ETV Bharat / state

गोरखपुर शहर में नहीं दिखते वाटर स्टैंड पोस्ट, गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल

गोरखपुर में बढ़ती गर्मी और तेज धूप ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. तपिश लोगों की प्यास भी खूब बढ़ा रही है.

etv bharat
भीषण गर्मी, बेहाल लोग
author img

By

Published : Apr 13, 2022, 4:55 PM IST

गोरखपुरः बढ़ती गर्मी और तेज धूप ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. तपिश लोगों की प्यास भी खूब बढ़ा रही है. लेकिन शहरी क्षेत्र में लोगों की प्यास बुझाने के लिए जो सरकारी इंतजाम होते रहें वो अब यदा-कदा ही कहीं दिखाई दे रहे हैं. नगरीय क्षेत्र में जलकल विभाग सभी वार्डों में वाटर स्टैंड पोस्ट बनाकर राहगीरों और जन सामान्य के लिए पीने के पानी का इंतजाम करता है. रेलवे हो या बस स्टेशन, कलेक्ट्रेट हो या कमिश्नरी कार्यालय यहां भी यात्रियों के साथ तमाम फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं. लेकिन यहां भी प्याऊ के प्वाइंट्स दिखाई नहीं देते, जो पहले सामान्य रूप से दिखाई देते थे.

यही वजह है कि लोग घरों से पानी का बोतल लेकर चलने के लिए मजबूर हैं. जो सक्षम हैं वो शुद्धता के लिए पानी खरीद कर भी पी ले रहे हैं, चाहे भले ही वो कितनी भी महंगाी क्यों न हो. लेकिन रिक्शेवाले, ठेले वाले समेत तमाम राहगीर सार्वजनिक स्थानों पर लगाई गई वाटर स्टैंड पोस्ट और हैंडपंपों से पानी पीते रहे हैं, जो अब सपना हो गया है.

शहर में नहीं दिखते वाटर स्टैंड पोस्ट

ईटीवी भारत ने अपनी पड़ताल में पाया है कि गोरखपुर शहर के सभी प्रमुख बाजारों में वाटर स्टैंड पोस्ट जो पहले से स्थापित होने वाली व्यवस्था थी, वो बहुत सीमित मात्रा में दिखाई दे रही है. नगर निगम परिसर में तो बनाया गया वाटर स्टैंड पोस्ट पूरी तरह से मजाक बनकर रह गया है. इसकी टोटी गायब है. बेसिन में इतनी गंदगी है कि लगता है लोग इसका उपयोग करते ही नहीं हैं. बस स्टैंड पर सिर्फ एक टोटी के सहारे भारी तादात में जुटने वाली यात्रियों की भीड़ पानी पीती है. कुछ अन्य जगह हैं, जो लोगों की प्यास बुझा सकते हैं, लेकिन वहां गंदगी का अंबार है तो यहां की टोटियां भी गायब हैं.

etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल
etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल

बाजार में स्थापित तमाम प्रतिष्ठान इस गर्मी को देखते हुए अपने यहां आने वाले ग्राहकों के लिए मटके में पानी भरकर रखते हैं. जिससे उनकी प्यास बुझाई जा सके. इसमें गांधी आश्रम जैसी संस्था भी आगे बढ़कर काम कर रही है. कुछ निजी संस्थाएं भी पानी पिलाने जैसे पुण्य के काम में लगी हुई हैं. लेकिन रिक्शा वालों को साधन वाटर स्टैंड पोस्ट ही दिखाई देता है.ऐसे लोगों से जब ईटीवी भारत ने बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से गर्मी को देखते हुए सरकारी महकमे को इस तरह की व्यवस्था को बाजारों में जगह-जगह उपलब्ध कराना चाहिए. जैसा कि पहले होता था. यही वजह है कि अब लोग घरों से पानी का बोतल लेकर चल रहे हैं नहीं तो फिर खरीदकर पी रहे हैं.

etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल
etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल

इसे भी पढ़ें- अब घर बैठे करें बिजली की शिकायत, सुनवाई न होने पर विभाग देगा मुआवजा

etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल

इस संबंध में ईटीवी भारत ने जब जल निगम के सहायक अभियंता सौरभ कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि जलापूर्ति और लोगों को आसानी से पेयजल की उपलब्धता हो सके. इसके लिए पूरे शहर में करीब सात सौ प्वाइंट बनाए गये हैं. खासकर मंदिरों को इससे जोड़ा गया है. जहां लोग पानी पी सकते हैं. जहां कहीं आवश्यकता महसूस होती है, क्षेत्रीय पार्षद के डिमांड पर उसे पूरी करने की कोशिश की जाती है. बात करें गोरखपुर में अप्रैल महीने की तो यहां शुरुआत से ही गर्मी दिन में काफी महसूस हो की जा रही है. सुबह-शाम का मौसम तो थोड़ा राहत देने वाला है, लेकिन घर से बाहर निकलने वाले मजदूर हों या व्यापारी, फील्ड के कर्मचारी, हर कोई इस तपिश का शिकार हो रहा है. फिलहाल गोरखपुर शहर में इस पर बड़े स्तर पर काम करने की जरूरत है. जबकि जलकल सिर्फ मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर टोटियों को लगाने की बात कर रहा है.

