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मरीजों को मिला सीएम का सहारा, इलाज के लिए 1200 लोगों को मिले 14 करोड़ - mukhyamantri vivekadhin kosh

मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष (Mukhyamantri Vivekadhin Kosh Uttar Pradesh) से गोरखपुर और आसपास के जिले के गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को काफी मदद मिली है. आइए जानते हैं कि इस योजना के बारे में लाभार्थियों का क्या कहना है...

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Published : Dec 26, 2022, 5:47 PM IST

मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मिली मदद के बारे में जानकारी देते लाभार्थी और नगर निगम के उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा

गोरखपुर: गंभीर बीमारी के साथ आर्थिक तंगी झेलने वाले गोरखपुर के अधिकांश पीड़ितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से बराबर मदद मिलती जा रही है. ऐसे पीड़ितों के आवेदन जहां जिलाधिकारी कार्यालय से संस्तुति के बाद शासन को फंड जारी करने के लिए भेजे जाते हैं. वहीं मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी कुछ फरियादी, फरियाद लेकर पहुंच जाते हैं. जिनका भी स्टीमेट तैयार होता है, उनके लिए मुख्यमंत्री फंड जारी कर देते हैं. करीब एक करोड़ की धनराशि प्रतिमाह गोरखपुर में पिछले कुछ महीनों से प्राप्त होती चली आ रही है.

वर्ष 2022 की बात करें तो लगभग बारह सौ लोगों को इस योजना के तहत 14 करोड़ की धनराशि इलाज के लिए मिली है. खास बात यह कि बीमारी से जूझ रहे लोगों को इलाज के लिए धन का इंतजार भी लंबे समय तक नहीं करना होता है. अस्पताल की डिमांड के हिसाब से 15 दिन से लेकर एक माह में भुगतान हो जाता है. इस सुविधा से तमाम लोगों ने बड़ी-बड़ी बीमारियों से जंग जीता है. आज वे लोग अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.

गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष (Mukhyamantri Vivekadhin Kosh Uttar Pradesh) से काफी मदद मिली है, वो चाहे कैंसर का मरीज हो या फिर किडनी, लीवर या हार्ट का मरीज. कुछ छोटी बीमारियों में भी लोगों को मदद मिली है. जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर रहे हैं, उन्हें 60 हजार से लेकर 6 से 10 लाख तक की मदद मिली है. शाहपुर निवासी अनुराग श्रीवास्तव, जो कोमा में चले गए थे, उन्हें मुख्यमंत्री ने दस लाख की मदद देकर उनकी जिंदगी वापस लौटा दी. इसी प्रकार कोरोना के बाद मुंह के कैंसर से जूझ रहे जवाहर लाल को सीएम योगी की मदद से इस जंग को जीतने में कामयाबी मिली है.

कैंसर रोग पीड़ित फातिमा को पीजीआई लखनऊ में इलाज के लिए 2 लाख 20 हजार रुपये मिले. वहीं, राजकुमार शर्मा जो किडनी रोग से पीड़ित थे, उन्हें भी पीजीआई में इलाज के लिए साढ़े 4 लाख रुपये की मदद मिली. अजय कुमार सिंह किडनी के इलाज के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये प्राप्त हुए. इसी प्रकार पूजा श्रीवास्तव हड्डी रोग के इलाज के लिए एक लाख 35 हजार रुपये मिले. हुमायूंपुर निवासी यासमीन को हार्ट के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये का भुगतान मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से हुआ. आजम को भी किडनी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री ने डेढ़ लाख रुपये दिए. उनका इलाज राम मनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ में हुआ. ऐसे प्रतिमाह कई लोगों को इस योजना के तहत लाभ मिला है. मुख्यमंत्री ने लोगों की खुलकर मदद की. सिर्फ गोरखपुर ही नहीं आसपास के जिले के लोग भी इस योजना से लाभान्वित हुए हैं. महाराजगंज की रहने वाली इंद्रावती देवी को भी 3 लाख रुपये इलाज के लिए मिला. ब्रेन कैंसर से जूझ रहे आकाश चौधरी को मुख्यमंत्री ने डेढ़ लाख रुपये की मदद मिली. आए दिन ऐसे मदद की खबरें मुख्यमंत्री कार्यालय से आती रहती हैं.

हिंदू युवा वाहिनी के निवर्मान नगर संयोजक और नगर निगम के उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा अकेले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने सिर्फ गोरखपुर ही नहीं आसपास से जो भी पीड़ित उनकी जानकारी में आया, या जिसने भी उनसे इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई, ऐसे पीड़ितों का आवेदन पत्र उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से, सभी साक्ष्य रिपोर्टों को लगाकर शासन तक भिजवाने का काम किया है. साथ ही मदद की धनराशि को तेजी के साथ पीड़ितों के अस्पताल तक पहुंचाने में मदद की है. यह योजना गोरखपुर के साथ पूरे प्रदेश में इलाज के लिए आर्थिक मदद की उम्मीद लगाए लोगों के लिए, बड़ी मददगार साबित हुई है. ऋषि मोहन वर्मा का कहना है कि अब तक करोड़ों लोगों को मुख्यमंत्री ने करीब 10 अरब रुपये की मदद पहुंचाई है. जो शायद किसी भी मुख्यमंत्री द्वारा इलाज के लिए दी जाने वाली मदद की सर्वाधिक रकम है.

