गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल यहां मरीज रामबदन को ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला, जिसके कारण मरीज को कंधे पर लादकर उसका भाई बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड पहुंचा, लेकिन वहां भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमित मरीज ने भाई के कंधे पर ही दम तोड़ दिया. वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इस मामले को लेकर कहा कि कॉलेज को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, स्ट्रेचर रोड पर नहीं अस्पताल में होता है.
इतना ही नहीं, जिस समय यह वाकया हुआ, उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर गोरखपुर और बस्ती मंडल के अधिकारियों के साथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ऑफिस में वर्चुअल बैठक कर रहे थे. सीएम के प्रोटोकॉल के तहत रामबदन के परिजनों को बाहर ही रोक दिया गया.
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, भटहट का रहने वाला रामबदन चौहान हैदराबाद में कारीगर का काम करता था. करीब सप्ताह भर पहले वह अपने गांव लौटा था और तभी से बीमार चल रहा था. वह कोविड का मरीज था. सोमवार को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद घरवालों ने मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस को बुलाया. मौके पर पहुंचे एंबुलेंस चालक ने मरीज को भटहट कस्बे में एक निजी अस्पताल पर इलाज के लिए ले गया, जहां डॉक्टरों ने मरीज की हालत को गंभीर देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज ले जाने की बात कही. इस बीच घरवालों ने मेडिकल कॉलेज चलने को कहा, जिस पर एंबुलेंस चालक ने नियमों का हवाला देते हुए मरीज को मेडिकल कॉलेज ले जाने में असमर्थता जाहिर की और कहा कि नई बुकिंग के बाद ही वह मरीज को फिर से सुविधा दे पाएगा
इस बीच रामबदन की बिगड़ती हालत को देखकर उसके परिजन उसको लेकर मोटरसाइकिल से ही मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हो गए. इस बीच मेडिकल कॉलेज में सीएम योगी का दौरा होना था, जिससे प्रबंधन ने कई तरह की व्यवस्थाओं को नियंत्रित कर दिया था. यही वजह है कि जब रामबदन नाम के मरीज को लेकर उसके परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो कोविड-19 वार्ड में जाने के लिए उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिल पाया, रामबदन की बिगड़ती तबीयत देखकर उसके भाई ने उसे अपने पीठ पर लादकर ही कोविड-19 वार्ड की तरफ दौड़ लगाना शुरू कर दिया.
![रामबदन को ले जाते परिजन.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-gor-01-video-viral-of-moving-the-patient-over-shoulder-by-tarinder-in-brd-pkg-up10013_11052021144204_1105f_1620724324_653.jpg)
रामबदन को लेकर भाई अभी कोविड वाइड के गेट पर पहुंचा ही था कि उसने दम तोड़ दिया. इसके बाद वहां कोहराम मच गया. वहीं कोविड वार्ड के जिम्मेदार लोग शव को अपने कब्जे में लेने और उसे सील बंद करने में भी काफी हीला हवाली करते रहे. मृतक गुलरिया थाना क्षेत्र के जंगलमाघी गांव का रहने वाला था, जो अपने छह भाइयों में सबसे छोटा था और उसके दो बच्चे भी हैं.
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वीडियो हुआ वायरल
इस मामले का वीडियो तेजी के साथ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहा है. एक तरफ सूबे के मुखिया संक्रमितों को समुचित इलाज देने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी मौजूदगी में बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन के दावों की हकीकत बयां कर रहा है.
क्या बोले मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य
इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के प्रधानाचार्य डॉ गणेश प्रसाद ने कहा कि निश्चित रूप से मेडिकल कॉलेज को बदनाम करने की यह कोशिश है. वार्ड तक ले जाने के लिए मरीज को स्ट्रेचर उपलब्ध कराया जाता है. अपने मरीज को परिजन पीठ पर ले जाने को क्यों मजबूर हुए, इसका पता लगाया जा रहा है. साथ ही मौके पर रहने वाले स्टाफ को यह हिदायत दी गई है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने पाए. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की कोशिश है कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाए. एम्बुलेंस के हीलाहवाली के संबंध में उन्होंने कहा कि इससे जुड़े जिम्मेदार लोग ही इसका जवाब देंगे.