गोरखपुर: एक तरफ शासन और प्रशासन वैश्विक महामारी में लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस आपदा में भी अवसर तलाश कर जीवन रक्षक दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग करने में लगे हुए हैं. गोरखपुर में मुखबिर की सूचना पर ड्रग विभाग की टीम ने पुलिस के साथ रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे दो युवकों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. दोनो युवक नर्सिंग होम में काम करते हैं.
क्या है पूरा मामला
गोरखपुर की एक जरूरतमंद युवक ने किसी माध्यम से एक युवक को मोबाइल पर कॉल कर रेमडेसिवीर इंजेक्शन की जरूरत का हवाला दिया. दूसरी ओर कॉल पर मौजूद युवक ने 18 हजार रुपये में इंजेक्शन का एक वॉयल दिलाने की बात कही. युवक ने गोरखपुर के गोरखनाथ थाना क्षेत्र के धर्मशाला बाजार के पास मंगलवार की शाम 4 बजे जरूरतमंद युवक को इंजेक्शन देने के लिए बुलाया. इस बीच युवक ने उसकी बात का ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया और ड्रग विभाग में इसकी शिकायत कर दी.
ड्रग विभाग की टीम ने की कार्रवाई
ड्रग विभाग की टीम ने शिकायत और ऑडियो को गंभीरता से लिया और तय समय पर ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह के नेतृत्व में सादी वर्दी में पुलिस वालों के साथ युवक को इंजेक्शन लेने के लिए भेजा. जैसे ही दो वॉयल इंजेक्शन लेकर आए दो युवक इंजेक्शन देकर 18 हजार रुपये लेने के लिए आगे बढ़े, वैसे ही मौजूद टीम ने पुलिस के सहयोग से दोनों युवकों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने दी जानकारी
इस संबंध में गोरखपुर के ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि दो युवकों को शिकायत के बाद रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. दोनों युवकों के पास से दो रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी बरामद किया गया है. शिकायतकर्ता द्वारा एक ऑडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराया गया था, जिसमें रेमडेसिवीर इंजेक्शन के नाम पर कालाबाजारी की जा रही थी. दोनों युवक शहर के अलग-अलग नर्सिंग होम में काम करते हैं. संजीत कुमार गुप्ता नामक युवक फार्मासिस्ट की पढ़ाई के साथ ही शहर के गर्ग हॉस्पिटल में काम करता है. दूसरा युवक पी सी नर्सिंग होम में काम करता है, उसका नाम दीपक चौरसिया है. उनके पास से दो भरी वॉयल और एक खाली वॉयल रेमडेसिवीर की शीशी भी मिली है. दोनों ने शिकायतकर्ता को 18 हजार रुपये में इंजेक्शन देने की बात कही थी, जबकि एमआरपी केवल 1299 है.