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गोरखपुर: घने कोहरे और प्रदूषण से लोग परेशान, घर से निकलना हुआ मुश्किल

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Published : Nov 8, 2019, 12:51 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कोहरे और बढ़ते प्रदूषण से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों पर लोगों और वाहनों का चलना मुश्किल हो रहा है. वहीं पूर्वांचल में कई शहर भी जमीन पर भारी नमी के चलते घने कोहरे की चपेट में आ गये हैं.

गोरखपुर में घने कोहरे और प्रदूषण से लोग परेशान घर से निकलना हुआ मुश्किल

गोरखपुर: बढ़ते कोहरे और स्मॉग से जहां राजधानी दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहर के लोग परेशान हैं. तो वही पूर्वांचल के कई शहर भी स्मॉग और घने कोहरे की चपेट में आ गये है. गोरखपुर में इस प्रकार के कोहरे का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से सुबह से सड़कों पर अंधेरा छाया हुआ है. शहर का आलम यह है कि बड़े-बड़े वाहन भी इस कोहरे की वजह से काफी करीब पहुंचने पर ही देखे जा रहे हैं. जिससे चलते दुर्घटना का खतरा बना हुआ है.

घने कोहरे और प्रदूषण से लोग परेशान

जानें क्या है शहर का हाल-

  • घने कोहरे और स्मॉग से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा.
  • सुबह से शहर की सड़कों पर छाया है घना कोहरा.
  • सड़क पर चलने वाले भारी वाहनों से हादसे का खतरा भी बढ़ रहा.
  • प्रदूषण वैज्ञानिक ने बारिश से जमीन में हुई नमी की बात कही है.
  • पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. गोविंद पाण्डेय का कहना है कि कोहरा और बढ़ेगा.

गोरखपुर की सड़कों पर सुबह से ही इतना कोहरा बढ़ता जा रहा है कि सड़क पर गाड़ियां रेंगती हुई चल रही हैं. स्कूल जाने वाले बच्चों को कोहरे से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यही नहीं बस और टैक्सी के सहारे दूसरे जिले में जाकर नौकरी करने वाले लोग की परेशान हो रहे हैं. लोगों को घंटों वाहनों का इंतजार करना पड़ रहा है. गोरखपुर में घना कोहरे को लेकर प्रदूषण वैज्ञानिक का साफ कहना है कि सितंबर माह में सप्ताह भर हुई बारिश से जमीन में काफी नमी है. जिसके चलते धूप निकलने से और रात के समय जमीन ठंडी होने पर नमी बढ़ती है.

गोरखपुर: बढ़ते कोहरे और स्मॉग से जहां राजधानी दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहर के लोग परेशान हैं. तो वही पूर्वांचल के कई शहर भी स्मॉग और घने कोहरे की चपेट में आ गये है. गोरखपुर में इस प्रकार के कोहरे का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से सुबह से सड़कों पर अंधेरा छाया हुआ है. शहर का आलम यह है कि बड़े-बड़े वाहन भी इस कोहरे की वजह से काफी करीब पहुंचने पर ही देखे जा रहे हैं. जिससे चलते दुर्घटना का खतरा बना हुआ है.

घने कोहरे और प्रदूषण से लोग परेशान

जानें क्या है शहर का हाल-

  • घने कोहरे और स्मॉग से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा.
  • सुबह से शहर की सड़कों पर छाया है घना कोहरा.
  • सड़क पर चलने वाले भारी वाहनों से हादसे का खतरा भी बढ़ रहा.
  • प्रदूषण वैज्ञानिक ने बारिश से जमीन में हुई नमी की बात कही है.
  • पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. गोविंद पाण्डेय का कहना है कि कोहरा और बढ़ेगा.

गोरखपुर की सड़कों पर सुबह से ही इतना कोहरा बढ़ता जा रहा है कि सड़क पर गाड़ियां रेंगती हुई चल रही हैं. स्कूल जाने वाले बच्चों को कोहरे से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यही नहीं बस और टैक्सी के सहारे दूसरे जिले में जाकर नौकरी करने वाले लोग की परेशान हो रहे हैं. लोगों को घंटों वाहनों का इंतजार करना पड़ रहा है. गोरखपुर में घना कोहरे को लेकर प्रदूषण वैज्ञानिक का साफ कहना है कि सितंबर माह में सप्ताह भर हुई बारिश से जमीन में काफी नमी है. जिसके चलते धूप निकलने से और रात के समय जमीन ठंडी होने पर नमी बढ़ती है.

Intro:स्पेशल खबर है...सुबह-सुबह की मेहनत

गोरखपुर। धुंध और स्मॉग से जहां राजधानी दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहर परेशान हैं तो वही पूर्वांचल का हिस्सा भी जमीन में भारी नमी की वजह से घने कोहरे की चपेट में आ गया है। गोरखपुर में इस प्रकार के कोहरे का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से सुबह में सड़कों पर अंधेरा जैसा छाया हुआ दिखाई दे रहा है। आलम यह है कि बड़े-बड़े वाहन भी इस कोहरे के चपेट में काफी करीब पहुंचने के बाद देखे जा रहे हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना हुआ है तो उनके हेड लाइट का प्रकाश ऐसा दिखाई दे रहा है जैसे दूर कहीं दीपक जल रहा हो।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:गोरखपुर की सड़कों पर कोहरा सुबह में इतना घनघोर हो जा रहा है कि गाड़ियां रेंगती हुई चल रही हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए तो यह कोहरा मुसीबत बना हुआ है। यही नहीं बस और टैक्सी के सहारे दूसरे जिले में जाकर नौकरी करने वाले लोगों की भी इस कोहरे ने समस्या बढ़ा दी है। लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। उन्हें इस बात का भी डर है कि मौसम के प्रतिकूल असर से वह अपने गंतव्य तक समय से पहुंच भी पाएंगे कि नहीं। नवंबर माह में ही इस तरह के ठंड और कोहरे का लोगों को अनुमान नहीं था लेकिन वातावरण में कई तरह के हो रहे परिवर्तन से इस तरह की स्थितियां अचानक पैदा हो गई हैं जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बना है।

बाइट--अनुराग पाण्डेय, यात्री
बाइट--आशुतोष कुमार सिंह, यात्री


Conclusion:घने कोहरे की चपेट में गोरखपुर के आने के पीछे अनुभवी लोगों और प्रदूषण वैज्ञानिक का साफ कहना है कि सितंबर माह में सप्ताह भर हुई घनघोर बारिश से जमीन में काफी नमी है। और जब दिन में तेज धूप निकल रही है तो रात के समय जमीन ठंडी होने के साथ नमी को छोड़ती है। उन्होंने कहा कि यही नमी जब वातावरण में ऊपर तक नहीं पहुंच पाती तो घने कोहरे के रूप में बदल जाती है जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बनता है। किसान का माने तो इससे खेतों में पड़े बीज अंकुरित होने में समय लगेगा तो पर्यावरण विज्ञानी का कहना है कि जैसे जैसे धूप तेज होगी इसमें गिरावट आएगी।

बाइट--राम नारायण तिवारी, स्थानीय
बाइट--डॉ गोविंद पाण्डेय, पर्यावरण विशेषज्ञ

क्लोजिंग पीटीसी...
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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