली 05 रातों का तापमान(डिग्री सेल्सियस में)
गोरखपुर में 13 दिसम्बर को 12.8, 12 दिसम्बर को 14.8, 11 दिसम्बर को 16.5, 10 दिसम्बर को 15.5 और 09 दिसम्बर को तापमान 15.1 था. लेकिन रात को कोहरा अधिक होने से गलन रहती थी, जिससे खुले आसमान के नीचे सोने वालों का बुरा हाल हो रहा है.

गोरखपुर: पिछले तीन-चार दिनों से जिले में ठंड का असर तेज हुआ है. इस दौरान जहां लोग रात में घरों से बाहर निकलना नहीं चाह रहे, वहीं शहर में नौजवानों की एक ऐसी टोली घूम रही है जो सड़कों के किनारे फुटपाथ पर, रेलवे स्टेशन पर या खुले आसमान के नीचे सो रहे गरीबों, जरूरतमंदों को कंबल, टोपी, चप्पल आदि का वितरण करके उन्हें ठंड से राहत पहुंचा रही है. इस टोली की अगुवाई धीरज गुप्ता नाम के युवक के हाथ में है. इनकी टीम में 10 से अधिक ऐसे युवा शामिल हैं, जिनके मन में ऐसे लोगों को मदद पहुंचाने की ललक है, जिन्हें ठंड में फुटपाथ और खुले आसमान के नीचे मजबूरन जीवन जीना पड़ रहा है. यह युवा पिछले कई सालों से ऐसा कार्य कर रहे हैं. इनका यह पुनीत कार्य रविवार की रात में उस वक्त ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हो गया जब यह लोग अपने अभियान पर थे.

जानकारी देते संवाददाता.

फुटपाथ पर सो रहे लोगों को मदद पहुंचा रहे गोरखपुर के युवा
बढ़ती ठंड को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम इस पड़ताल पर निकली थी कि आखिरकार असहायों की मदद करने का प्रशासनिक दावे की हकीकत क्या है? सरकारी अमला तो ऐसा करता नहीं मिला, लेकिन इन युवाओं का कार्य ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हो गया. यह युवा अपने इस अभियान को 'सर्व समाज सेवा संस्थान' के नाम से एक संस्था बनाकर करते हैं. अपनी कमाई के कुछ हिस्से से यह लोग ऐसे ही जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं. जब इन्होंने ठंड में खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर बैठे लोगों को कंबल ओढ़ाया, टोपी पहनाई तो जरूरतमंदों के चेहरे खिल उठे. जरूरतमंद लोगों को ऐसा लगा कि जिनके इंतजार में वह बैठे थे, भगवान ने उन्हें भेज दिया हो. इन लोगों को मदद पहुंचाकर यह टीम बेहद खुश और उत्साहित थी. टीम का कहना था कि पूरी ठंड में उनका यह अभियान जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि उनसे जो मदद हो सकेगी वह लोगों तक पहुंचाएंगे. इस टीम ने कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरन भी खूब मदद पहुंचाई है.

गरीबों को कंबल बांट रहे गोरखपुर के युवा
गरीबों को कंबल बांट रहे गोरखपुर के युवा

खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को मजबूर हैं यह लोग
खुले आसमान के नीचे, सड़कों के किनारे, फुटपाथ पर रात काटने वाले ऐसे लोग अधिकांश बिहार और गोरखपुर के पड़ोसी जिलों के हैं. यह गोरखपुर में आकर मेहनत मजदूरी करते हैं. मजदूरी इतनी नहीं मिलती कि वह किराए के मकान में रह सकें. लिहाजा ऐसी जगहों पर अपनी रात बिताकर वह फिर अगले दिन मेहनत मजदूरी में जुट जाते हैं. इनकी जरूरत के आगे ठंड भी ठंडी हो जाती है. इन्हें अगर ठंड लगती भी है तो ये एक दूसरे को देखते हुए रात काट लेते हैं, लेकिन जब कोई इन्हें मदद देने पहुंचता है तो इनके चेहरे पर खुशी का ठिकाना नहीं रहता.

गरीबों को कंबल बांट रहे गोरखपुर के युवा
गरीबों को कंबल बांट रहे गोरखपुर के युवा

गोरखपुर में पिछली 05 रातों का तापमान(डिग्री सेल्सियस में)
गोरखपुर में 13 दिसम्बर को 12.8, 12 दिसम्बर को 14.8, 11 दिसम्बर को 16.5, 10 दिसम्बर को 15.5 और 09 दिसम्बर को तापमान 15.1 था. लेकिन रात को कोहरा अधिक होने से गलन रहती थी, जिससे खुले आसमान के नीचे सोने वालों का बुरा हाल हो रहा है.

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