गोरखपुरः यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ साल 2007 में दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण के मामले में वादी रहे परवेज परवाज और एक अन्य को गैंगरेप के आरोप में सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोविंद वल्लभ शर्मा की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है. साल 2018 के जून में एक महिला द्वारा गैंगरेप के आरोप में जुम्मन और परवेज परवाज के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. 65 साल के परवेज और जुम्मन ने उम्र को देखते हुए कम सजा देने की अपील की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है.
गोरखपुर सिविल कोर्ट के जिला सहायक अभियोजन अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि गोरखपुर में महमूद उर्फ जुम्मन बाबा और परवेज परवाज पर दुष्कर्म करने का आरोप सिद्ध हो गया है. ऐसे में जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोविंद बल्लभ शर्मा ने दोनों को सश्रम आजीवन कारावास एवं 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. ये वही परवेज परवाज हैं, जिसने 2007 में दंगों के दौरान रेलवे स्टेशन के समक्ष भड़काऊ भाषण देने का तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ पर केस दर्ज कराया था. राजघाट थाना क्षेत्र के तुर्कमानपुर मुहल्ला निवासी अभियुक्त महमूद उर्फ जुम्मन बाबा और परवेज परवाज दो साल से जेल में बंद रहे हैं.
जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह ने कहा कि वादी ने थाना राजघाट में बहला-फुसलाकर गैंगरेप की कोशिश का मामला दर्ज कराया था. परवेज परवाज के खिलाफ गैंगरेप का यह मामला पहली विवेचना में फर्जी पाया गया था, दोबारा विवेचना के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 2007 में कथित भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने के मामले में परवेज वादी है. परवेज परवाज को गोरखपुर पुलिस ने 25 सितंबर 2019 की देर रात गिरफ्तार कर लिया था. परवेज को साल 2018 में 4 जून को दर्ज कराए गए गैंगरेप के मामले में गिरफ्तार किया गया. यह केस पूर्व में हुई विवेचना में फर्जी पाया गया था और अंतिम रिपोर्ट अदालत को भेज दी गई थी. अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर इसकी फिर से विवेचना कराई गई, जिसमें उन पर आरोप के पर्याप्त सूबत मिले हैं. 64 वर्षीय परवेज परवाज ने रेप के इस मामले को फर्जी बताते हुए फेसबुक पोस्ट लिखकर इसमें गिरफ्तारी की आशंका जताई थी.
परवेज परवाज की ओर से अधिवक्ता मिफ्ताहुल इस्लाम ने परवेज परवाज और जुम्मन का पक्ष लेते हुए कहा कि फैसला पहले से जो तय था आजीवन होना है, हो गया. आज तारीख लगी थी, जिसमें सजा सुनाते हुए दोषी करार दे दिया गया. वादी के वकील ने कहा कि बिना किसी बहस के ही सीधे फैसला सुना दिया गया. हम आगे अपील में जाएंगे. ये पूरी तरह से इनोसेंट थे. आस्थाना की लेडी को मैनेज करके ये आरोप लगाया गया. परवेज परवाज सीएम योगी आदित्यनाथ के एक मामले में साल 2007-08 के एक प्रकरण में मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज रहा है, इसी के कारण ऐसा हुआ है. जिला जज भी तीन दिन पहले सीएम योगी से मिलने गए थे. ये फैसला पहले से ही तय कर लिया गया था.
परवेज परवाज और असद हयात ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (घटना के समय गोरखपुर के सांसद) पर 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर रेलवे स्टेशन गेट के सामने हेट स्पीच देने और गोरखपुर व आस-पास के जिलों में बड़े पैमाने पर हिंसा होने का आरोप लगाया था. इस मामले में दोनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में अदालत से हेट स्पीच और उसके कारण हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.