यह भी पढ़ें: गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी तीसरी नजर का पहरा, पंचायत विभाग ने लगवाए 151 CCTV कैमरे

मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मिली मदद के बारे में जानकारी देते लाभार्थी और नगर निगम के उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा

गोरखपुर: गंभीर बीमारी के साथ आर्थिक तंगी झेलने वाले गोरखपुर के अधिकांश पीड़ितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से बराबर मदद मिलती जा रही है. ऐसे पीड़ितों के आवेदन जहां जिलाधिकारी कार्यालय से संस्तुति के बाद शासन को फंड जारी करने के लिए भेजे जाते हैं. वहीं मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी कुछ फरियादी, फरियाद लेकर पहुंच जाते हैं. जिनका भी स्टीमेट तैयार होता है, उनके लिए मुख्यमंत्री फंड जारी कर देते हैं. करीब एक करोड़ की धनराशि प्रतिमाह गोरखपुर में पिछले कुछ महीनों से प्राप्त होती चली आ रही है.

वर्ष 2022 की बात करें तो लगभग बारह सौ लोगों को इस योजना के तहत 14 करोड़ की धनराशि इलाज के लिए मिली है. खास बात यह कि बीमारी से जूझ रहे लोगों को इलाज के लिए धन का इंतजार भी लंबे समय तक नहीं करना होता है. अस्पताल की डिमांड के हिसाब से 15 दिन से लेकर एक माह में भुगतान हो जाता है. इस सुविधा से तमाम लोगों ने बड़ी-बड़ी बीमारियों से जंग जीता है. आज वे लोग अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.

गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष (Mukhyamantri Vivekadhin Kosh Uttar Pradesh) से काफी मदद मिली है, वो चाहे कैंसर का मरीज हो या फिर किडनी, लीवर या हार्ट का मरीज. कुछ छोटी बीमारियों में भी लोगों को मदद मिली है. जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर रहे हैं, उन्हें 60 हजार से लेकर 6 से 10 लाख तक की मदद मिली है. शाहपुर निवासी अनुराग श्रीवास्तव, जो कोमा में चले गए थे, उन्हें मुख्यमंत्री ने दस लाख की मदद देकर उनकी जिंदगी वापस लौटा दी. इसी प्रकार कोरोना के बाद मुंह के कैंसर से जूझ रहे जवाहर लाल को सीएम योगी की मदद से इस जंग को जीतने में कामयाबी मिली है.

कैंसर रोग पीड़ित फातिमा को पीजीआई लखनऊ में इलाज के लिए 2 लाख 20 हजार रुपये मिले. वहीं, राजकुमार शर्मा जो किडनी रोग से पीड़ित थे, उन्हें भी पीजीआई में इलाज के लिए साढ़े 4 लाख रुपये की मदद मिली. अजय कुमार सिंह किडनी के इलाज के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये प्राप्त हुए. इसी प्रकार पूजा श्रीवास्तव हड्डी रोग के इलाज के लिए एक लाख 35 हजार रुपये मिले. हुमायूंपुर निवासी यासमीन को हार्ट के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये का भुगतान मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से हुआ. आजम को भी किडनी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री ने डेढ़ लाख रुपये दिए. उनका इलाज राम मनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ में हुआ. ऐसे प्रतिमाह कई लोगों को इस योजना के तहत लाभ मिला है. मुख्यमंत्री ने लोगों की खुलकर मदद की. सिर्फ गोरखपुर ही नहीं आसपास के जिले के लोग भी इस योजना से लाभान्वित हुए हैं. महाराजगंज की रहने वाली इंद्रावती देवी को भी 3 लाख रुपये इलाज के लिए मिला. ब्रेन कैंसर से जूझ रहे आकाश चौधरी को मुख्यमंत्री ने डेढ़ लाख रुपये की मदद मिली. आए दिन ऐसे मदद की खबरें मुख्यमंत्री कार्यालय से आती रहती हैं.

हिंदू युवा वाहिनी के निवर्मान नगर संयोजक और नगर निगम के उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा अकेले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने सिर्फ गोरखपुर ही नहीं आसपास से जो भी पीड़ित उनकी जानकारी में आया, या जिसने भी उनसे इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई, ऐसे पीड़ितों का आवेदन पत्र उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से, सभी साक्ष्य रिपोर्टों को लगाकर शासन तक भिजवाने का काम किया है. साथ ही मदद की धनराशि को तेजी के साथ पीड़ितों के अस्पताल तक पहुंचाने में मदद की है. यह योजना गोरखपुर के साथ पूरे प्रदेश में इलाज के लिए आर्थिक मदद की उम्मीद लगाए लोगों के लिए, बड़ी मददगार साबित हुई है. ऋषि मोहन वर्मा का कहना है कि अब तक करोड़ों लोगों को मुख्यमंत्री ने करीब 10 अरब रुपये की मदद पहुंचाई है. जो शायद किसी भी मुख्यमंत्री द्वारा इलाज के लिए दी जाने वाली मदद की सर्वाधिक रकम है.

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