गोरखपुरः बढ़ती गर्मी और तेज धूप ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. तपिश लोगों की प्यास भी खूब बढ़ा रही है. लेकिन शहरी क्षेत्र में लोगों की प्यास बुझाने के लिए जो सरकारी इंतजाम होते रहें वो अब यदा-कदा ही कहीं दिखाई दे रहे हैं. नगरीय क्षेत्र में जलकल विभाग सभी वार्डों में वाटर स्टैंड पोस्ट बनाकर राहगीरों और जन सामान्य के लिए पीने के पानी का इंतजाम करता है. रेलवे हो या बस स्टेशन, कलेक्ट्रेट हो या कमिश्नरी कार्यालय यहां भी यात्रियों के साथ तमाम फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं. लेकिन यहां भी प्याऊ के प्वाइंट्स दिखाई नहीं देते, जो पहले सामान्य रूप से दिखाई देते थे.

यही वजह है कि लोग घरों से पानी का बोतल लेकर चलने के लिए मजबूर हैं. जो सक्षम हैं वो शुद्धता के लिए पानी खरीद कर भी पी ले रहे हैं, चाहे भले ही वो कितनी भी महंगाी क्यों न हो. लेकिन रिक्शेवाले, ठेले वाले समेत तमाम राहगीर सार्वजनिक स्थानों पर लगाई गई वाटर स्टैंड पोस्ट और हैंडपंपों से पानी पीते रहे हैं, जो अब सपना हो गया है.

शहर में नहीं दिखते वाटर स्टैंड पोस्ट

ईटीवी भारत ने अपनी पड़ताल में पाया है कि गोरखपुर शहर के सभी प्रमुख बाजारों में वाटर स्टैंड पोस्ट जो पहले से स्थापित होने वाली व्यवस्था थी, वो बहुत सीमित मात्रा में दिखाई दे रही है. नगर निगम परिसर में तो बनाया गया वाटर स्टैंड पोस्ट पूरी तरह से मजाक बनकर रह गया है. इसकी टोटी गायब है. बेसिन में इतनी गंदगी है कि लगता है लोग इसका उपयोग करते ही नहीं हैं. बस स्टैंड पर सिर्फ एक टोटी के सहारे भारी तादात में जुटने वाली यात्रियों की भीड़ पानी पीती है. कुछ अन्य जगह हैं, जो लोगों की प्यास बुझा सकते हैं, लेकिन वहां गंदगी का अंबार है तो यहां की टोटियां भी गायब हैं.

etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल
etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल

बाजार में स्थापित तमाम प्रतिष्ठान इस गर्मी को देखते हुए अपने यहां आने वाले ग्राहकों के लिए मटके में पानी भरकर रखते हैं. जिससे उनकी प्यास बुझाई जा सके. इसमें गांधी आश्रम जैसी संस्था भी आगे बढ़कर काम कर रही है. कुछ निजी संस्थाएं भी पानी पिलाने जैसे पुण्य के काम में लगी हुई हैं. लेकिन रिक्शा वालों को साधन वाटर स्टैंड पोस्ट ही दिखाई देता है.ऐसे लोगों से जब ईटीवी भारत ने बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से गर्मी को देखते हुए सरकारी महकमे को इस तरह की व्यवस्था को बाजारों में जगह-जगह उपलब्ध कराना चाहिए. जैसा कि पहले होता था. यही वजह है कि अब लोग घरों से पानी का बोतल लेकर चल रहे हैं नहीं तो फिर खरीदकर पी रहे हैं.

etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल
etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल

इसे भी पढ़ें- अब घर बैठे करें बिजली की शिकायत, सुनवाई न होने पर विभाग देगा मुआवजा

etv bharat
गर्मी में प्यास बुझाना मुश्किल

इस संबंध में ईटीवी भारत ने जब जल निगम के सहायक अभियंता सौरभ कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि जलापूर्ति और लोगों को आसानी से पेयजल की उपलब्धता हो सके. इसके लिए पूरे शहर में करीब सात सौ प्वाइंट बनाए गये हैं. खासकर मंदिरों को इससे जोड़ा गया है. जहां लोग पानी पी सकते हैं. जहां कहीं आवश्यकता महसूस होती है, क्षेत्रीय पार्षद के डिमांड पर उसे पूरी करने की कोशिश की जाती है. बात करें गोरखपुर में अप्रैल महीने की तो यहां शुरुआत से ही गर्मी दिन में काफी महसूस हो की जा रही है. सुबह-शाम का मौसम तो थोड़ा राहत देने वाला है, लेकिन घर से बाहर निकलने वाले मजदूर हों या व्यापारी, फील्ड के कर्मचारी, हर कोई इस तपिश का शिकार हो रहा है. फिलहाल गोरखपुर शहर में इस पर बड़े स्तर पर काम करने की जरूरत है. जबकि जलकल सिर्फ मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर टोटियों को लगाने की बात कर रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.